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राज्यों को केंद्र ने दिया मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता बनाये रखने का निर्देश

नयी दिल्ली : देश के विभिन्न राज्यों से मध्याह्न भोजन के बारे में मिल रही गंभीर शिकायतों के बाद केंद्र ने राज्यों से सभी स्तरों पर उपयुक्त ढांचा तैयार करने, तैयार भोजन को कम से कम एक शिक्षक द्वारा चखे जाने, रसोई घर सह स्टोर तैयार करने, खाद्यान्न एवं भोजन की स्वच्छता का ध्यान रखने, सामाजिक लेखा परीक्षण पर जोर देने को कहा है.

मानव संसाधन मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अमरजीत सिंह ने 22 जुलाई 2013 को सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों एवं सचिव (शिक्षा विभाग) को इस आशय का पत्र लिखा है.


पत्र में कहा गया है कि ऐसा देखा गया है कि मध्याह्न भोजन योजना के तहत समर्पित ढांचा एवं संरचना की कमी के कारण राज्य स्तर और इससे निचले स्तर पर योजना की ठीक ढंग से निगरानी नहीं हो पाती है. इसके कारण राज्य के अधिकारियों द्वारा इसकी अनिवार्य न्यूनतम जांच का कार्य भी प्रभावित हो रहा है. तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और ओडिशा ने निगरानी का इस तरह का ढांचा तैयार किया है, अन्य राज्यों से ऐसा ही ढांचा तैयार करने का आग्रह किया जाता है.


मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि मध्याह्न भोजन योजना में बच्चों को दिया जाने वाला खाना सबसे महत्वपूर्ण विषय है. इस दिशा में स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों को बारी बारी से पकाये गए भोजन को चखने के बाद भी बच्चों का परोसा जाना चाहिए जिसमें एक शिक्षक का होना अनिवार्य हो.

पत्र में कहा गया है कि मध्याह्न भोजन योजना के तहत रसोई सह स्टोर बनाने के लिए केंद्रीय मदद दी जाती है. ऐसा देखा गया है कि अनेक इलाकों में खाद्यान्न रसोई सह स्टोर में नहीं रखे जा रहे हैं और कई मामलों में इन्हें प्रधानाध्यापक या ग्राम प्रधान के घर पर रखा जाता है. यह मध्याह्न भोजन योजना के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है.


इसमें कहा गया, सभी राज्यों को रसोई सह स्टोर के निर्माण के लिए पर्याप्त वित्तीय मदद दी जा रही है और मंत्रालस ने इसका डिजाइन भी राज्यों को भेजा है. सभी राज्यों से आग्रह किया जाता है कि रसोई सह स्टोर के निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करे. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मध्याह्न भोजन योजना के तहत प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर रसोई घर सह स्टोर के निर्माण का 31 प्रतिशत कार्य अभी शुरु तक नहीं किया गया है जबकि 10 प्रतिशत कार्य प्रगति पर है.

2012-13 के आंकड़े के मुताबिक, बिहार में मध्याह्न भोजन के लिए रसोईघर सह स्टोर के निर्माण का 30 प्रतिशत कार्य अभी शुरु नहीं किया गया है जबकि 14 प्रतिशत कार्य प्रगति पर है. महाराष्ट्र में रसोईघर सह स्टोर के निर्माण का 70 प्रतिशत कार्य शुरु नहीं हुआ है जबकि केरल में 67 प्रतिशत, तमिलनाडु में 22 प्रतिशत, झारखंड में 68 प्रतिशत, हरियाणा में 41 प्रतिशत, कर्नरटक में 32 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 42 प्रतिशत कार्य शुरु नहीं हुआ है.

राज्यों को लिखे पत्र में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने खाद्यान्न एवं पके भोजन की स्वच्छता का पूरा ध्यान रखने को कहा है. इस बात का ध्यान रखने को कहा गया है कि बच्चों को भोजन में निर्धारित पोषक तत्व मिले.

हालांकि, प्राथमिक स्तर पर प्रति बच्चे के लिए भोजन का खर्च 3.34 रुपये और उच्च प्राथमिक स्तर में महज पांच रुपया दिया जा रहा है.