अनूप दुबे, भोपाल। महिलाओं से अपराध के मामले में मध्यप्रदेश (28,678) देश में उत्तरप्रदेश (38,467) और राजस्थान (31,151) के बाद तीसरे नंबर पर है, लेकिन ज्यादती के मामले स्थिति उलट है। देश में सर्वाधिक 5076 अपराध मप्र में ही दर्ज किए गए हैं। इसमें भी सबसे चौकाने वाला तत्थ यह है कि देशभर में 12 से लेकर 18 साल की मासूम सबसे ज्यादा शिकार मप्र में ही बना रही हैं। यह...
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साल के अंत तक बाल मृत्य दर पर काबू पा सकता है भारत- मदन जैड़ा
भारत में शिशु स्वास्थ्य रक्षा की दिशा में हुए कार्य की यूनिसेफ ने सराहना की है। यूनिसेफ को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक भारत बाल मृत्यु (पांच वर्ष तक की उम्र तक) दर में कमी के लक्ष्य को हासिल कर सकता है। यूनिसेफ की प्रमुख (एडवोकेसी एंड कम्युनिकेशन) सुश्री केरोलिन डेन डुल्क ने हिन्दुस्तान से विशेष बातचीत में यह बात कही। यहां एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान डुल्क...
More »आदिवासी संघर्ष का जख्मी चेहरा- अपूर्वानंद
हिड़मे कौन है? क्या वह लड़का है या लड़की? हिड़मे भारतीय कानों के लिए एक अटपटा शब्द है। सांस्कृतिक-स्मृतिहीन लेकिन परंपराग्रस्त भारतीय माता-पिताओं को उनके पुत्र-पुत्रियों के नामकरण में सहायता करने के लिए हिंदी और अंगरेजी में जो नामावली पुस्तकें छपती हैं, उनमें यह नाम नहीं मिलेगा। हिड़मे का पूरा नाम है कवासी हिड़मे। वह लड़की है। बेहतर हो कहना कि वह युवती है। लड़की से युवती बनने की यात्रा उसने...
More »नक्सलियों ने अपने संगठन के लिए स्कूलों से मांगें 10-10 बच्चे!
रांची : मुरी ओपी क्षेत्र के तीन स्कूलों में पोस्टर चिपका कर नक्सलियों ने संगठन के लिए 10 लड़के और 10 लड़कियों की मांग की है. इससे क्षेत्र में दहशत है. जिन स्कूलों में नक्सली पोस्टर चिपकाये गये हैं, उनमें आरटीसी, संत माइकल और प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय शामिल हैं. पोस्टर में नक्सली कुंदन पाहन को संगठन का अध्यक्ष बताते हुए कृष्ण कुमार महतो के द्वारा बयान जारी किया...
More »सदियों के अन्याय पर माफी कब- सुरेन्द्र कुमार
एक भाषण कितना बड़ा बदलाव ला सकता है! बेशक यह नेहरू के अविस्मरणीय भाषण 'नियति के साथ भारत की भेंट' और मार्टिन लूथर किंग की भावनात्मक प्रेरणा 'मेरा एक सपना है' के स्तर का न हो, लेकिन बीती 14 जुलाई को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में शशि थरूर का पंद्रह मिनट का भाषण भारत में 200 वर्षों के ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन पर हाल के दिनों का सबसे तीक्ष्ण, प्रभावशाली और कटु आलोचना...
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