Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
चर्चा में.... | आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हमले में महाराष्ट्र और गुजरात सबसे अव्वल
आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हमले में महाराष्ट्र और गुजरात सबसे अव्वल

आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हमले में महाराष्ट्र और गुजरात सबसे अव्वल

Share this article Share this article
published Published on Dec 20, 2013   modified Modified on Dec 20, 2013

विगत आठ सालों में कितने लोगों ने आरटीआई एक्ट के इस्तेमाल के कारण जान गंवाई और कितने लोगों पर जानलेवा हमले हुए ? अगर आप सोचते हैं कि केंद्र सरकार इस प्रश्न का सही-सही उत्तर देगी तो आप भूल कर रहे हैं।

कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइटस् इनिशिएटिव(सीएचआरआई) द्वारा प्रस्तुत एक दस्तावेज(देखें नीचे दी गई लिंक) के अनुसार केंद्र सरकार के पास आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हमले की आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।  कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने हाल के सालों में मामले से यह कहकर पल्ला झाड़ लिया है कि केंद्र सरकार ऐसे मामलों के आकड़े एकत्र नहीं करती। उसका तर्क है कि आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हुआ हमला कानून-व्यवस्था की बहाली का मामला है जो राज्यों के अधीन है।

दस्तावेज में ध्यान दिलाया गया है कि सूचना के अधिकार की भारी लोकप्रियता और आरटीआई कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमलों की घटनाओं की बढ़ती तादाद के बावजूद सरकार की तरफ से ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिसके सहारे पता किया जा सके कि देश में कहां कितने लोग सूचना के अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर आरटीआई एक्ट के अंतर्गत वाछित सूचना मांगने के कारण देश में कितने लोगों पर जानलेवा हमले हुए हैं।

कुछ रोज पहले सीएचआरआई के एक आकलन में कहा गया था कि आरटीआई एक्ट का उपयोग करने वाले नागरिकों की तादाद देश की कुल आबादी में तुलना में बहुत कम (0.3प्रतिशत) है(देखें नीचे दी गई लिंक-2) लेकिन नगण्य सी जान पड़ती यह तादाद देश के राज-आर्थिक परिवेश को जड़ से आंदोलित कर रही है।

बीते आठ सालों के रुझान इस बात का संकेत करते हैं कि भ्रष्टाचार में लिप्त तबके  आरटीआई कार्यकर्ताओं की हिम्मत को पस्त करने के लिए उनके ऊपर बड़ी तादाद में हमले कर रहे हैं। कुछ राज्यों में सूचना का अधिकार अधिनियम का इस्तेमाल करने क्रम में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बहुत अधिक है। मिसाल के लिए बीते आठ सालों में महाराष्ट्र में आरटीआई कार्यकर्ताओं पर 52 दफे हमले हुए हैं और इनमें आठ मामलों में सूचनार्थियों की हत्या हुई है। आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हुए हमलों के मामले में गुजरात दूसरे नंबर पर है। वहां 34 मामलों में आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हमले हुए हैं और इसमें तीन मामलों में सूचनार्थियों की हत्या की सूचना है।।(विभिन्न राज्यों में सूचना के अधिकार कार्यकर्ताओं पर हुए हमलों के ब्यौरे के लिए देखें नीचे दी गई तालिका)

सीएचआरआई के दस्तावेज का संकेत है कि जल, जंगल और जमीन से संबंधित सूचनाओं को उजागर करने का मामला हो तो आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या या उनके उत्पीड़न की आशंका सबसे ज्यादा है।( आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या या उन पर हुए हमलों के प्रमुख कारणों को नीचे दी गई लिंक में बिन्दुवार बताया गया है)

 

हत्या /हमला/उत्पीड़न के कुल मामले(तथाकथित)

250

   

हत्या

31+

   

आत्महत्या

2

   

हमला या उत्पीड़न

214+

   

गैंगस्टर और आपराधिक आचरण वाले लोगों द्वारा आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हमला

4 (2 cases)

   

सर्वाधिक कम उम्र में हमले का शिकार

18 years

   

महिला

18 + (19)

   

विकलांग

1

   

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया

6 cases 

   
       

हत्या /हमला/उत्पीड़न की संख्या राज्यवार

हत्या

 

महाराष्ट्र

52 (+1)

8

 

गुजरात

34 (+1)

3

 

दिल्ली

19

0

 

उत्तरप्रदेश

15

3

 

आंध्रप्रदेश

14

2

 

कर्नाटक

14

3

 

बिहार

13

4

 

हरियाणा

11

2

 

ओड़िशा

8

0

 

पंजाब

8

0

 

मेघालय

7

0

 

राजस्थान

7

2

 

तमिलनाडु

7

1

 

असम

4

0

 

जम्मू-कश्मीर

5

0

 

झारखंड

5

3

 

मणिपुर

5

0

 

गोवा

4

0

 

मध्यप्रदेश

4

0

 

छत्तीसगढ़

2

0

 

अरुणाचल प्रदेश

1

0

 

दमन और दीऊ

1

0

 

नगालैंड

1

0

 

पश्चिम बंगाल

1

0

 

त्रिपुरा

1

1

 
       

लिंक-http://www.im4change.orghttps://im4change.in/siteadmin/tin
ymce//uploaded/CHRI-RTIusersattacks-IPTsubmission-Dec13-De
lhi-VNayak.pdf


 http://www.im4change.org/news-alerts/seven-years-of-rti-fr
om-strength-to-strength-23145.html

(पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर साभार निम्नलिखित लिंक से ली गई है- http://www.kvic.org.in/PDF/rti-right-to-information-act.jpg)

 

 



Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close