Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/सरकारी-बैंकों-में-बढ़ेगी-एफडीआई-सीमा-9729.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | सरकारी बैंकों में बढ़ेगी एफडीआई सीमा | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

सरकारी बैंकों में बढ़ेगी एफडीआई सीमा

नई दिल्ली। आम बजट बैंकिंग सुधार के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर न्यूनतम 51 फीसद करने की घोषणा केंद्र सरकार पहले ही कर चुकी है। वह बैंकों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई ) की सीमा भी बढ़ाने पर विचार कर रही है। अभी बैंकों में विदेशी निवेश की सीमा 20 फीसद है। इसे बढ़ाकर 49 फीसद तक किया जा सकता है। एफडीआई सीमा बढ़ाने की इजाजत स्वचालित तरीके से मिलेगी, ताकि विदेशी कंपनियों को बहुत ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़े।

अगर सरकार अपने इरादे में कामयाब हो जाती है, तो यह बैंकिंग क्षेत्र में हाल के वर्षों में सबसे बड़ा सुधारवादी कदम होगा। लेकिन राजग सरकार के लिए इसके समर्थन में राजनीतिक सहमति जुटाने में काफी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। वजह यह है कि इस फैसले को लागू करने के लिए दो दर्जन कानूनों में संशोधन करना होगा। लेकिन इससे फंड की भारी किल्लत से जूझ रहे सरकारी बैंकों को विदेश से अच्छी खासी राशि मिल सकती है।

सरकारी बैंकों को अगले चार वर्षों में 2.40 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि की जरूरत है। इसमें सरकार ने 70 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराने का एलान किया है। शेष राशि बैंकों को स्वयं ही जुटानी है। अगर एफडीआई की सीमा बढ़ जाती है, तो यह काम आसान हो जाएगा।

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पिछले दो वर्षों में लगभग अधिकांश क्षेत्रों में एफडीआई सीमा बढ़ाई जा चुकी है। लेकिन बैंकिंग क्षेत्र में अभी तक विदेशी निवेश को लेकर कोई बड़ा फैसला नहीं किया गया है। सरकारी बैंकों में केंद्र की एफडीआई सीमा 51 फीसद करने का फैसला हुआ है तो सरकार को महसूस हो रहा है कि विदेशी वित्तीय संस्थानों को भी इनमें ज्यादा निवेश का मौका मिलना चाहिए।

मौजूदा नियमों के मुताबिक सरकारी बैंकों में बाकी 49 फीसद हिस्सेदारी घरेलू वित्तीय संस्थानों को हस्तांतरित की जा सकती है। लेकिन इसमें विदेशी निवेश की सीमा 20 फीसद से ज्यादा नहीं हो सकती है। वैसे भी निजी बैंकों में विदेशी निवेश से जुड़े नियमों को पिछले वर्ष काफी उदार बना दिया गया था। इन बैंकों में देशी और विदेशी संस्थागत निवेशकों व विदेशी निवेशकों को 74 फीसद तक हिस्सेदारी रखने की छूट दी गई थी।