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माताओं-शिशुओं की देखभाल को ई-महतारी योजना

रायपुर। छत्तीसगढ़ में माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए ई महतारी योजना शुरू की जा रही है, जिसके तहत राज्य में माताओं और शिशुओं की जानकारी की प्रणाली हाईटेक हो जाएगी।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यहां बताया कि राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ की माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल की प्रणाली को हाईटेक किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा ई-महतारी के नाम से नई योजना शुरू की जा रही है, जिसके अन्तर्गत माताओं और शिशुओं का सम्पूर्ण डाटा ऑन लाइन रहेगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत महिला बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को एस.एम.एस. आधारित मोबाइल सिस्टम दिए जाएंगे, जिसके माध्यम से माताओं और शिशुओं का स्वास्थ्य संबंधी डाटा एस.एम.एस. के जरिए सर्वर को प्राप्त हो सकेगा।

राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अमर अग्रवाल ने बताया कि ई-महतारी बच्चों और माताओं की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी रखने की ऑनलाइन ट्रैकिंग प्रणाली है। इसके अन्तर्गत ग्रामवार प्रत्एक गर्भवती माता एवं शिशुओं का पंजीयन और उन्हें प्रदान किए जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का कम्प्यूटरीकरण किया जाएगा। यह जानकारी ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत ए.एन.एम. के माध्यम से संकलित कर सर्वर में अपलोड की जाएगी।

अग्रवाल ने बताया कि इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किस क्षेत्र में किस महिला अथवा शिशु का टीकाकरण छूट गया है अथवा ऐसी कौन-कौन गर्भवती माताएं हैं, जिनका अस्पताल में प्रसव कराया जाना अनिवार्य है, की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। माताओं और शिशुओं से संबंधित पूरी जानकारी ऑनलाइन होने से टीकाकरण से छूटी माताओं और बच्चों के लिए जॉब चार्ट बनाकर ए.एन.एम. को भेजे जाएंगे।

इससे टीकाकरण एवं लक्षित हितग्राहियों की सूची तैयार करने और गांवों में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं से छूटे व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में भी मदद मिलेगी। इसी तरह ए.एन.एम. को मोबाइल सुविधा दिए जाने से माताओं और शिशुओं की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी तो मिलेगी ही, इसके साथ ही गांव में महामारी आदि की स्थिति की तुरंत जानकारी मुख्यालय को मिल सकेगी।

इसके लिए ए.एन.एम. द्वारा सीधे सर्वर में एस.एम.एस. किया जाएगा। यह एस.एम.एस. तुरंत संबंधित विकासखंड चिकित्सा अधिकारी को भेजा जाएगा और चार दिन के भीतर कार्रवाई नहीं होती तो वह एस.एम.एस. स्वास्थ्य संचालनालय को भेजा जाएगा।

उन्होंने बताया कि माताओं और शिशुओं की स्वास्थ्य संबंधी पूरी जानकारी होने से राज्य में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिलेगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से रोजाना ऑनलाइन रिपोर्टिंग हो रही है। अब सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को इंटरनेट के माध्यम से जोड़ने की कार्रवाई की जा रही है। इससे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के दैनिक बाह्य रोगी, अंत: रोगी तथा अन्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी संकलित की जा सकेगी। भारत सरकार की नेशनल ब्राडबैंड प्रोनेट्रेशन स्कीम के तहत सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को इंटरनेट से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।