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बिहार में बाढ़ का विकराल रूप

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा नदी में जमी गाद (सिल्ट) के लिए फरक्का डैम को जिम्मेवार ठहराते हुए आज कहा कि इस डैम को हटाए बिना गंगा में गाद की समस्या समाप्त नहीं हो सकती. पटना स्थित मुख्य सचिवालय में गंगा सहित अन्य नदियों के जलस्तर बढने से उत्पन्न बाढ की स्थिति की आज समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने कहा कि गंगा नदी सिल्टेशन (गाद जमा)के कारण छिछली हो गयी है जिस कारण से उसमें पानी आने पर उसके आसपास के इलाके में पानी का फैलाव होता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो बाढ की स्थिति उत्पन्न हुई है उसका प्रमुख कारण गंगा नदी का सिल्टेशन है.उन्होंने कहा कि फरक्का डैम बनने के बाद से गंगा नदी में गाद जमा होने लगा है जिससे यह स्थिति बन गयी है. गंगा नदी आज छिछली हो गयी है.नीतीश ने कहा कि पिछले दस वर्षों से वे केंद्र सरकार के सामने यह सवाल निरंतर उठा रहे हैं. गंगा नदी की गहराई घट रही है जिस कारण से पानी आने पर उसका आसपास के इलाके में फैलाव हो जाता है. उन्होंने कहा कि वे भारत सरकार से अपील करते हैं कि सिल्ट मैनेजमेंट के लिए नीति बनायी जाय.

नीतीश ने कहा कि तत्काल केंद्र सरकार को एक बार स्वयं आकर पूरी स्थिति को देखना चाहिये तो उन्हें सही कारण का पता लग जायेगा। इसके लिये केंद्र सरकार को सोचना चाहिये.उन्होंने कहा कि डा0 मनमोहन सिंह की जब सरकार थी उस समय भी और आज नरेन्द्र मोदी की सरकार है उनके द्वारा यह सवाल निरंतर उठाया जा रहा है. सिल्ट डिपाजिट हटाने का एक मात्र रास्ता है, फरक्का डैम को हटाना. इसके अलावा कोई और रास्ता है तो केंद्र सरकार बताये तथा उस पर काम करे.नीतीश ने सिल्ट मैनेजमेंट के कार्य को आवश्यक बताते हुए कहा कि गंगा नदी में सिल्ट जमा होने से रोकने का उपाय केंद्र सरकार निकाले नहीं हो आने वाले वर्षों में और भयावह स्थिति हो सकती है.
* बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सभी अधिकारियों की छुटटी रदद

बाढ़ की भयानक रूप को देखते हुए सभी अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर गयी है. बाढ़ की समिक्षा करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अधिकारियों की छुटटी रदद कर दी गयी है तथा बाढ़ प्रभावित जिलों में आवश्यकतानुसार अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जा रही है.

समीक्षा बैठक में जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, आपदा प्रबंधन मंत्री चन्द्रशेखर, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी के ठाकुर, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्याज जी जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह तथा अन्य संबंधित विभागों के प्रधान सचिव अथवा सचिव सहित मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार एवं मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा सहित अन्य अधिकारी उउपस्थित थे.

मुख्य सचिवालय स्थित सभाकक्ष में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के तुरंत बाद मुख्य सचिव के साथ मुख्यमंत्री ने आज बाढ़ की स्थिति का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने पटना, आरा, छपरा, वैशाली, बेगूसराय एवं खगडिया जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया.

हवाई सर्वेक्षण से लौटने के के बाद उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि बाढ़ राहत कार्य को युद्धस्तर पर चलाया जाय और जहां-जहां सड़क संपर्क टूटा है उसे पूर्व स्थिति में लाने की कार्रवाई तेजी से की जाय.

* इन जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्‍पन्‍न हो गयी हैं

आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक गंगा नदी के बढ़े जलस्तर एवं तेज जलप्रवाह के कारण इस नदी के किनारे अवस्थित जिलों यथा बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगडिया, मुंगेर, भागलपुर एवं कटिहार में कमोबेश बाढ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. पटना, वैशाली, भोजपुर एवं सारण जिला के दियारा क्षेत्र बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं.

* 15 हजार से अधिक लोगों को बचाया गया

बाढग्रस्त इलाके से अबतक निकालकर लाए गए 15 हजार लोगों को 82 राहत शिविरों में रखा गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 1326 नावों का परिचालन किया जा रहा है तथा सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं.