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लापरवाही : दो लाख 80 हजार किसानों को नहीं मिला बीमा का लाभ

बिलासपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन को लेकर जिले के अफसर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा कराने वाले किसान अपने आपको ठगा महसूस करने लगे हैं। कृषि विभाग और इफको टोकिया कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही के कारण जिले के दो लाख 80 किसानों को अब तक फसल बीमा का लाभ नहीं मिल पाया है। दरअसल कृषि विभाग ने फसल अनावारी रिपोर्ट की जानकारी राज्य शासन के सुपुर्द ही नहीं किया है।

बीमा कंपनी ने जिले के जिन 11 हजार 168 किसानों को क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया है वह भी काफी कम है। किसानों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में जरूरी बदलाव भी किया है। इसमें प्रत्येक गांव को इकाई माना गया है।

इसी आधार पर कृषि विभाग और फसल बीमा कंपनी इफको टोकियो को सर्वे करना था व अनावारी रिपोर्ट तैयार करनी थी। गड़बड़ी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने पटवारियों को एंड्रायड मोबाइल भी दिया है।

पटवारियों को खेत में जाकर खड़ी फसल की फोटो खींचना था और इसे केंद्र सरकार के साफ्टवेयर में अपलोड करना था। फसल बीमा कराने वाले किसानों के खेत में जाकर इसका अलग से सर्वे करना था और इसी आधार पर रिपोर्ट बनानी थी।

कृषि विभाग और राजस्व विभाग के मैदानी अमलों ने अनावारी रिपोर्ट तैयार कर विभाग के हवाले कर दिया था। विभागीय अफसरों ने तहसीलवार अनावारी रिपोर्ट के संबंध में राज्य शासन को जानकारी भेजने में काफी विलंब कर दिया है।

कृषि विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो पीएम फसल बीमा योजना के तहत जिले के दो लाख 79 हजार 832 किसानों ने बीमा कराया था। इनमें से अब तक फसल बीमा कंपनी ने 11 हजार 168 किसानों को भी बीमा राशि का भुगतान किया है।

खाद वितरण में शुरू हो रही नई व्यवस्था

इस खरीफ सीजन से नई व्यवस्था लागू हो रही है। पूर्व में सहकारी समितियों से 60 प्रतिशत और निजी विक्रेताओं के द्वारा 40 प्रतिशत उर्वरक वितरण किया जाता था। इस वर्ष से सहकारी समितियों के माध्यम से 80 प्रतिशत उर्वरक वितरित होंगे।

इसके लिए भंडारण व्यवस्था दुरूस्त की जा रही है। उर्वरक का अग्रिम उठाव प्रारंभ कर दिया गया है । जो किसान मई के पहले उठाव करेंगे उन्हें ब्याज नहीं लगेगा। बिलासपुर संभाग में 2 लाख 60 हजार टन उर्वरक उठाव की योजना राज्य शासन ने बनाई है।

डेढ़ महीने बाद खेती किसानी की फिर होगी तैयारी

15 जून से मानसून की शुस्र्आत हो जाती है,लिहाजा किसान डेढ़ महीने बाद एक बार फिर खेती किसानी के काम में जुट जाएंगे। अकाल प्रभावित किसान बीमा भुगतान की बाट जोह रहे हैं। बीमा राशि का भुगतान होने से कुछ तो राहत मिलेगी । पर यह भी नहीं हो रहा है। राज्य शासन ने जिले के सभी सात तहसील को सूखाग्रस्त घोषित किया है।

फैक्ट फाइल

- वर्ष 2017-18 में जिले के 62 हजार 560 किसानों ने कराया था बीमा

- प्रीमियम के रूप में बीमा कंपनी ने वसूले- 6 करोड़ 63 लाख 76 हजार 631 स्र्पए

- प्रति एकड़ प्रीमियम की राशि जमा करनी होती है- 750 स्र्पए

- किसान के हिस्से 300 स्र्पए,केंद्र सरकार 300 व राज्य शासन जमा करता है 150 स्र्पए

- अकाल प्रभावित किसानों का आंकड़ा राज्य शासन के हवाले करने में विलंब हुआ है। सूची बनाई जा रही है। जल्द शासन के हवाले कर दी जाएगी। - एजी अहिरवार, उप संचालक, कृषि