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सरकारी दावे की कार्यकर्ता ने खोली पोल, 4 ने पीया दूध, सभी की तबीतय बिगड़ी

बीजापुर। केतुलनार दूधकाण्ड में घटना के तीसरे दिन आंगनबाड़ी सहायिका ने खुलासा किया है कि घटना के दिन आंगनबाड़ी केंद्र में 10 बच्चों ने नहीं बल्कि सिर्फ चार बच्चों ने ही अमृत दूध पिया था जिनमें से दो की मौत हो गई। वहीं छह बच्चों ने चखने के बाद दूध को फेंक दिया था। पहले दिन यह बताया गया था कि 10 बच्चों ने दूध पिया था। गुरुवार को आंगनबाड़ी केंद्र केतुलनार की सहायिका मुन्नी ने इस मामले में नया खुलासा करते बताया कि 30 मई को आंगनबाड़ी केंद्र में कुल 10 बच्चे आए थे।

इन्हें सुबह सबसे पहले आलू की सब्जी के साथ गर्म भोजन दिया गया। इसके बाद 9 बजे सभी 10 बच्चों को अमृत दूध दिया गया था जिनमें से छह बच्चों ने दूध को ऊंगली से चखने के बाद स्वाद अच्छा नहीं कहकर फेंक दिया था जबकि आरती कुडियम, प्रमिला , देवेन्द्र व पूजा कतलाम ने दूध को मीठा होना बताते पूरा पिया था।

इसके बाद यह चारों बधो बीमार हो गए थे, जिनमें से आरती कुडियम और प्रमिला की मौत हो गई थी। सहायिका के इस खुलासे के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुखमति ने भी स्वीकार किया है कि उस दिन सिर्फ चार बच्चों ने ही मीठा दूध पिया था। इस खुलासे के बाद अब मामले में नया मोड़ आ गया है।

परिजनों ने लौटाया चेक

इस घटना के बाद प्रशासन ने मृत बधाों के परिजनों को एक- एक लाख रुपए मुआवजा राशि का चेक प्रदान किया था परंतु गुरुवार को मृत बच्ची आरती के पिता सोमारू व प्रमिला की मां ने एसडीएम सीडी वर्मा को यह कहकर चेक लौटा दिया है कि मुआवजा की राशि कम है। इन्होंने सरकार से मुआवजे के तौर पर दस-दस लाख रुपए की मांग की है।

10-10 लाख रुपए मुआवजा व नौकरी की मांग

घटना के चौथे दिन कांग्रेस का 12 सदस्यीय जांच दल दंतेवाड़ा विधायक के नेतृत्व में केतुलनार पहुंचा। दल ने मृत बधाों के परिजनों व ग्रामीणों से मुलाक़ात कर बयान दर्ज किया है। कांग्रेसियों ने सरकार से मृत बच्चों के परिजनों को दस-दस लाख रुपए मुआवजा और घर से एक व्यक्ति को नौकरी देने की मांग की है।

अमृत के नाम पर बधाों को जहर पिला रही सरकार : कांग्रेस

बधाों की मौत के बाद बीजापुर पहुंचे कांग्रेस के जांच दल ने स्थानीय सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा करते हुए इस मामले में राज्य सरकार को दोषी ठहराया है। दल ने कहा कि सरकार अमृत योजना के नाम पर आंगबाड़ी केन्द्रों में जहर बांट रही है जिसके परिणामस्वरुप दो मासूम बच्चों की मौत हो गई।

सरकार इसकी जिम्मेदारी तय करे और मामले को गंभीरता से लेते हुए दूध कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर दोषियों को जेल भेजे क्योंकि यह तो स्पष्ट है कि मासूम बच्चों की मौत दूध पीने से ही हुई है। पत्रवार्ता के दौरान दंतेवाड़ा विधायक श्रीमती देवती कर्मा, कोंटा विधायक कवासी लखमा व चित्रकोट विधायक दीपक बैज ने कहा कि इस मामले में शासन- प्रशासन लीपापोती करने की कोशिश कर रहे हैं।