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हर साल बीआरडी में बढ़ रहा मौत का आंकड़ा,ये है वजह

बीआरडी मेडिकल कालेज के शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में डॉक्टरों के पद ही सृजित नही हैं। बालरोग विभाग के इस यूनिट में इस महीने 223 नवजातों की मौत हो गई। इस यूनिट में कर्मचारी व दूसरे पैरामेडिकल स्टाफ के पद भी मानक से काफी कम हैं।

बीआरडी के एनआईसीयू में 28 दिन से कम उम्र के नवजातों का इलाज होता है। 11 वार्मर वाले इस यूनिट में हर वार्मर में ही चार से छह मासूम भर्ती रहते है। इस वर्ष 1085 मासूमों की मौत हो चुकी है।

उपेक्षा

बालरोग विभाग में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं एनआईसीयू में

इस महीने हो चुकी हैं 223 मासूमों की मौत

इस यूनिट के संचालन के लिए 15 डॉक्टरों की जरूरत है मगर पद एक भी डॉक्टर का सृजित नहीं है। बाल रोग विभाग के शिक्षक दूसरे यूनिट के डॉक्टरों की मदद से इसका संचालन करते हैं। तीन शिफ्ट में 60 स्टॉफ नर्सों की जरूरत है जबकि पद सिर्फ 18 का ही सृजित है। 20 आया व वार्ड ब्वाय की जरूरत है मगर पद सिर्फ चार ही सृजित है। कालेज प्रशासन वर्ष 2013 से ही एनआईसीयू के अपग्रेडेशन के लिए रकम मांग रहा है। कालेज प्रशासन ने 11 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा था। अब जाकर प्रदेश सरकार ने इस यूनिट के अपग्रेडेशन को मंजूरी दी है। शासन ने इसके लिए सात करोड़ 28 लाख रुपया स्वीकृत कर उसे कालेज को भेज दिया है।
साल दर साल बढ़ती जा रहीं मौतें


बीआरडी में एनआईसीयू की शुरुआत एक जनवरी 2013 को हुई। वर्ष 2013 में 3565 मासूम भर्ती हुए जिनमें 478 की मौत हुई। वर्ष 2014 में 4249 मरीज भर्ती हुए जिनमें 610 की मौत हुई। वर्ष 2015 में 5722 मरीज भर्ती हुए जिनमें 958 की मौत हुई। वर्ष 2016 में करीब 4200 मरीज भर्ती हुए जिनमें 1300 की मौत हो गई। इस वर्ष करीब 2700 मरीज भर्ती हुए जिसमें 1085 मासूमों की मौत हो चुकी है।

अगस्त में मौतों ने तोड़ा रिकार्ड

एनआईसीयू में मौतों के आंकड़ों ने इस साल कई रिकार्ड तोड़े। गत वर्ष के मुकाबले अगस्त में मौतों की संख्या में रिकार्ड बढ़ोत्तरी हुई। वर्ष 2016 में अगस्त महीने में 445 नवजात भर्ती हुए जिनमें से 174 की मौत हो गई। वहीं इस वर्ष बुधवार तक करीब 470 मरीज भर्ती हुए जिनमें 233 की मौत हो गई।

24 घंटे में 13 मासूमों की मौत

बालरोग विभाग में बीते 24 घंटे में 13 मासूमों की मौत हो गई। आठ नवजातों की मौत एनआईसीयू में और पांच की मौत बालरोग विभाग के आईसीयू में हुई। इसमें इंसेफेलाइटिस से पीड़ित एक मासूम शामिल है। बुधवार को महराजगंज निवासी ढाई वर्षीय निक्की की मौत हो गई। इसके साथ ही इस वर्ष मौतों का आंकड़ा 182 हो गया। इंसेफेलाइटिस के कारण बीते 24 घंटे में 27 नए मरीज भर्ती हुए। इस समय 118 मरीजों का इलाज बालरोग विभाग में चल रहा है।

बदलेगा मौतों का रिपोर्टिंग टाइम

बीआरडी में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों के आंकड़े को संकलित करने के समय में बदलाव हो गया है। कालेज प्रशासन ने रात 12 बजे से अगले दिन रात में 12 बजे तक की रिपोर्टिंग कराने का फैसला किया है। बालरोग विभाग में सभी मौतों का आंकड़ा जारी करने के लिए यही समय निर्धारित किया गया है। सिर्फ इंसेफेलाइटिस में सुबह नौ बजे से अगले दिन सुबह नौ बजे तक के आंकड़े जुटाए जाते थे। इतना ही नहीं सर्जरी विभाग के सीनियर डॉक्टरों ने प्रयोग के तौर पर यूनिट की रिपोर्टिंग टाइम को भी बदलने की कवायद शुरू कर दी है। यह सुबह आठ बजे से अगले दिन सुबह आठ बजे तक होता था। खबर है कि अब यह रात में 12 बजे ही शिफ्ट बदली जाएगी।