हर पेशेवर आदमी की सफलता के लिए औजार या हुनर और कच्चे माल की जरूरत पड़ती है। मसलन, जूता तैयार करने वाली कंपनी को औजार के रूप में श्रमिक और कच्चे माल के तौर पर चमड़े और दूसरी चीजों की आवश्यकता पड़ती है। भारत में राजनीति भी एक पेशा है, और इसमें सफल होने के लिए चिंतन क्षमता, रणनीति बनाने की काबिलियत, अभिव्यक्त कर पाने की शक्ति और प्रचार में...
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मौत को भी तमाशा बनाने की फितरत - गिरीश्वर मिश्र
भारत के सामाजिक इतिहास में यह घटना अविस्मरणीय रहेगी कि एक राजनीतिक-सामाजिक मंच के आयोजन के दौरान, जिसमें एक प्रदेश का नामचीन मुख्यमंत्री भी शिरकत कर रहा हो, दिनदहाड़े सबकी आंखों के सामने एक किसान पेड़ पर चढ़ता है, ऊंची डाल पर बैठता है, फांसी का फंदा बनाता है और उससे लटककर मौत को गले लगा लेता है। यह घटनाक्रम सभी देख रहे हैं, पर सभा पूर्ववत जारी रहती है।...
More »मुसीबतों के फंदे में उलझा किसान - संजय गुप्त
बीते बुधवार को दिल्ली में जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की किसान रैली के दौरान राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की जिस ढंग से मौत हुई, उसने न केवल लोगों को झकझोरा, बल्कि दशकों पुरानी किसानों की समस्याओं को एक बार फिर सतह पर ला दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत 'आप" के अन्य बड़े नेताओं की उपस्थिति में गजेंद्र पहले एक पेड़ पर चढ़े और फिर उन्होंने अपने गले में...
More »गजेंद्र सुसाइड : केजरीवाल की मांफी से नहीं लौटेगा मेरा बेटा
जयपुर। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की रैली में बुधवार को पेड़ पर चढ़कर फांसी लगाने वाले राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की मौत पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 48 घंटे बाद सफाई दी। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि मुझे रैली रोक देनी चाहिए थी, भाषण देना गलती थी। मैंने वैसा नहीं किया, इसलिए खुद को दोषी मान रहा हूं। मंच से पेड़ पर क्या चल रहा है कुछ...
More »जमीन को लेकर बढ़ती सियासी रार - आरती जेरथ
भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच निर्णायक मुठभेड़ के लिए मंच तैयार हो चुका है और दोनों ही पार्टियां इसके लिए अपनी फौजों को तैयार कर रही हैं। इसकी गूंज संसद में बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने पर सदन के भीतर और बाहर दोनों जगह सुनाई देगी, क्योंकि दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां अस्थिर किसान लॉबी को अपने पक्ष में करने की कोशिशों में जुटी...
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