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सुरक्षित प्रसव : महतारी एक्सप्रेस में भी गूंज रही हैं किलकारियां

योगेंद्र ठाकुर, जगदलपुर। सुरक्षित और संस्थागत प्रसव कराने वाली महतारी एक्सप्रेस में भी किलकारियां गूंज रहीं हैं। पिछले डेढ़ माह में संभाग में 70 से अधिक महिलाओं का प्रसव एंबुलेंस में हुआ। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने सहित मातृ-शिशु मृत्यु दर रोकने में महतारी एंबुलेस सेवा बस्तर में कारगर साबित हो रही है। संभाग में पिछले माह एंबुलेंस ने दो हजार से अधिक माता व शिशुओं को हॉस्पिटल पहुंचाया है।

इस दौरान 70 से अधिक प्रसव एंबुलेंस में हुए हैं। इसमें से 25 मामले बस्तर जिले के हैं। एंबुलेंस कार्यकर्ताओं के अनुसार अधिकतर ग्रामीणों को प्रसव की संभावित तिथि ज्ञात नहीं होती है और प्रसव पीड़ा होने पर वे एंबुलेंस को बुलाते हैं। ऐसे में बीच रास्ते में वाहन में ही तकनीशियन सुरक्षित प्रसव कराते हैं। तकनीशियनों के अनुसार ऐसे मौकों में कई बार परिजन प्रसव के बाद हॉस्पिटल की बजाए घर जाने की जिद भी करते हैं, जिन्हें समझाना मुश्किल होता है।

महतारी एंबुलेंस सेवा के संभागीय कार्यालय के मुताबिक अक्टूबर माह में एंबुलेंस से दो हजार 36 माताओं को प्रसव के लिए हॉस्पिटल पहुंचाया गया था। सर्वाधिक मामले बस्तर जिले के हैं। यहां 542 गर्भवती माताओं को हॉस्पिटल पहुंचाया गया। वहीं कांकेर में 527, कोंडागांव में 419, दंतेवाड़ा में 184, सुकमा में 148, बीजापुर में 119 और नारायणपुर जिले में 97 माताओं को सेवा दी गई। वहीं हॉस्पिटल से घर एक हजार 972 लोगों को पहुंचाया गया। टीकाकरण के लिए एक हजार 761 शिशु व माताओं को हॉस्पिटल ले जाया गया था।

खेत-मेड़ में भी कराते हैं प्रसव

महतारी एंबुलेंस सेवा के कार्यकर्ता दो से पांच किमी पैदल चलकर मरीज को पहाड़ी, खेत और नदी पार से स्ट्रेचर में वाहन तक लाते हैं। इस दौरान प्रसव पीड़ा बढ़ने से खेत के मेड़, पहाड़ी और सड़क किनारे भी प्रसव कराते हैं। तकनीशियन ममता, कविता के मुताबिक ऐसे मामले में जोखिम भी रहता है लेकिन मोबाइल पर ऑनलाइन मार्गदर्शन लेते सुरक्षित प्रसव कराने में वे कामयाब रहे हैं।

'प्रसव के लिए गर्भवती को हॉस्पिटल लाने के दौरान पीड़ा बढ़ने पर मरीज की स्थिति को देखते रास्ते में सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। इस दौरान वाहन पायलट और टेक्नीशियन मोबाइल फोन पर मुख्यालय से जुड़े होते हैं। पिछले माह बस्तर जिले में ही 25 प्रसव एंबुलेंस में हुए।'

-बी संतोष कुमार जिला प्रबंधक, महतारी एंबुलेंस सेवा

- See more at: http://naidunia.jagran.com/special-story-whining-to-echo-in-ambulance-220355#sthash.0ZI9xemL.dpuयोगेंद्र ठाकुर, जगदलपुर। सुरक्षित और संस्थागत प्रसव कराने वाली महतारी एक्सप्रेस में भी किलकारियां गूंज रहीं हैं। पिछले डेढ़ माह में संभाग में 70 से अधिक महिलाओं का प्रसव एंबुलेंस में हुआ। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने सहित मातृ-शिशु मृत्यु दर रोकने में महतारी एंबुलेस सेवा बस्तर में कारगर साबित हो रही है। संभाग में पिछले माह एंबुलेंस ने दो हजार से अधिक माता व शिशुओं को हॉस्पिटल पहुंचाया है।

इस दौरान 70 से अधिक प्रसव एंबुलेंस में हुए हैं। इसमें से 25 मामले बस्तर जिले के हैं। एंबुलेंस कार्यकर्ताओं के अनुसार अधिकतर ग्रामीणों को प्रसव की संभावित तिथि ज्ञात नहीं होती है और प्रसव पीड़ा होने पर वे एंबुलेंस को बुलाते हैं। ऐसे में बीच रास्ते में वाहन में ही तकनीशियन सुरक्षित प्रसव कराते हैं। तकनीशियनों के अनुसार ऐसे मौकों में कई बार परिजन प्रसव के बाद हॉस्पिटल की बजाए घर जाने की जिद भी करते हैं, जिन्हें समझाना मुश्किल होता है।

महतारी एंबुलेंस सेवा के संभागीय कार्यालय के मुताबिक अक्टूबर माह में एंबुलेंस से दो हजार 36 माताओं को प्रसव के लिए हॉस्पिटल पहुंचाया गया था। सर्वाधिक मामले बस्तर जिले के हैं। यहां 542 गर्भवती माताओं को हॉस्पिटल पहुंचाया गया। वहीं कांकेर में 527, कोंडागांव में 419, दंतेवाड़ा में 184, सुकमा में 148, बीजापुर में 119 और नारायणपुर जिले में 97 माताओं को सेवा दी गई। वहीं हॉस्पिटल से घर एक हजार 972 लोगों को पहुंचाया गया। टीकाकरण के लिए एक हजार 761 शिशु व माताओं को हॉस्पिटल ले जाया गया था।

खेत-मेड़ में भी कराते हैं प्रसव

महतारी एंबुलेंस सेवा के कार्यकर्ता दो से पांच किमी पैदल चलकर मरीज को पहाड़ी, खेत और नदी पार से स्ट्रेचर में वाहन तक लाते हैं। इस दौरान प्रसव पीड़ा बढ़ने से खेत के मेड़, पहाड़ी और सड़क किनारे भी प्रसव कराते हैं। तकनीशियन ममता, कविता के मुताबिक ऐसे मामले में जोखिम भी रहता है लेकिन मोबाइल पर ऑनलाइन मार्गदर्शन लेते सुरक्षित प्रसव कराने में वे कामयाब रहे हैं।

'प्रसव के लिए गर्भवती को हॉस्पिटल लाने के दौरान पीड़ा बढ़ने पर मरीज की स्थिति को देखते रास्ते में सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। इस दौरान वाहन पायलट और टेक्नीशियन मोबाइल फोन पर मुख्यालय से जुड़े होते हैं। पिछले माह बस्तर जिले में ही 25 प्रसव एंबुलेंस में हुए।'

-बी संतोष कुमार जिला प्रबंधक, महतारी एंबुलेंस सेवा