Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/भ-रत-और-च-न-क-व-व-द-क-क-र-ब-र-पर-क-तन-असर-पड.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | भारत और चीन के विवाद का कारोबार पर कितना असर पड़ा? | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

भारत और चीन के विवाद का कारोबार पर कितना असर पड़ा?

-बीबीसी,

भारत और चीन के बीच बिगड़ते रिश्ते इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि पिछले कुछ सालों में भले ही दोनों देशों में गर्मजोशी दिखी, लेकिन उनके बीच कुछ मूलभूत विवाद अभी भी बने हुए हैं.

ऐसे में दोनों देशों के आपसी रिश्तों के भविष्य को लेकर भारत की विदेश नीति की भूमिका काफ़ी अहम हो जाती है.

भारत की पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव कहती हैं कि "पिछले 45 सालों में एलएसी पर एक भी गोली नहीं चली, लेकिन गलवान की घटना के कारण अब सब कुछ बिखरा हुआ नज़र आ रहा है."

पिछले एक दशक में भारत का चीन के प्रति दोस्ताना रवैया रहा है. चीन ने भारत में निवेश भी किया है और दोनों देश व्यापार करते रहे हैं.

सीमा पर विवाद के बाद भारत का चीनी मोबाइल एप्स पर बैन लगाना भी एक सीमित क़दम था.

यूरेशिया समूह के अध्यक्ष इएन ब्रेमर मानते हैं कि 'भारत सीमा पर विवाद को बढ़ावा नहीं देना चाहता.'

उन्होंने बीबीसी को बताया, "ये बहुत साफ़ है कि भारत की सेना चीनी सेना की गोलीबारी की क्षमता के आसपास भी नहीं है और वह सीमा पर चीन के साथ विवाद को बढ़ाना नहीं चाहते, लेकिन भारत के पास एक बहुत लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं और चीन के ख़िलाफ बोलकर अपनी राष्ट्रवादी छवि को निखारना उन्हें राजनीतिक फ़ायदा पहुँचाता है, इससे देश में इंडस्ट्री को भी मदद मिलती है और भारतीयों के लिए चीन के ख़िलाफ अपने पसंद के क्षेत्र में वापस आने का यह एक प्रभावी तरीका है."

भारत चीन के बीच व्यापार
भारत और चीन के बीच सामानों के आपसी व्यापार के विकास की कहानी उत्साहजनक है.

साल 2001 में इसकी लागत केवल 3.6 अरब डॉलर थी. साल 2019 में द्विपक्षीय व्यापार लगभग 90 अरब डॉलर का हो गया.

चीन भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है.

ये रिश्ता एक तरफा नहीं है. अगर आज भारत सामान्य दवाओं के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है तो इसमें चीन का भी बड़ा योगदान है, क्योंकि सामान्य दवाओं के लिए कच्चा माल चीन से आता है.

व्यापार के अलावा दोनों देशों ने एक दूसरे के यहाँ निवेश भी किया है, लेकिन अपनी क्षमता से कहीं कम.

साल 1962 के युद्ध और लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल में सालों से जारी तनाव के बावजूद आपसी व्यापार बढ़ता आया है.

भारत की तरफ़ से ये शिकायत रहती है कि द्विपक्षीय व्यापार में चीन का निर्यात दो-तिहाई है.

भारत-चीन के बीच 50 बिलियन डॉलर के व्यापार घाटे को देखते हुए, इससे अधिक कठोर क़दम उठाना भारत को उल्टा पड़ सकता है.

भारत के लिए ज़रूरी है कि वो संभलकर क़दम उठाये. उसे इलाके में अपनी भू-राजनीतिक महत्वकांक्षाओं के साथ-साथ आर्थिक ज़रूरतों का भी ध्यान रखना होगा.

चीन और भारत एक दूसरे के उत्पादकों के लिए बड़े बाज़ार हैं.

साथ ही अमरीका और पश्चिमी देशों के लिए भी ये दोनों देश सबसे बड़े और आकर्षक बाज़ार हैं.

पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.