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शोध में खुलासाः कानपुर का पानी बच्चों को कर रहा बूढ़ा

कानपुर का पानी बच्चों को समय से पहले ही बूढ़ा बना रहा है। इससे उनके चेहरों की चमक गायब होकर झुर्रियां पड़ रही हैं तो उम्र से पहले ही बाल झड़ने लगते हैं। यही नहीं, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी अपनी जकड़ में ले रही हैं। यह खुलासा हुआ है छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के बायोसाइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी (बीएसबीटी) विभाग की एक रिसर्च में।


बीएसबीटी विभाग के बायोकेमिस्ट्री विभाग के डॉ. शाश्वत कटियार की देखरेख में एक टीम ने पानी में घुले तत्वों और केमिकल पर करीब ढाई साल पहले एक रिसर्च शुरू की। इसके लिए टीम ने कानपुर के जाजमऊ इलाके के वाजिदपुर, अशरफाबाद समेत करीब एक दर्जन से अधिक क्षेत्रों को चुना। यहां के पानी में अन्य खतरनाक तत्वों के साथ क्रोमियम की मात्रा करीब 26 गुना अधिक मिली। साथ ही बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) और टोटल डिजाल्वड ऑक्सीजन (डीओ) भी मानक पर खरे नहीं उतरे।
टीम ने इस रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र के करीब 200 से अधिक लोगों से पूछताछ शुरू की। रिसर्च के बाद पाया कि जहां क्रोमियम की अधिक मात्रा पानी के साथ लोग ले रहे हैं, उनके शरीर पर काफी असर पड़ रहा है। इन लोगों की उम्र कम होने के बाद भी चेहरे पर झुर्रियां, बाल झड़ने-सफेद होने जैसी अनेक समस्याएं आ रही हैं। यहां के युवाओं की प्रतिरोधक क्षमता भी सामान्य से कम हो रही है। इससे कई बीमारियां इन्हें उम्र से पहले ही लग जा रही हैं।
कई माध्यम से शरीर में पहुंचता


डॉ. शाश्वत कटियार ने बताया कि क्रोमियम पूरी तरह पानी में घुल जाता है। इससे अगर सब्जी की सिंचाई हो रही है तो वह मानव शरीर में पहुंचेगा। अगर इस पानी को पशु पी रहे हैं तो दूध के जरिए पहुंचेगा। अगर इस पानी को आरओ से भी पीने योग्य बनाया जा रहा है तो कोई फायदा नहीं है। अन्य मिनरल भले ही साफ हो जाएं लेकिन क्रोमियम पानी से अलग नहीं होता। अगर वहां के पानी में मछली रहती है और उसका सेवन करते हैं तो भी क्रोमियम शरीर में पहुंच जाएगा।
तंत्रिका तंत्र तक हो सकता फेल


सीएसजेएमयू बीएसबीटी के प्रोफेसर डॉ. शाश्वत कटियार का कहना है कि क्रोमियम मानव शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है। इससे उम्र से पहले ही इसके प्रभाव नजर आने लगते हैं। जाजमऊ में की गई रिसर्च के दौरान पानी में क्रोमियम काफी मिला था। यहां के लोगों में भी इसका असर नजर आया। जहां-जहां क्रोमियम अधिक होगा, उसका असर देखने को मिलेगा। क्रोमियम मानव शरीर के लिए बेहद हानिकारक है। इसकी अधिकता से लीवर, किडनी, फेफड़े खराब हो सकते हैं। यहां तक कि तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) भी फेल हो सकता है। इससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है।


पानी में मिला कई गुना अधिक क्रोमियम

मापक मात्रा मानक

बीडीओ 41.07 मिलीग्राम/लीटर 3 मिलीग्राम/लीटर से अधिक नहीं होना चाहिए

डीओ 3.79 मिलीग्राम/लीटर 5 मिलीग्राम/लीटर से कम नहीं होना चाहिए

क्रोमियम 52.12 मिलीग्राम/लीटर 2 मिलीग्राम/लीटर के आसपास रहना चाहिए
(ये सभी मात्रा घटती-बढ़ती रहती है)