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चर्चा में.... | एक साल में आधी हो गई है कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर-- सीएसओ के नये आंकड़े
एक साल में आधी हो गई है कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर-- सीएसओ के नये आंकड़े

एक साल में आधी हो गई है कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर-- सीएसओ के नये आंकड़े

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published Published on Jun 12, 2018   modified Modified on Jun 13, 2018

बीते वित्तवर्ष में कृषि क्षेत्र की बढ़वार की दर 2016-17 के मुकाबले तकरीबन 50 फीसद कम रही. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय(सीएसओ) के नये आंकड़ों से पता चलता है 2016-17 में कृषि-क्षेत्र की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही जबकि 2017-18 में इस क्षेत्र का जीवीए(ग्रास वैल्यू एडेड/सकल मूल्य वर्धन) 3.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है.

 

सीएसओ ने हाल में 2017-18 के लिए जीडीपी के अनंतिम अनुमान के साथ-साथ चौथी तिमाही, 2017-18 के लिए भी जीडीपी अनुमान जारी किए हैं. इन अनुमानों में साल 2017-18 के लिए कृषि क्षेत्र के वास्तविक जीवीए की वृद्धि दर में संशोधन करते हुए उसे 3.4 प्रतिशत बताया गया है. गौरतलब है कि बीते 28 फरवरी को जारी द्वितीय अग्रिम आकलन कृषि क्षेत्र के जीवीए में सालाना 3.0 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना जतायी गई थी जबकि 5 जनवरी 2018 को जारी प्रथम अग्रिम आकलन में कृषि क्षेत्र में वास्तविक जीवीए की सालाना वृद्धि के 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान किया गया था.

 

इसी तरह साल 2017-18 में पूरी अर्थव्यवस्था के एतबार से वास्तविक जीवीए की वृद्धि दर में संशोधन करते हुए उसे 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया है. सीएसओ के अनंतिम(प्रोविजनल) आंकड़ों से पता चलता है कि बीते वित्तवर्ष में ‘कृषि, वानिकी तथा मत्स्य पालन' के क्षेत्र में वास्तविक जीवीए की वृद्धि दर समूची अर्थव्यवस्था के वास्तविक जीवीए की वृद्धि दर की आधी रही.

 

अगर कृषि, वानिकी तथा मत्स्य पालन तथा लोक-प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाओं जैसे क्षेत्र के सकल जीवीए के मोल को (2011-12 के स्थिर मूल्यों पर) को समूची अर्थव्यवस्था के जीवीए के मोल से घटा से दें तो 2016-17 के लिए अर्थव्यवस्था के जीवीए की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत से घटकर 6.7 प्रतिशत हो जायेगी लेकिन 2017-18 के लिए यह आंकड़ा 6.5 प्रतिशत पर रहेगा.

 

सीएसओ के प्रेसनोट में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र के लिए जीवीए का आकलन कृषि मंत्रालय द्वारा जारी कृषि-उत्पादन संबंधी तीसरे अग्रिम अनुमान के आधार पर किया गया है. यह आकलन 16 मई 2018 को जारी हुआ था. कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक 2017-18 में खाद्यान्न उत्पादन 279.51 मिलियन टन हो सकता है. यह द्वितीय अग्रिम आकलन से ज्यादा है जिसमें खाद्यान्न उत्पादन के 277.49 मिलियन टन होने की संभावना जतायी गई थी. कृषि वर्ष 2016-17 के अंतिम अनुमान में खाद्यान्न उत्पादन 275.11 मिलियन टन रहने की बात मानी गई थी.

 

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति की मुख्य बातें--

http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=72521 

 

केन्‍द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने वित्‍त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान और वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राष्ट्रीय आय के अनंतिम अनुमान (प्रोविजनल एस्टीमेट) 31 मई(2018) को जारी किए. इन अनुमानों से जुड़ी मुख्‍य बातों का उल्‍लेख नीचे किया गया है:

 

तिमाही अनुमान (चौथी तिमाही, 2017-18)

 

वित्‍त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में वर्ष 2011-12 के मूल्‍यों पर जीडीपी वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत आंकी गई, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 की प्रथम तीन तिमाहियों यथा पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर क्रमश: 5.6, 6.3 तथा 7.0 प्रतिशत रही थी। कृषि (4.5 प्रतिशत), विनिर्माण (9.1 प्रतिशत) और निर्माण (11.5 प्रतिशत) क्षेत्रों के उल्‍लेखनीय योगदान से ही यह उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन संभव हो पाया है।

 

वित्‍त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में क्षेत्रवार स्‍तर पर कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों, उद्योग और सेवा क्षेत्रों के लिए स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर जीवीए वृद्धि दर क्रमश: 4.5, 8.8 और 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

 

वित्‍त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में पूंजीगत सामान की 9.0 प्रतिशत की वृद्धि दर की बदौलत स्थिर मूल्‍यों पर सकल स्‍थायी पूंजी निर्माण की वृद्धि दर चौथी तिमाही में बढ़कर 14.4 प्रतिशत हो गई, जबकि पहली, दूसरी और तीसरी तिमाहियों में यह वृद्धि दर क्रमश: 0.8, 6.1 तथा 9.1 प्रतिशत थी।

 

2017-18 के लिए जीडीपी के अनंतिम अनुमान

 

राष्‍ट्रीय आय के अनंतिम अनुमानों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 के लिए स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। वित्त वर्ष 2017-18 में क्षेत्रवार स्‍तर पर कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों, उद्योग और सेवा क्षेत्रों के लिए स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर जीवीए वृद्धि दर क्रमश: 3.4, 5.5 और 7.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है.

