[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...
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जयप्रकाश नारायण : हमेशा प्रासंगिक रहेंगे लोकनायक के आदर्श
जन्म तिथि : 11 अक्तूबर,1902 जन्म स्थान : सिताबदियारा, यूपी मृत्यु : 8 अक्टूबर, 1979 स्थान : पटना, बिहार पिता : देवकी बाबू माता : फूलरानी देवी पत्नी : प्रभावती देवी शिक्षा : एम. ए (समाजशास्त्र) कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (साल 1922 से 1929 के बीच), बर्कले, विसकांसिन विश्वविद्यालय जेल यात्रा : 7 मार्च, 1940 को ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें हजारी बाग जेल में डाल दिया, वे लाहौर की काल कोठरी और आगरा सेंट्रल जेल में भी कैद रहे. ...
More »पर्यावरण और विश्व राजनीति-- बिभाष
पिछले नवंबर का महीना सिर्फ विमुद्रीकरण के ही लिये नहीं जाना जायेगा. नोम चॉम्स्की ने हाल में डेली मिरर को दिये एक इंटरव्यू में कहा कि दो घटनाएं जो आठ नवंबर को घटित हुई हैं, बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. एक ओर जहां, अमेरिका ने डोनाल्ड ट्रंप को अपना नया राष्ट्रपति चुना, वहीं दूसरी घटना है- मोरक्को के मार्राकेश शहर में 7 से 16 नवंबर तक यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन...
More »दलित जागरण का उठता ज्वार-- तरुण विजय
अभिमान पर जरा सी चोट लगी थी तो महाभारत हो गया था- द्रौपदी इसकी साक्षी है. एक बार गोली खाना सहन हो सकता है, लेकिन तिरस्कार नहीं. हैदराबाद विमान तल पर राजीव गांधी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री टी अंजैया का जो अपमान किया, उसके बाद कांग्रेस का तख्तापलट हो गया था. जनता ने माफ नहीं किया. अनुसूचित जातियां तो सदियों से यह अपमान झेलती आ रही हैं. जिन्हें अपनी जाति के...
More »दमन का दंश-- मुकेश भारद्वाज
नवउदारवाद के निजामों ने पिछले ढाई दशकों के दौरान स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के उदारवादी मूल्यों को चुनौती दी। बाजार के हाहाकार में सामंती मूल्यों को ही स्थापित करने की कोशिश की गई। स्त्रियों, दलितों सहित अन्य दमित वर्गों को समझाया गया कि बाजार सारी गैरबराबरी मिटा देगा। गुजरात का विकास मॉडल अभी बाजार में भुनाया ही जा रहा था कि कलक्टर साहब के दफ्तर के आगे और सड़कों पर...
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