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सिंचाई सुविधा नही, किसानों ने नहीं ली टमाटर की फसल

बागबहार। सिंचाई के अभाव में प्रदेश का सबसे अधिक टमाटर उत्पादन क्षेत्र के भूमि सूखे हुए हैं। कई किसानों के टमाटर की फसल सूखकर बर्बाद हो गई और किसानों की चेहरें में मायूसी छाई है। बागबहार और पत्थलगांव क्षेत्र में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक टमाटर की पैदावार होती है, लेकिन इस साल ज्यादातर भूमि बंजर है टमाटर उत्पादक किसान ध्यान नहीं दे रहे हैं।

बागबहार क्षेत्र का किसान कार्तिक केशवर भगत ने बताया कि इस साल क्षेत्र में जलस्तर काफी गिर गया है, जिसके कारण आसपास के तालाब व झील समेत जल का अन्य स्त्रोत पूरी तरह से बंद है। उनका कहना है कि टमाटर की फसल लगाने के शुरुआत से ही पानी की अधिक आवश्यकता पड़ती है और पानी न मिलने पर उनकी फसल नष्ट हो जाता है और इस वर्ष क्षेत्र के ज्यादातर किसान फसल नहीं लगा पाए।

शासकीय योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ

सिंचाई की सुविधा के साथ ही टमाटर उत्पादक किसानों को शासकीय योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। शासन द्वारा किसानों को सिंचाई की सुविधा देने के लिए कई योजनाओं की शुरूआत की गई, लेकिन क्षेत्र के किसान उक्त सुविधा न मिलने से परेशान हैं। टमाटर उत्पादक किसान मुनेश्वर भगत और विजय बंजारा ने बताया कि वे शुरू से ही नदियों के किनारे टमाटर का व्यापक पैमाने पर उत्पादन करते है और शासन द्वारा उसे किसी प्रकार की सिंचाई सुविधा नहीं दी गई है। इस साल नदी का पानी सूख जाने के कारण किसान टमाटर का फसल नहीं लगा पाए। ऐसी ही स्थिति क्षेत्र के कई किसानों की है।

सिंचाई सुविधा न मिलने से तबाह हुए किसान

सिंचाई सुविधा ठप हो जाने के कारण क्षेत्र के कई किसानों की टमाटर की फसल सूख गया। ग्रीष्म ऋतु के शुरुआत में क्षेत्र के तालाबों और पोखरों का जल स्तर संतोषजनक था, जिसे देखते हुए किसानों ने टमाटर का फसल तो लगाया, लेकिन जलस्तर पूरी तरह गिर जाने के कारण क्षेत्र का तालाब सूख गया और टमाटर उत्पादक किसानों को सिंचाई सुविधा नहीं मिल पाने से उनका फसल बर्बाद हो गया। जिसके कारण बागबहार क्षेत्र के कई किसान तबाह हो गए हैं।

पूरे प्रदेश में होती है आपूर्ति

जशपुर जिले के बागबहार और पत्थलगांव क्षेत्र को पूरे प्रदेश का सबसे अधिक टमाटर उत्पादन क्षेत्र माना जाता है। लेकिन इस वर्ष यहां टमाटर की कुछ खास उत्पाद नहीं हो सका। इस कारण सीजन में भी 40-50 रुपए प्रति किलो टमाटर मिल रहे है। टमाटर व्यापारियों को कहना है कि वे झारखंड, ओड़िसा और बिलासपुर से टमाटर मंगवा रहे हैं। जिसके कारण टमाटर के भाव आसमान छू रहे हैं। पिछले साल मई-जून माह में इस क्षेत्र में ही 10-15 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर इस साल तिगुने दाम पर बिक रहे हैं।