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स्कूल में सीखेंगे किसानी

भोपाल. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को खेती-किसानी की जानकारी देने के लिए कृषि को बतौर विषय पाठ्यक्रम में शामिल करने की कवायद अंतिम चरण में पहुंच गई है।

लोक शिक्षण संचालनालय में हुई एक बैठक में पाठ्यक्रम का मसौदा तैयार किया गया है, जिसे 28 जून को शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।

यह पहला मौका है जब स्कूल शिक्षा विभाग,स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) की मदद लेकर सरकारी स्कूलों में यह पाठ्यक्रम चलाएगा। मसौदा समिति में प्रदेश में खेती-किसानी के लिए काम कर रहे कुछ एनजीओ के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है। वहीं, लोक शिक्षण संचालनालय के डिप्टी डायरेक्टर पीआर तिवारी को परियोजना अधिकारी बनाया गया है।

इसलिए किया जा रहा शामिल: प्रदेश की 70 फीसदी आबादी खेती-किसानी पर आधारित है। खेती के बारे में कक्षा 11 एवं 12 में संकाय के रूप में पढ़ाई करवाई जाती है, लेकिन किसी भी कक्षा में विषय के तौर पर कृषि की पढ़ाई नहीं होती। खेती को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के बाद कक्षा दो से लेकर 12 तक इस विषय की अलग किताब होगी। कक्षा दो में चित्रों से माध्यम से कृषि उत्पादों की पहचान, उनकी प्रारंभिक जानकारी दी जाएगी।

चलें खेत की ओर प्रोजेक्ट: राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट का नाम चलें खेत की ओर योजना रखा है। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में खेती को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की घोषणा के बाद प्रदेश सरकार ने इस मामले में सबसे पहले पहल की। पाठ्यक्रम का मसौदा तैयार किए जाने से पहले 17 कृषि विद्यालयों में प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की गई थी। इसके बाद लोक शिक्षण संचालनालय में पाठ्य क्रम का मसौदा तैयार किया गया।

पालेकर-दाभोलकर मॉडल पर होगा आधारित

इस पाठ्यक्रम को महाराष्ट्र के प्रसिद्ध कृषि विज्ञानियों पालेकर-दाभोलकर मॉडल के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें खेतों के साथ पेड़, जल और पर्यावरण की उपयोगिता एक साथ बताई जाएगी। जल से संबंधित जानकारियों के लिए जलविद् चंद्रप्रकाश तिवारी, पर्यावरण संबंधी मुद्दों को शामिल करने पर्यावरणविद् गोकुल प्रसाद सूर्यवंशी और खेती संबंधी विभिन्न जानकारियों के लिए ग्राम भारती सागर के मनोज गुप्ता को समिति में शामिल किया गया है।

पहला मौका है,जब राज्य सरकार द्वारा एनजीओ को साथ लेकर कृषि संबंधी पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। हाल ही में हुई बैठक में मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है।""

मनोज गुप्ता,मुख्य फार्म समन्वयक एवं उपाध्यक्ष,ग्राम भारती सागर