Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/सरकार-का-खर्च-दोगुना-विभाग-आधा-भी-खर्च-नहीं-कर-पाए-7179.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | सरकार का खर्च दोगुना, विभाग आधा भी खर्च नहीं कर पाए | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

सरकार का खर्च दोगुना, विभाग आधा भी खर्च नहीं कर पाए

रायपुर (ब्यूरो)। प्रदेश में पिछले पांच सालों में सरकार का खर्च दोगुना हो गया है, लेकिन इस दौरान अलग-अलग विभागों को आवंटित राशि का 50 फीसद भी खर्च कई विभाग नहीं कर पाए। महालेखाकार बीके मोहंती ने शुक्रवार को पत्रवार्ता में बताया कि पांच साल पहले सरकार का खर्च 17 हजार 28 करा़ेड रुपए था जो 2013 में बढ़कर 31 हजार 780 करोड़ हो गया।

बजट दोगुना होने के बावजूद कई विभाग आवंटित राशि का 50 फीसद राशि खर्च नहीं कर पाए। खासतौर पर आदिवासी क्षेत्रों में काम नहीं हुआ। प्रीमेट्रिक आदिवासी छात्रावासों एवं आम शालाओं में आधारभूत संरचना, विशेष सुरक्षा व अन्य सुविधाओं के लिए फंड दिए गए। इस फंड से आम शालाओं और हॉस्टलों का खुद का भवन, शौचालय, स्नानागार, ओवरहेड टैंक, बाउंड्रीवाल , विद्युत आदि की व्यवस्था होनी थी। यह भी नहीं की गई।

अधिकांश हॉस्टल व आम शालाएं किराए के भवन पर चल रहे हैं। यही आलम पढ़ाई व अन्य सुविधाओं के मामले में हुआ। 39 फीसद छात्रों का पाक्षिक स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हुआ। 6वीं और आठवीं के विद्यार्थियों को छोड़कर सभी को कठिन विषयों पर कोचिंग नहीं दी गई। कन्या छात्रावास में महिला पुलिस या सुरक्षागार्ड तैनात नहीं किया गया। अभिलेख जैसे आगंतुक पंजी, शिकायत पंजी आदि का मेंटिनंस भी खराब था।

कृषि विकास योजना में देरी

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में अनावश्यक देरी की गई। हालांकि ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना 2007-12 के तहत 4 फीसद वृद्धि का लक्ष्य था, प्रदेश में छह फीसद कृषि में वृद्धि दर हासिल करने में राज्य सफल रहा। जिला कृषि योजनाओं और राज्य कृषि योजना तैयार और प्रस्तुत करने में खासी देरी हुई। इसके चलते भारत सरकार ने आगे फंड राज्य सरकार को नहीं दिया।

अपात्रों को इंदिरा आवास

इंदिरा आवास योजना के तहत अपात्र लोगों को गरीबों का मकान आवंटित कर दिया गया। योजना मूलतः भूमि व मकानहीन गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाले लोगों के लिए है। हितग्राहियों के चयन में गंभीर अनियमितता बरती गई। इसी तरह इस योजना के लिए राज्य का मद देने में अधिक देरी करने से योजना के तहत निर्मित मकानों की लागत बढ़ गई।

राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस भी फेल

प्रदेश में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत यहां के गांवों को वेब सक्षम नहीं बनाया जा सका। इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फंड केंद्र से मिला, लेकिन उसका उपयोग नहीं किया जा सका। राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (ईएनजीपी) के तहत केंद्र ने तीन स्तंभ मॉडल और राज्य ने 10 आधारभूत सेवाओं की पहचान की, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इसका विस्तार नहीं किया जा सका।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 4.30 करा़ेड की अनियमितता

परसदा स्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में कैग ने 4.30 करा़ेड की अनियमितता पकड़ी है। महालेखाकार ी मोहंती के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण बगैर किसी योजना के शुरू किया गया था। निर्माण के दौरान कई बार स्टेडियम की डिजाइन और प्लान बदला गया। इसके चलते स्टेडियम निर्माण में अनावश्यक देरी हुई और निर्माण लागत 4.30 करोड़ रुपए बढ़ गई। वहीं लेखा परीक्षण के दौरान 3.75 करा़ेड के भुगतान में अनियमितता पाई गई। कैग के मुताबिक खेल और युवा कल्याण विभाग ने खेल नीति का पालन नहीं किया। पायका फंड का जमकर दुरुपयोग हुआ।

आईटीआई का नहीं हुआ उन्नयन

प्रदेश में कुशल मिकों की संख्या में वृद्धि करने के लिए 118 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यानी आईटीआई में से 42 का चयन उन्नयन के लिए किया गया था। निधियों के अवरुद्ध रहने के कारण अधोसंरचना और नियमित अनुदेशकों में कमी के मामले पाए गए। आय सृजन के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। आंतरिक नियंत्रण कमजोर था। वहीं राज्य कार्यान्वयन प्रकोष्ठ की नियमित बैठक का अभाव था।

मोटलों की योजना फ्लाप

छत्तीसगढ़ में पर्यटकों के आगमन में वृद्धि करने और पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिहाज से प्रदेश में 18 मोटल बनने थे, इनमें से 16 ही बन पाए वह भी काफी देरी से। लेखा परीक्षण में पाया गया कि मोटल निर्माण बगैर योजना के शुरू किया गया था। उपयुक्त योजना की कमी और बार-बार टेंडर कॉल करने के कारण निर्माण में देरी हुई, लागत अतिरिक्त आई और मोटल पूरे नहीं किए जा सके। मोटलों के संचालन में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल असफल रहा और मोटले अनुपयोगी पड़े हैं।