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भरे गले से बोल फूटे, कामरेड बसु लाल सलाम

कोलकाता, जागरण ब्यूरो : जीते जी कई मायनों में मिथक बने ज्योति बसु मंगलवार को हमेशा के लिए यादों में तब्दील हो गए। मौत से चंद रोज पहले तक राजनीतिक मार्गदर्शन के लिए उपलब्ध रहे ज्योति बाबू ने मरने के बाद भी अपनी उपयोगिता बरकरार रखी। उनकी इच्छा के अनुसार मृत देह चिकित्सा के विद्यार्थियों को दे दी गई। कोलकाता में एकत्रित लाखों लोगों ने मंगलवार की शाम कामरेड को आखिरी बार 'लाल सलाम' किया। डूबता सूरज भी अपनी लालिमा के साथ कुछ देर ठहरा, 'विरोधाभासी कम्युनिस्ट' को उसने भी सलामी दी और अस्त हो गया। पीस हैवेन से सुबह करीब आठ बजे बसु का पार्थिव शरीर अलीमुद्दीन स्ट्रीट स्थित माकपा के राज्य मुख्यालय मुजफ्फर अहमद भवन लाया गया। यहां पार्टी नेताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। करीब सवा दस बजे उनका पार्थिव शरीर राइटर्स बिल्डिंग लाया गया, जहां मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य और मुख्य सचिव ने उनके पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। करीब पौने ग्यारह बजे उनका पार्थिव शरीर उस विधानसभा परिसर पहुंचा , जो बसु के लंबे राजनीतिक जीवन का गवाह रहा था। इस दौरान जिन रास्तों से शव गुजरा उन पर लाखों लोगों की शोकाकुल खड़ी भीड़ ने नम आंखों से बसु को विदाई दी। विधानसभा परिसर में व्यवस्थित ढंग से दिवंगत नेता के अंतिम दर्शन और श्रद्धा सुमन अर्पित करने की प्रक्रिया लगभग क्0.भ्0 बजे शुरू हुई। सबसे पहले राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के प्रतिनिधि के तौर पर सेना के जवानों ने दिवंगत कामरेड के पार्थिव शरीर पर राष्ट्रीय झंडा रख कर सलामी दी। उसके बाद उप राष्ट्रपति के प्रतिनिधि, राज्यपाल देवानंद कुंवर और मुख्यमंत्री बुद्धदेव भंट्टाचार्य ने माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके बाद अंतिम सलाम व अंतिम विदाई देने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह शाम तक अबाध चला। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजिद, केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, केंद्रीय मंत्री शरद पवार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार, केरल के मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन, झारखंड के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू, माकपा महासचिव प्रकाश करात, वृंदा करात, सीताराम येचुरी और अमर सिंह ने एक के बाद एक दिवंगत कामरेड के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष हाशिम अब्दुल हलीम, विपक्ष के नेता पार्थ चटर्जी, कांग्रेस विधायक दल के नेता मानस भुइंया और सांसद सोमेन मित्रा सहित राज्य के मंत्रियों और सभी दलों के सांसदों व विधायकों ने भी दिवंगत नेता को अंतिम प्रणाम किया। बांग्लादेश के अधिकांश मंत्री बसु की अंतिम यात्रा में शामिल हुए जिसमें विदेश व गृह मंत्री प्रमुख थे। भूटान व अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी बसु के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धा अर्पित की। प्रमुख व्यक्तियों के अतिरिक्त बसु को अंतिम अभिवादन के लिए विभिन्न जन संगठनों, ट्रेड यूनियनों तथा विभिन्न संप्रदाय व दलों के प्रतिनिधियों का तांता लगा रहा। दूसरी तरफ जनसाधारण की खत्म न होने वाली कतारें भी थीं। अधिकतर के हाथ में बसु की तस्वीर थी। जन सैलाब के बीच सेना के जवानों ने बसु का पार्थिव शरीर विधानसभा परिसर से निकाला। विधानसभा परिसर से बसु की अंतिम यात्रा शुरू हुई जो ज्योति बसु लाल सलाम और ज्योति बसु अमर रहे के उद्घोष के साथ आगे बढ़ी। कोलकाता पुलिस के बैंड पर राष्ट्रीय धुन व कामरेडों के शोक गीत के बीच शव यात्रा रवींद्र सदन के सामने जाकर खत्म हुई। वहां दिवंगत कामरेड को कोलकाता व राज्य पुलिस के जवानों ने गार्ड आफ आनर और ख्क् तोपों की सलामी दी। इसके बाद पार्थिव शरीर को एसएसकेएम अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिया गया। अस्पताल में शव का इस्तेमाल चिकित्सकीय अध्ययन और अनुसंधान में किया जाएगा। माकपा के राज्य सचिव विमान बोस ने बसु के पार्थिव शरीर को एसएसकेएम अस्पताल के तीन चिकित्सकों को सौंपा।