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हजारों एकड़ जमीन, 193 कम्पनियां : इन मंत्री जी के पास है बस इतनी सी संपत्ति

मुंबई। परिवहन राज्यमंत्री गुलाबराव देवकर के बाद राज्य के वरिष्ठ मंत्री सुनील तटकरे भी भ्रष्टाचार के मामले में फंसते नजर आ रहे हैं।

 

उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेहद करीबी तटकरे पर काला धन, आय से अधिक संपत्ति और आयकर चोरी के आरोप लगाते हुए शेकाप नेता जयंत पाटील ने कहा है कि तटकरे ने काले धन के मार्फत हजारों करोड़ रुपए का साम्राज्य खड़ा किया। उन्होंने अपने परिवार और निकटवर्तियों के नाम पर हजारों एकड़ उपजाऊ जमीनें खरीदीं, इसके लिए 193 कंपनियां बनाइर्ं।

 

शेतकरी कामगार पक्ष के महासचिव जयंत पाटील ने गुरुवार को नरीमन पाइंट स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को खुलासे से जुड़े दस्तावेज भी दिए। इनमें तटकरे के बेटे अनिकेत, बेटी, बहू, माली, उसके बेटे, चार्टर्ड अकाउंटेंट व अन्य करीबियों के नाम पर बनाई गई कंपनियों और जमीन खरीद-फरोख्त के कागजात शामिल हैं।

 

तटकरे राज्य के जल संसाधन मंत्री हैं और सिंचाई क्षेत्र की रकम के दुरुपयोग को लेकर उनका विभाग पहले से चर्चा में है। राज्य आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट की मानें तो पिछले दस सालों में सिंचाई क्षेत्र पर 70,000 करोड़ रुपए खर्च होने के बावजूद सिंचाई क्षेत्र में महज 0.1 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।

 

पाटील ने बताया कि राज्य के जमीन कानून के मुताबिक एक कंपनी 54 एकड़ से ज्यादा कृषि जमीन नहीं खरीद सकती। इस पाबंदी के कारण तटकरे ने अलग-अलग लोगों के नाम पर दो-चार नहीं बल्कि 193 कंपनियां पंजीकृत कराईं और उनके नाम पर हजारों एकड़ जमीन का सौदा किया।

 

वे बताते हैं कि विनम्र नाम की एक कंपनी ने अपनी बैलेंस शीट में 3600 करोड़ रुपए दिखाए लेकिन इतनी बड़ी रकम का स्रोत नहीं बताया। इसमें से बहुत बड़ी रकम तटकरे के बेटे अनिकेत की कंपनी में ट्रांसफर की गई है।

 

शेकाप नेता ने बताया कि मेरे पास 140 कंपनियां और उनके जरिए खरीदी गई 699 एकड़ जमीन के पुख्ता सबूत हैं। यदि सिर्फ 140 कंपनियों को 54 एकड़ की पाबंदी से गुणा किया जाए, तब भी जमीनों का आंकड़ा 7500 एकड़ को पार करता है।

 

जबकि कंपनियों के पास जमीन खरीदने लिए पैसा कहां से आया, इसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। कंपनियों ने दफ्तर के लिए भी समान पते लिखाए हैं। कुछ कंपनियां तटकरे के माली किरण सारंगे और उनके बेटे केशव सारंगे के नाम पर हैं। केशव की उम्र महज 19 साल है और कंपनी अधिनियम के तहत नई कंपनी का पंजीकरण कराने वाले की उम्र कम सेकम 21 साल होनी चाहिए।

 

पाटील ने कहा कि एक तरफ राज्य के कई हिस्सों में सूखा पड़ा है और सिंचाई के पैसे के दुरुपयोग की बात हो रही है, दूसरी तरफ जल संसाधन मंत्री के परिवार पर हजारों करोड़ की जमीनें खरीदने का खुलासा तटकरे के खिलाफ कई प्रकार के शक पैदा करता है।

 

उन्होंने आरोप लगाया कि तटकरे ने अपने गांव और निर्वाचन क्षेत्र के किसानों की जमीनें जबरन खरीदकर उन्हें भूमिहीन किया है। ये घोटाला ए. राजा और जगन रेड्डी को भी पीछे छोड़ देगा।

 

सीबीआई जांच की मांग

 

पाटील ने मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा मामला है। इसमें काला धन प्रतिबंधक कानून और जमीन खरीदी से संबंधित तमाम कानूनों का उल्लंघन हुआ है। इसमें आयकर की भी चोरी हुई है और ये मैं बड़ी जिम्मेदारी से कह रहा हूं। इसलिए मामले की सीबीआई जांच जरूरी है।

 

तलाठी चले गए छुट्टी पर

 

पाटील ने बताया कि स्थानीय तलाठी और राजस्व विभाग से उन्हें बिल्कुल मदद नहीं मिल रही। कोई जानकारी मांगने जाओ तो वे देने से मना कर देते हैं और कहते हैं कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत आवेदन करो। कुछ गांव के तलाठी तो छुट्टी पर चले गए हैं, ताकि हमें दस्तावेज न देने पड़ें।

 

15-20 चार्टर्ज एकाउंटेंट से ली मदद

 

पार्टी नेता ने बताया कि यह पूरा लेन-देन इतना बड़ा है कि मुझे 15 से 20 चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) की मदद लेनी पड़ी। इसके बावजूद अभी हम मामले की तह तक नहीं पहुंच पाए हैं।

 

 

हमारे सीए भी इसका गहराई में जा-जाकर परेशान हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोई एक रकम बता पाना मुश्किल है पर मुझे शक है कि यह घोटाला हजारों करोड़ रुपए में होगा।

 

सब बकवास : तटकरे

 

जल संसाधन मंत्री सुनील तटकरे ने अपने खिलाफ लगे तमाम आरोपों को बकवास करार दिया है। आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि ये सारे आरोप बेबुनियाद हैं।

 

 

शेकाप नेता जयंत पाटील ने राजनीतिक दुश्मनी के तहत मेरे खिलाफ साजिश रची है। इस बारे में मैं अपने कानूनी सलाहकारों से विचार-विमर्श कर रहा हूं। पाटील के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।