Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/यूआईडी-में-डीएनए-पहचान-भी-चाहती-है-सीबीआई-2440.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | यूआईडी में डीएनए पहचान भी चाहती है सीबीआई | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

यूआईडी में डीएनए पहचान भी चाहती है सीबीआई

मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआई] केंद्र सरकार द्वारा देश के सभी नागरिकों के लिए बनवाए जा रहे यूआईडी [विशिष्ट पहचान पत्र] में नागरिकों की डीएनए पहचान भी शामिल कराना चाहती है। कई देशों के नागरिक पहचान पत्रों में अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ संबंधित व्यक्ति के डीएनए से संबंधित जानकारी पहले से शामिल की जाती रही है।

सीबीआई की केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक डॉ. राजिंदर सिंह का मानना है किपहचान संबंधी धोखाधड़ी को रोकने के लिए यूआईडी में जिस प्रकार नागरिकों के बारे में तमाम तरह की जानकारियां शामिल की जा रही हैं, उसी तरह इसमें हर व्यक्ति के डीएनए की जानकारी भी शामिल की जानी चाहिए। यह न सिर्फ कोई अपराध होने की स्थिति में उपयोगी होगी, बल्कि दैनिक जीवन में भी समय-समय पर इसका उपयोग किया जा सकता है। विवादित मामलों में पिता की पहचान का मामला हो या बलात्कार का, अस्पतालों में बच्चों की चोरी की घटनाएं हों या मानव अंगों की तस्करी का, यूआईडी में उपलब्ध डीएनए पहचान के आधार पर इन मामलों का निपटारा काफी कम समय में किया जा सकता है।

डॉ. सिंह आए दिन होने वाली रेल और हवाई दुर्घटनाओं व प्राकृतिक आपदाओं का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि इस तरह की घटनाओं में कई बार शिकार हुए लोगों की पहचान नहीं हो पाती, या फिर उनकी पहचान करने में काफी समय लग जाता है। ऐसी स्थिति में यदि पहले से उनके डीएनए की जानकारी उपलब्ध हो तो व्यक्तियों की पहचान कर उनसे जुड़े कानूनी मसलों या राहत-पुनर्वास का काम काफी कम समय में किया जा सकता है। सिंह के अनुसार डीएनए टेस्ट पर आने वाला खर्च वर्षो चलने वाली न्यायिक प्रक्रिया पर होने वाले खर्च से काफी कम होता है और परिणाम सही आने की संभावना अधिकतम होती है।

सीबीआई के एक अन्य उच्च अधिकारी का कहना है, यूआईडी केंद्र सरकार की एक महलवाकांक्षी परियोजना है। इसे पूरा करने के लिए सरकार कई हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। चूंकि अभी यह परियोजना तैयारियों के स्तर पर ही है, इसलिए अभी इसमें डीएनए पहचान जोड़ना मुश्किल भी नहीं होना चाहिए। गौरतलब है कि इस परियोजना को पूरा करने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान पत्र प्राधिकरण [यूआईडीएआई] का गठन किया गया है। इंफोसिस के पूर्व मुखिया नंदन नीलेकणि को इसका अध्यक्ष बनाया गया है।