Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/मानसून-में-देरी-धान-की-खेती-पर-मंडराया-संकट-किसान-चिंतित-4900.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | मानसून में देरी: धान की खेती पर मंडराया संकट, किसान चिंतित | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

मानसून में देरी: धान की खेती पर मंडराया संकट, किसान चिंतित

बल्लभगढ़. मानसून आने में देरी और बिजली की किल्लत के चलते जिले में धान सहित अन्य फसलों की खेती पर संकट मंडरा रहा है। किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें झलकने लगी हैं। 15 जून से धान की रोपाई शुरू हो जाती है, लेकिन अभी तक नाममात्र ही रोपाई हुई है। किसानों का कहना है कि न बारिश हो रही न बिजली मिल रही, इसलिए ऐसे में धान की रोपाई नहीं हो सकती है।

बरसात की स्थिति: पिछले साल जून में जिले में 97.66 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। जबकि इस बार प्री मानसून बारिश न के बराबर हुई है। साथ ही मॉनसून का भी अभी तक अता-पता नहीं है। किसानों की निगाहें अब आसमान की तरफ टिकी हुई हैं।

कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार मई 2011 में फरीदाबाद में 5 एमएम, बल्लभगढ़ में 5 एमएम और छायंसा में 4 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। जबकि इस साल मई माह में पूरे जिले में कोई बारिश नहीं हुई। जून 2011 में फरीदाबाद में 147 एमएम, बल्लभगढ़ में 87 एमएम और छायंसा में 59 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। बारिश का औसत 97.66 एमएम दर्ज किया गया था। इस साल जून में बारिश का औसत मात्र 13 एमएम रहा है।

व्यापक स्तर पर खेती: जिले में धान की रोपाई करीब 4 हजार हेक्टेयर में की जाती है। जिले के किसान मोटे किस्म के अतिरिक्त मध्यम व बासमती धान की खेती करते हैं। धान की बेहतर फसल के लिए किसान निर्धारित अवधि में ही धान की नर्सरी की रोपाई करते हैं। जिले में कम अवधि वाली बौनी किस्म की रोपाई किसान 15 जून से 15 जुलाई तक, मध्यम अवधि वाली बौनी किस्म की रोपाई 15 जून से 7 जुलाई तक तथा बासमती धान की रोपाई जुलाई के पहले पखवाड़े में करते हैं, लेकिन इस बार किसानों ने अभी तक केवल मात्र 100 हेक्टेयर भूमि में धान की रोपाई की है।

क्या कहता है ज्योतिष

ज्योतिषियों ने भी सावन में बारिश की झड़ी लगने के संकेत दिए हैं। ज्योतिषी डॉ. बांके बिहारी के अनुसार गणना के मुताबिक जल स्तंभ 35 फीसदी रहने के कारण सावन माह में मानसून सामान्य रहेगा। उनका कहना है कि 4 जुलाई से बारिश की संभावना बन रही है।

क्या कहते हैं कृषि अधिकारी

जिला कृषि विभाग के तकनीकी सहायक भगवान सिंह यादव के अनुसार मानसून लेट होने व बिजली संकट की वजह से धान की रोपाई न के बराबर हो रही है। हर वर्ष जुलाई के शुरू तक करीब 25 सौ हेक्टेयर भूमि पर धान की रोपाई हो जाती थी, लेकिन इस बार मुश्किल से जिले में अभी तक 100 हेक्टेयर में धान की रोपाई हो पाई है।

बिजली का बुरा हाल

मोहना गांव के किसान रमेश कुमार का कहना है कि न बारिश हो रही और न बिजली मिल रही। किसान ट्यूबवेल से खेत भरकर धान की रोपाई करते हैं, लेकिन इस बार बिजली बिल्कुल नहीं मिल रही। लढहौली के किसान बलबीर सिंह का कहना है कि बिजली निगम ट्यूबवेलों पर केवल 3 से 4 घंटे की बिजली दे रहा है। इससे धान की रोपाई नहीं हो सकती है।

क्या कहता है मौसम विभाग

चंडीगढ़ स्थित मौसम विभाग के निदेशक डॉ. सुंदर पाल कहते हैं कि चिंतित होने जैसी कोई बात नहीं है। हरियाणा व हिमाचल में बारिश की संभावना बन रही है। 5, 6 व 7 जुलाई को बारिश हो सकती है। इस सप्ताह के अंत तक मानसून आने की पूरी संभावना है।