 

राष्ट्रीय आय के अनंतिम अनुमान, 2017-18

 

वर्ष 2017-18 के लिए राष्ट्रीय आय के दूसरे अग्रिम अनुमान 28 फरवरी, 2018 को जारी किए गए थे। कृषि उत्पादन एवं औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के नवीनतम अनुमानों और महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे कि रेलवे, परिवहन (रेलवे को छोड़कर), संचार, बैंकिंग तथा बीमा के प्रदर्शन और सरकारी व्यय को शामिल करते हुए इन अनुमानों को अब संशोधित कर दिया गया है।

 

स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर अनुमान

 

सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी)

 

वर्ष 2017-18 में स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर वास्‍तविक जीडीपी अथवा सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) के बढ़कर 130.11 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2016-17 के लिए प्रथम संशोधित अनुमानों में यह 121.96 लाख करोड़ रुपये आंका गया था। यह 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है।

 

बुनियादी मूल्‍यों पर सकल मूल्य वर्द्धित (जीवीए)

 

वर्ष 2017-18 में बुनियादी स्‍थिर मूल्‍यों (2011-12) पर वास्‍तविक जीवीए अर्थात जीवीए के बढ़कर 119.76 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2016-17 के प्रथम संशोधित अनुमानों में 112.48 लाख करोड़ रुपये था। यह 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है।

 

जिन क्षेत्रों ने 7.0 फीसदी से ज्‍यादा की वृद्धि दर दर्ज की है उनमें ‘लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्‍य सेवाएं (10.0 प्रतिशत)', ‘व्‍यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाए (8.0 प्रतिशत)' और ‘विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्‍य उपयोगी सेवाएं (7.2 प्रतिशत)' शामिल हैं। ‘कृषि, वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन', ‘खनन एवं उत्‍खनन', ‘विनिर्माण', ‘निर्माण' और ‘वित्‍तीय, अचल संपत्‍ति एवं प्रोफेशनल सेवाओं' की वृद्धि दर क्रमश: 3.4, 2.9, 5.7, 5.7 और 6.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।

 

सकल राष्ट्रीय आय

 

वर्ष 2017-18 के दौरान वर्ष 2011-12 के मूल्यों पर सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) 128.64 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले वर्ष के दौरान यह अनुमानित 120.52 लाख करोड़ रुपये थी। वृद्धि दरों की दृष्टि से वर्ष 2017-18 के दौरान सकल राष्ट्रीय आय में 6.7 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान लगाया गया है जबकि वर्ष 2016-17 के दौरान वृद्धि दर 7.1 फीसदी थी.

 

प्रति व्‍यक्‍ति आय

 

वर्ष 2017-18 के दौरान सही अर्थों में (2011-12 के मूल्‍यों पर) प्रति व्‍यक्‍ति आय के बढ़कर 86,668 रुपये के स्तर पर पहुंच जाने की संभावना है, जो वर्ष 2016-17 में 82229 रुपये थी। वर्ष 2017-18 के दौरान प्रति व्‍यक्‍ति आय की वृद्धि दर 5.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष 5.7 फीसदी थी।

 

वर्तमान मूल्‍यों पर अनुमान

 

सकल घरेलू उत्‍पाद

 

वर्ष 2017-18 में वर्तमान मूल्‍यों पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्‍पाद) के बढ़कर 167.73 लाख करोड़ रुपये के स्‍तर पर पहुंच जाने का अनुमान है, जो वर्ष 2016-17 में 152.54 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी। यह 10.0 फीसदी की वृद्धि दर दर्शाती है।

 

वर्तमान मूल्यों पर जिन क्षेत्रों (सेक्टर) ने 9 फीसदी एवं उससे ज्यादा की वृद्धि दर दर्ज की है उनमें ‘खनन एवं उत्‍खनन', ‘व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण संबंधी सेवाएं', ‘वित्तीय, अचल संपत्ति एवं प्रोफेशनल सेवाएं' और ‘लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं' शामिल हैं।

 

राष्ट्रीय आय

 

वर्ष 2017-18 के दौरान वर्तमान मूल्यों पर सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) 165.87 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2016-17 में 150.77 लाख करोड़ रुपये थी। यह 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।

 

प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय

 

वर्ष 2017-18 के दौरान वर्तमान मूल्यों पर प्रति व्यक्ति आय के बढ़कर 112835 रुपये के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है, जो वर्ष 2016-17 में अनुमानित 103870 रुपये थी. यह 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.



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