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मिड-डे मील मिला नहीं तो बच्चों ने खा लिए रतनजोत, 65 बेसुध

हिसार. एचएयू स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल के 65 विद्यार्थियों की बुधवार को जटरोफा के बीज खाने से तबीयत बिगड़ गई। कारण स्कूल में पिछले दो महीने से मिड डे मील न मिलना रहा। नाश्ते के बाद दोपहर तीन बजे तक भूखे रहे इन बच्चों ने स्कूल के साथ लगे पेड़ से जटरोफा के बीज खा लिए। किसी ने पांच तो किसी ने छह खाए।


बच्चों के घर पहुंचते ही उल्टी और पेट दर्द शुरू हो गया। बीमार बच्चों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना मिलने के आधे घंटे बाद जिला शिक्षा अधिकारी और एक घंटे बाद प्राइमरी स्कूल की हेड अस्पताल में पहुंचीं।


स्कूल में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे एचएयू की लेबर बस्ती के हैं। इन बच्चों को करीब दो महीने से मिड डे मील नहीं मिल रहा है। ऐसे में दिनभर पढ़ाई के बाद जब बच्चों को भूख लगी तो छुट्टी होते ही स्कूल परिसर में जटरोफा के पेड़ के बीज खा लिये। बच्चे अभी घर पहुंचे ही थे कि उल्टियां और पेट दर्द से रोने लगे। बच्चों को नजदीक के प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया, जहां तबीयत में सुधार न होता देख सभी को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया।


बच्चे बोले, भूख लगी थी


सिविल अस्पताल में तबीयत खराब होने पर पहुंचे बच्चों के साथ उनके परिजन भी थे। यहां गीता नाम की छात्रा से जब उसकी मां ने जटरोफा खाने का कारण पूछा तो सारी स्थिति साफ हो गई। छात्रा ने अपनी मां को बताया कि स्कूल में आधी छुट्टी के समय खाना नहीं मिलता। दोपहर तक उनको भूख लग जाती है। बुधवार तीन बजे जब वे स्कूल से निकल रहे थे तो उसने पहले एक जटरोफा तोड़ा और छील कर देखा तो वह मूंगफली की गिरी की तरह था। उसने इसे खाया तो यह स्वाद में पहले नमकीन लगा। इसके बाद अन्य बच्चों ने इसे खाना शुरू कर दिया।


केमिकल होते हैं जटरोफा में


एचएयू के एक वैज्ञानिक ने बताया कि जटरोफा के बीज में मिट्टी के तेल जैसे केमिकल होते हैं। जैसे ही इसे खाया जाता है तो पेट पर सबसे पहले प्रभाव होता है। गैस बनती है और जी घबराने के साथ उल्टियां आती हैं।


नहीं मिल रहा मिड-डे मील: इंचार्ज


प्राइमरी स्कूल की इंचार्ज गुणवंती खरब ने कहा कि बच्चों ने स्कूल की छुट्टी के बाद जटरोफा खाए हैं। अभी इन कारणों का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों को दो महीने से मिड डे मील भी नहीं मिल रहा है।


इमरजेंसी रूम में अफरा-तफरी


सिविल अस्पताल के एमरजेंसी रूम में एक साथ 65 बच्चों के आने पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। बच्चों के उपचार के लिए 15 नर्सो को तैनात किया गया। बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सुमिता और डॉ. संजीव को भी अस्पताल में बुलाया गया। डॉ. सुमिता ने बताया कि बच्चों ने जो बीज खाया है वह जहरीला था। इससे बच्चों को उल्टियां आ रही हैं। अगर बच्चे ये बीज ज्यादा संख्या में खा लेते तो कुछ भी हो सकता था।


फिलहाल कोई भी बच्चा खतरे में नहीं है। इन बच्चों को सामान्य होने में अभी समय लगेगा। इस दौरान कुछ बच्चे जवाहर नगर में डॉ. अशोक यादव के क्लिनिक पर भी आए। यहां उन्होंने अधिकांश बच्चों का नि:शुल्क उपचार किया।