Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/रेप-की-धमकी-गालियां-और-भद्दी-बातें-ये-सब-झेलती-हैं-भारत-की-महिला-नेताएं-13753.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | रेप की धमकी, गालियां और भद्दी बातें...ये सब झेलती हैं भारत की महिला नेताएं | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

रेप की धमकी, गालियां और भद्दी बातें...ये सब झेलती हैं भारत की महिला नेताएं

बलात्कार की धमकियां, गालियां, महिलाविरोधी कमेंट और भद्दी बातें. भारत की महिला नेताएं ये सब झेलती हैं.

'ट्रोल पेट्रोल इंडिया: एक्सपोज़िंग ऑनलाइन अब्यूज़ फ़ेस्ड बाय वूमन पॉलिटिशियंस' नाम के एक नए अध्ययन में पता चला है कि भारतीय महिला नेताओं को ट्विटर पर लगातार दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है.

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की मदद से किए गए इस अध्ययन में 95 भारतीय महिला नेताओं के लिए किए गए ट्वीट्स की समीक्षा की गई.

इस अध्ययन में पाया गया कि 95 महिला नेताओं को किए गए 13.8 फ़ीसदी ट्वीट्स या तो आपत्तिजनक थे या फिर अपमानित करने वाले थे. इसका मतलब ये हुआ कि इन सभी महिला नेताओं ने रोज़ 10 हज़ार से भी ज़्यादा अपमानजनक ट्वीट्स का सामना किया.

अध्ययन से भी यह भी पता चला कि मुसलमान महिला नेताओं को बाक़ी धर्मों की महिलाओं के मुक़ाबले 91.4% ज़्यादा आपत्तिज़नक ट्वीट किए जाते हैं.

अध्ययन के नतीजों से जो प्रमुख निष्कर्ष निकाले गए, वो कुछ इस तरह हैं:
भारत महिलाओं के लिए गए हर सात में से एक ट्वीट आपत्तिज़नक था.
लोकप्रिय महिला नेताओं को ज़्यादा ट्रोलिंग झेलनी पड़ी.
मुसलमान महिला नेताओं को बाक़ी महिला नेताओं के मुक़ाबले 55.5 फ़ीसदी ज़्यादा आपत्तिज़नक ट्वीट्स का सामना करना पड़ा. मुसलमान नेताओं के धर्म को लेकर जो अपमानजनक ट्वीट किए गए वो हिंदू नेताओं के लिए गए ट्वीट्स की तुलना में दोगुनी थी.
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग की नेताओं को अन्य नेताओं की तुलना में 59 फ़ीसदी ज़्यादा ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. उनके लिए जाति-आधारित अपशब्दों का इस्तेमाल भी किया गया.

एम्नेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने नवंबर 2019 में रिसर्च के नतीजों को ट्विटर से साझा किया और पूछा कि क्या आम चुनाव के दौरान ऑनलाइन ट्रोलिंग रोकने के लिए कोई ख़ास कदम उठाए गए थे?

अपने जवाब में ट्विटर ने कहा, "ट्विटर को सार्वजनिक बातचीत से गुमराह करने वाली अभद्र भाषा. स्पैम और बाकी दुर्व्यवहारों से मुक्त कराना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है. हम इस दिशा में आगे भी बढ़ रहे हैं और लगातार कोशिश कर रहे हैं ट्विटर पर लोगों का अनुभव सकारात्मक रहे."

हालांकि कई महिला नेता ट्विटर के दावों से संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि ट्विटर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने में नाकामयाब साबित हो रहा है.

भारतीय जनता पार्टी की नेता शाज़िया इल्मी ने कहा, "महिलाओं को बढ़-चढ़कर राजनीति में आना चाहिए लेकिन इस काम को करने की जो क़ीमत मैं चुकाती हूं, वो बहुत ज़्यादा है. ट्विटर पर मैं लगातार ट्रोल होती हूं, ऑनलाइन उत्पीड़न का शिकार होती हूं. मैं कैसी दिखती हूं, मेरा रिलेशनशिप स्टेटस क्या है, मेरे बच्चे क्यों नहीं हैं...जितनी गंदी बातें आप सोच सकते हैं, मैं वो सब झेलती हूं. जो लोग मेरे विचारों से इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते, वो मेरे काम के बारे में टिप्पणी नहीं करते बल्कि हर संभव भाषा में मुझे 'वेश्या' कहते हैं."

आम आदमी पार्टी की आतिशी मार्लेना ने इस बारे में कहा कि सार्वजनिक जगहों पर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना किसी महिला की ज़िम्मेदारी नहीं है.

उन्होंने कहा, "मिसाल के तौर पर अगर कोई महिला सार्वजनिक यातायात का इस्तेमाल करती है तो उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की ज़िम्मेदारी है. ठीक इसी तरह अगर कोई महिला ट्विटर का इस्तेमाल कर रही है तो उसकी सुरक्षा सुनिश्चित कराना भी ट्विटर की ही ज़िम्मेदारी है.''

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की नेता कविता कृष्णन का कहना है कि ऑनलाइन ट्रोलिंग से मानसिक तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है.
 
पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.