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लखनसेन में हुआ जनवितरण का लैबटेस्ट

बड़हरवा लखनसेन (पूर्वी चम्पारण)। कहां है अपना फोटोग्राफर, त्रिपुरारी जी। जरा इस गेहूं की तस्वीर तो उतरवाइए। इस बोल के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर तल्खी छा गयी। बोले, भारतीय खाद्य निगम ऐसा ही छोटे साइज का सूखा हुआ दाना हमारे यहां भेजता है और अधिग्रहण के समय हम लोगों के किसानों के बढि़या गेहूं पर पिंगिल(नखरे दिखाना) पढ़ता है? फोटोग्राफर की खोज होती ही रही कि मुख्य सचिव अनूप मुखर्जी ने स्वयं कैमरे से नीतीश कुमार की हथेली में रखे गेहूं के दानों की तस्वीर उतारी। यह सब जहां हो रहा था, वह दुकान थी बड़हरवा लखनसेन गांव के डीलर जयशंकर सिंह की। 'विश्वास यात्रा' के पहले पड़ाव के क्रम में शुक्रवार को मुख्यमंत्री करीब आधे घंटे तक इसी दुकान पर पूछताछ करते रहे। मानो खुद की जनवितरण पालिसी की 'लैब टेस्टिंग' कर रहे हों। यहां से नमूने भी लिये गये और कुछ बदलाव के फैसले भी। डीलर से सीएम ने पूछा, किस माह का अनाज है? जवाब मिला, मार्च का। अगला सवाल प्रधान सचिव त्रिपुरारी शरण से था-जब कूपन से पीडीएस लिंक कर दिया गया है तब भी अनाज का वितरण अपडेट क्यों नहीं है? हम वहां भी (बेतिया के बगही गांव में) देखे और यहां भी देख रहे हैं बैकलाग चल रहा है। मुख्यमंत्री ने डीलर से फिर पूछा : अभी अनाज कैसे मिलता है? बताया गया कि वह बीते माह के कूपन के आधार पर ड्राफ्ट जमा करेगा तब मिलेगा। मुख्यमंत्री बोले, आज महीने का अंतिम दिन है। अभी आप ड्राफ्ट ही बनाकर जमा करेंगे तो इस माह का अनाज बंटेगा कब? फिर वे विभाग के प्रधान सचिव की ओर मुखातिब हुए, कहा- एक माह पीछे चल रहा है। लिफ्टिंग स्ट्रीमलाइन करिए। अब जब कूपन से अनाज लिंक है तो ऐसे कैसे चलेगा? घबराये डीलर का उन्होंने (सीएम ने)मुख्यसचिव से परिचय कराया। बोले, आप घबराएं नहीं, हम कार्रवाई करने नहीं आए हैं। हम तो जानने आए हैं कि सिस्टम कैसे दुरुस्त हो ताकि गरीब लोगों को हम समय पर अनाज दे सकें। बड़ी लंबी बात की। चीनी बांटते हैं तो क्या एपीएल वाले भी दावा करते हैं? केरोसिन कूपन कहां हैं? रजिस्टर कहां हैं?

खैर, बात आगे बढ़ी। मुख्य सचिव ने सीएम की हथेली पर रखे गये गेहूं के दाने की तस्वीर उतारी। गेहूं की सैम्पलिंग ली गयी और जनवितरण प्रणाली की दुकान से बाहर निकलकर भी मसला छाया रहा। मुख्यमंत्री बोले, त्रिपुरारीजी, सिस्टम मिसमैनेज्ड न हो, इसको देखिए। बीपीएल के सेंट्रल लिस्ट या स्टेट लिस्ट, हम सबको अनाज देंगे। 900 करोड़ का प्रोविजन करेंगे ताकि कोई छूटे नहीं। लेकिन लिफ्टिंग के फ्लो को रेगुलर कराइए, यह आपकी जिम्मेदारी है। बाद में इसी गांव की जनसभा में भी मुख्यमंत्री ने यह बात दुहरायी। बोले पटना के स्तर से जिस बदलाव की जरूरत होगी, वह वहां के अफसर करेंगे। यहां अगर गड़बड़ी होगी तो कार्रवाई होगी।

मुख्यमंत्री गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर भी गये और 'तालिमी मरकज' भी। रास्ते में कन्या स्कूल में भी मिड डे मील का निरीक्षण किया। तीनों ही जगह बच्चों से बातचीत की। पढ़ाई के बाबत और खिचड़ी वितरण के बारे में संतोषजनक जवाब पाकर वे संतुष्ट हुए। आंगनबाड़ी केंद्र पर एक बच्ची की कविता भी उन्होंने सुनी। रास्ते में एक लड़की ने आटोग्राफ के लिए डायरी आगे बढ़ा दी। सीएम ने आटोग्राफ भी दिये और यह नसीहत भी कि खूब पढ़ो। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को तुरंत आंगनबाड़ी केंद्र का भवन बनाने का निर्देश दिया। बाद में खाद्य आपूर्ति विभाग के प्रधान सचिव त्रिपुरारी शरण ने बताया कि गेहूं अधिग्रहण के समय भारतीय खाद्य निगम की ओर से कई बार यह शिकायत रहती है कि यहां के किसानों के गेहूं की क्वालिटी कमजोर है। जबकि पंजाब के गेहूं की जो सप्लाई अभी जनवितरण के लिए की गयी है, उससे कई गुना बेहतर यहां का गेहूं होता है। मुख्यमंत्री ने इस गांव के लोगों से आवेदन भी लिया। उनके साथ चंपारण के प्रभारी मंत्री डा. प्रेम कुमार, सांसद रमा देवी, क्षेत्रीय विधायक अवनीश कुमार सिंह भी थे।