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मध्याह्न भोजन से दो छात्राएं मरीं, 300 बीमार

सीतामढ़ी/रून्नीसैदपुर। रून्नीसैदपुर प्रखंड के हरसिंगपुर मध्य विद्यालय में मध्याह्न भोजन खाने के बाद तीन सौ छात्र-छात्राएं बीमार हो गए, जिनमें दो छात्राओं की मौत हो गई है। वहीं, बीस से ज्यादा बच्चों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। इस घटना के बाद प्रधान शिक्षक फरार हो गए हैं। गंभीर रूप से बीमार बच्चों को चिकित्सा के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य का इलाज गांव में ही मेडिकल टीम कर रही है। सूचना मिलते ही डीएम विमला नन्द झा व एसपी अनवर हुसैन अधिकारियों की टीम के साथ हरसिंगपुर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इस क्रम में विद्यालय से लेकर मृत छात्राओं के परिजन व ग्रामीणों से गहन पूछताछ की। डीएम ने स्कूल के प्रधान शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की बात भी कही है। यह भी कहा है कि पोस्टमार्टम में यदि साबित होता है कि फूड प्वायजनिंग है, तो मध्याह्न भोजन के प्रभारी से लेकर प्रधान शिक्षक तक पर कार्रवाई होगी। जिला शिक्षा अधीक्षक मनोज कुमार वर्मा ने भी डीएम की बात को दोहराया। डीएम के आदेश पर मेडिकल टीम गांव में शिविर लगा कर बीमारी बच्चों का इलाज कर रही है। मेडिकल टीम ने विद्यालय से सड़े चावल व मसाला की जांच के लिए नमूना ले लिया है। मृत छात्राओं में देवेन्द्र भगत की 13 वर्षीया पुत्री संगीता व मुखन भगत की 11 वर्षीया पुत्री नीलम शामिल हैं। गंभीर रूप से बीमार बच्चों को सदर अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है, इनमे हरसिंगपुर के रामउदार भगत के पुत्र नवीन व नीतेश, रामनरेश भगत के पुत्र विजय व मिथिलेश, देवेन्द्र के पुत्र उत्तम, मनोहर भगत के पुत्र राम कुमार, रघुवंश साह के पुत्र सूरज, शिव लाल का पुत्र विरेन्द्र, नागेन्द्र भगत के पुत्र नवीन व राम चरण भगत की पुत्री राम दुलारी समेत कई छात्र-छात्राएं शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार, मंगलवार को स्कूल में बच्चों को खाने के लिए खिचड़ी दी गई। खिचड़ी में दुर्गध से बच्चे नहीं खा रहे थे। लेकिन शिक्षक के डांटने पर खाने लगे। सभी ने थोड़ी सी खिचड़ी खाकर छोड़ दिया। परंतुृ, संगीता व नीलम भर पेट खिचड़ी खाई। घर जाने के बाद दोनों को उल्टियां होने लगीं, जिसे अभिभावकों ने गंभीरता से नहीं लिया। बुधवार को भुखन भगत की पुत्री नीलम की हालत खराब हो गई और जब तक परिजन समझ पाते उसकी मौत हो गई। इसी क्रम में देवेन्द्र की पुत्री संगीता की भी मौत हुई। इसके पश्चात गांव में अफरातफरी मच गई और किसी को समझते देर न लगी कि खिचड़ी खाने से यह घटना घटी है। इधर, बाकी बच्चे भी बीमार होने लगे। खिचड़ी खाए अन्य बच्चों को भी उल्टियां होने लगीं। तब ग्रामीणों ने इसकी सूचना थाना पुलिस को दी। बाद में अधिकारियों को जानकारी दी गई। इस घटना के बाद प्रधान शिक्षक फरार हैं। शिक्षक ने शेष खिचड़ी व चावल को गड्ढा खोद कर दफन कर दिया। अधिकारियों ने गड्ढे से चावल व खिचड़ी को निकलवा कर जांच के लिए भेजा है। इधर, डीएम ने कहा कि शिक्षक के गायब होने से ही वह शक के दायरे में आ रहा है। डीएम ने मेडिकल टीम को तीन दिनों तक गांव में रह कर बच्चों की समुचित इलाज करते रहने का आदेश दिया है।