Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/बेघरों-का-होगा-अपना-घर-7845.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | बेघरों का होगा अपना घर | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

बेघरों का होगा अपना घर

प्रभात खबर,पटना: बिहार के सभी बेघरों व भूमिहीनों को घर का अधिकार मिलने जा रहा है. इसके लिए कानून का मसौदा तैयार हो गया है. देश के किसी भी दूसरे राज्य में ऐसा कानून नहीं है. अगर सब ठीक रहा और यह कानून का रूप ले लेता है तो बिहार ऐसा कानून लागू करने वाला पहला राज्य होगा. मालूम हो कि जमींदारी उन्मूलन कानून लागू करने वाला पहला राज्य बिहार ही है.

भूमिहीनों के लिए बननेवाले इस कानून को बिहार वासभूमि अधिकार अधिनियम, 2014 के नाम से जाना जायेगा. बताया जाता है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने प्रस्तावित कानून का मसौदा तैयार कर लिया है और उसे उच्च स्तर पर मंजूरी के लिए भेजा गया है. इस कानून की खासियत यह होगी कि इसके तहत सामान्य जाति के भूमिहीन गरीबों को भी घर बनाने को जमीन मिलेगी. राज्य मंत्रिपरिषद की मंजूरी के बाद इसे विधानमंडल में पेश किया जायेगा.

इस कानून के लागू हो जाने के बाद ग्रामीण इलाकों के भूमिहीन और बेघर कम से कम उतनी भूमि के हकदार हो जायेंगे जिसपर वे अपना घर बना सकें और बचे हुए भू खंड पर अपने जीवनयापन कर सकें. इस कानून के लागू होने के छह माह के भीतर राज्य सरकार को इस बात की जानकरी देनी होगी कि वह कैसे राज्य के बेघर भूमिहीन परिवारों को वासगीत भूमि का अधिकार देगी. इस कानून के तहत गरीब विधवाओं, अकेली रह रही गरीब महिलाओं और तलाकशुदा महिलाओं को एक परिवार के रूप में माना जायेगा.

क्या है वासभूमि कानून

राज्य का हर भूमिहीन और बेघर परिवार सरकार की ओर से तय वासगीत भूमि पाने का हकदार होगा. इस कानून के तहत मिली जमीन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के पास जा सकती है लेकिन उसे बेचा नहीं जा सकता है. इस कानून को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा. कानून के अस्तित्व में आ जाने के पांच वर्षो के भीतर सभी बेघर और भूमिहीन परिवारों को इसकेतहत लाया जायेगा.

फिलहाल क्या : फिलहाल राज्य में गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाली एससी-एसटी आबादी को तीन डिसमिल जमीन देने की व्यवस्था है. इसी समुदाय की शहरी आबादी को अब पांच डिसमिल जमीन देने की तैयारी है.

किसके नाम पर होगी जमीन

वासगीत भूमि का परिवार की व्यस्क महिला के नाम पर होगी. वयस्क महिला सदस्य नहीं होने पर व्यस्क पुरुष के नाम पर होगी जमीन.

किसे मिलेगी जमीन

राज्य के सभी बेघर और भूमिहीन परिवार इस कानून के दायरे में आयेंगे.

प्राथमिकता : इस कानून के तहत महादलित, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग, गरीब विधावाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अकेली रह रही महिलाओं को जमीन देने में प्राथमिकता दी जायेगी. इसके बाद ही इस कानून के तहत दूसरे परिवारों को लाभ पहुंचाया जायेगा.

किसे नहीं मिलेगा कानून से फायदा : वैसे परिवार जिनकी सालाना आमदनी डेढ़ लाख या उससे अधिक है.

वैसे परिवार जिनके पास खेती योग्य जमीन है और उसे रहने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

घर से जुड़ी है पहचान व गरिमा : व्यास जी

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने प्रस्तावित कानून के बारे में केवल इतना कहा कि घर से आदमी को पहचान मिलती है. इससे उसकी गरिमा भी जुड़ी हुई है. इस कानून के अस्तित्व में आने से बेघरों व भूमिहीनों को घर के लिए जमीन पाने का अधिकार कानूनन मिल जायेगा.