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सिल्‍क इंडस्‍ट्री को एमपी देगा मौके, स्‍थापित होंगी 900 यूनिट

भोपाल। मध्‍य प्रदेश ने सिल्‍क स्‍टेट बनने के लिए इंडस्‍ट्री को बड़ी रियायतें देने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार कनार्टक के रामनगरम मॉडल अपनाएगी। राज्‍य शासन के अधिकारी के मुताबिक सरकार ने सिल्‍क प्रोजेक्‍ट का खाका तैयार किया है। इसके तहत धागा बनाने वाली 900 इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इसके लिए प्रति यूनिट 25 से 30 लाख रुपए का फंड (25 प्रतिशत अनुदान व शेष लोन) उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रोडक्‍शन के साथ ही सरकार सिल्‍क की ब्रांडिंग पर भी जोर देगी। सिल्‍क की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किए जाएंगे। प्लान के मुताबिक पांच साल में एक लाख किसानों को सिल्क उत्पादन से जोड़ा जाएगा। फिलहाल राज्‍य में सिर्फ 11 हजार सिल्‍क प्रोड्यूसर किसान हैं।
शहतूत उत्पादन में बढ़ेगी निजी हिस्‍सेदारी
कुटीर एवं ग्रामोद्योग के प्रमुख सचिव प्रवीर कृष्ण के मुताबिक मलबरी का पत्ता (शहतूत) उत्पादन करने के लिए निजी लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने रेशम राज्य परियोजना बनाने की घोषणा 15 अगस्त को की थी। मप्र में भी रेशम रोजगार का जरिया बनेगा। इसलिए इसे मनरेगा से जोड़ा गया है।
राज्‍य में होशंगाबाद है सिल्‍क हब
भोपाल के निकट स्थित होशंगाबाद जिला राज्‍य में सिल्‍क हब के नाम से प्रसिद्ध है। होशंगाबाद में ढाई हजार किसान शहतूत के सहारे कोकून पैदा करते हैं। राज्य में होशंगाबाद के अलावा बैतूल, खंडवा, बुरहानपुर, बालाघाट, डिंडोरी, नरसिंहपुर और मंडला में भी रेशम का उत्पादन होता है। नए प्लान के मुताबिक किसानों को मुफ्त में तकनीकी राय देने के लिए रिटायर्ड अफसरों का सहयोग लिया जाएगा। 25 किसानों पर एक तकनीकी विशेषज्ञ रखा जाएगा और 500 किसानों पर एक उत्पादन प्रबंधक होगा।
पांच साल में यह करेंगे
रेशम उत्पादन 200 से बढ़ाकर 5 हजार मीट्रिक टन।
मलबरी रोपण क्षेत्र 11 सौ से बढ़ाकर 1 लाख एकड़।
टसर पालन क्षेत्र 42 हजार से बढ़ाकर 1 लाख एकड़।
बजट था 33 करोड़ था, अब 833 करोड़ रुपए
रेशम उत्पादन और धागाकरण को बढ़ावा देने के लिए राज्य बजट में सिर्फ 33 करोड़ रुपए का प्रावधान था। केंद्र सरकार ने भी हर साल दी जाने वाली 60 करोड़ रुपए की मदद बंद कर दी थी। रेशम राज्य परियोजना के लिए अब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से 500 करोड़ और खादी ग्रामोद्योग से 200 करोड़ रुपए मिलेंगे। राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपए इस परियोजना के लिए स्वीकृत किए हैं।