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श्रमिक बहुल सात नए क्षेत्रों में खुलेगा औषधालय

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने श्रमिक बहुल सात नए क्षेत्रों में औषधालय खोलने का फैसला किया है।

आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि मेहनतकश मजदूरों को बेहतर और नि:शुल्क इलाज की सुविधा देने के लिए छत्तीसगढ़ में सात नए श्रमिक बहुल क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है। इन क्षेत्रों में रायपुर जिले के बैकुण्ठ-तिल्दा, भाटापारा, बलौदाबाजार और मंदिरहसौद, धमतरी जिले का धमतरी, दुर्ग जिले का नगर निगम क्षेत्र दुर्ग तथा राजनांदगांव जिले का रसमड़ा क्षेत्र शामिल है।

अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने इन सभी क्षेत्रों में मजदूरों को इलाज की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए औषधालय खोलने का निर्णय लेते हुए स्वीकृति के लिए प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है। राज्य सरकार ने पहले ही तीन नए क्षेत्रों रायगढ़ जिले के पतरापाली, तराईमाल एवं राजनांदगांव जिले के टेडेसरा में कर्मचारी बीमा योजना के तहत नए औषधालय आरंभ करने की स्वीकृति दे दी है। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के 60 हजार से अधिक श्रमिक परिवारों के ढ़ाई लाख से अधिक लोगों को राज्य कर्मचारी बीमा योजना के तहत इलाज की सुविधा मिल रही है।

राज्य में यह योजना कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं द्वारा श्रम विभाग के नियंत्रण में संचालित की जा रही है। इसके तहत राज्य के छह जिलों में 12 औषधालय स्थापित किए गए हैं। इन औषधालयों में 10 हजार रुपए प्रतिमाह तक वेतन पाने वाले श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को चिकित्सा लाभ दिया जा रहा है।

श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ चिकित्सा सुविधा देने वाली यह योजना सभी कारखानों, सिनेमाघरों, ट्रांसपोर्ट तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर लागू होती है। राज्य की निजी तथा शासकीय सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थाओं में यह योजना लागू की गई है।

कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं के अधिकारियों ने बताया कि राज्य कर्मचारी बीमा योजना के तहत श्रमिकों एवं उनके परिवारिक सदस्यों को इलाज की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए रायपुर जिले में तीन, दुर्ग जिले में चार और राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़, जांजगीर-चांपा तथा कोरबा जिले में एक-एक औषधालय केन्द्र स्थापित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के जिन संस्थानों में बिजली का उपयोग होता है, उनमें 10 या अधिक श्रमिक कार्यरत होने पर और अन्य संस्थानों में 20 या अधिक श्रमिक कार्यरत होने पर इस योजना में संस्थान के श्रमिकों को शामिल किया जाता है। योजना में शामिल किए गए श्रमिकों को बीमित व्यक्ति कहा जाता है। बीमित व्यक्तियों के वेतन से उनके वेतन का पौने दो प्रतिशत तथा नियोक्ता द्वारा पौने पांच प्रतिशत अंशदान नियमित रूप से कर्मचारी राज्य बीमा निगम में जमा कराया जाता है।

इस योजना के तहत श्रमिकों को बीमारी होने पर इलाज के साथ-साथ पारिवारिक महिलाओं को मातृत्व लाभ पर चिकित्सा सुविधा भी दी जाती है।

उन्होंने बताया कि योजना के तहत चिकित्सा पर होने वाले व्यय का निर्धारित सीलिंग के अंतर्गत साढ़े बारह प्रतिशत राज्य शासन द्वारा तथा साढ़े 87 प्रतिशत कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा वहन किया जाता है।

योजना के तहत बीमित व्यक्ति की दुर्घटना के कारण हुई अक्षमता पर भी आर्थिक लाभ दिया जाता है। कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके अंतिम संस्कार के लिए परिवारजनों को त्वरित आर्थिक सहायता भी दी जाती है।