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चर्चा में..... | बिहार की चमत्कारिक आर्थिक वृद्धि- मिथक या यथार्थ

बिहार की चमत्कारिक आर्थिक वृद्धि- मिथक या यथार्थ

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published Published on Jan 14, 2010   modified Modified on Jan 14, 2010
क्या यह बात सच है कि विकास के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को महज चार सालों में गुजरात के करीब पहुंचा दिया है। समाचारों की माने तो सचमुच ऐसा ही है( देखें नीचे दी गई लिंक) लेकिन आंकड़ों का विश्लेषण ऐसा कहने से इनकार करता है।
 
बिहार की आर्थिक प्रगति के अर्धसत्य को परोसने के लिए समाचारों में आधार बनाया गया है केंद्रीय सांख्यिकी एवम् कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय से संबद्ध केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के नए आंकड़ों को। संगठन द्वारा जारी नए आंकड़ों से देश के विभिन्न राज्यों की आर्थिक वृद्धि दर का पता चलता है।

केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने साल 1999-2000 के मूल्यों को आधार मानते हुए विभिन्न राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद की वर्षवार गणना जारी की है। इस गणना के मुताबिक वर्ष 2004-05 से 2008-9 के बीच बिहार का सालाना औसत आर्थिक वृद्धि दर 11.03 फीसदी रही जबकि इसी अवधि में सबसे ज्यादा औसत आर्थक वृद्धि दर(11.05 फीसदी) हासिल करने वाला राज्य गुजरात रहा। जाहिर है इस गणना के आधार पर कोई भी कहेगा कि आर्थिक बढ़ोतरी के मामले में बिहार गुजरात के करीब पहुंच रहा है। मगर फांस यहीं है।

केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने गुजरात के जो आंकड़े जारी किए हैं वे 2007-08 तक के ही है। सिर्फ गुजरात ही क्यों मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल जैसे कई ऐसे राज्य भी हैं जिनका अद्यतन यानी 2008-09 तक का आंकड़ा केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने जारी नहीं किया है। बौद्धिक इमानदारी के तकाजे से सवाल यही उठता है कि अगर आंकड़े अद्यतन नहीं हैं तो फिर बिहार की आर्थिक वृद्धि की तुलना गुजरात या फिर किसी अन्य राज्य से कैसे कर सकते हैं।

आंकड़ों के आधार पर आर्थिक वृद्धि दर की गणना से जुड़ी दूसरी बात है सुविधाजनक चयन की। अगर अवधि में तनिक फेर बदल करें और 2004-05 से लेकर 2008-09 के बीच की आर्थिक वृद्धि दर को मापने के बजाय 1999-2000 से 2008-09 के बीच की अवधि के वृद्धि दर को मापें तो बिहार का आंकड़ा 11.3 फीसदी के बजाय 8.13 पर टिक जायेगा। यही पद्धति अपनायी जाय तो गुजरात का आंकड़ा सालाना औसत वार्षिक वृद्धि के लिहाज से 11.05 फीसदी से घटकर 8.83 फीसदी पर आ जायेगा और भारत की औसत वार्षिक वृद्धि दर 8.49 से घटकर 7.09 फीसदी पर जा पहुंचेगी।
 
समाचारों ने बिहार को विकास के मार्ग पर गुजरात का हमकदम बताने के लिए केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के आंकड़ों के साथ मनमाना बरताव किया। अगर बिहार के सकल घरेलू उत्पाद की गणना (1999-2000 के मूल्य के आधार पर) अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों के हिसाब से करें तो यह बात साफ हो जाएगी।

ये आंकड़े कहते हैं कि बिहार में खेती और उससे जुड़े क्षेत्रों की सालाना वृद्धि दर बतायी गई अवधि में नकारात्मक रही है। साल 2005-06 में बिहार में कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों की फिसलन -10.82 फीसदी की रही तो 2007-08 में -8.72 फीसदी की। इसके ठीक विपरीत इन्हीं सालों में बिहार में उद्योग(28.26 और 17.83 फीसदी) और सेवा क्षेत्र(3.09 और 14.73 फीसदी) ने धनात्मक बढ़त दर्ज की।साल 2000-2001 में बिहार के सकल घरेलू उत्पाद में खेती का हिस्सा 38.8 फीसदी था जबकि साल 2008-09 में घटकर 26.2 फीसदी हो गया। जाहिर है, बिहार में उद्योगों और सेवाक्षेत्र की प्रगति खेती की कीमत पर हुई है जबकि खेती पर बिहार में निर्भर लोगों के तादाद राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है।

अगर साल 1999-2000 के मूल्यों को आधार मानें तो विविध आधिकारिक स्रोतों से प्राप्तलआंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि साल 2004-05 से 2008-09 के बीच बिहार के सकल घरेलू उत्पाद की औसत सालाना वृद्धि 36.16 फीसदी रही। यदि इसी अवधि को बदलकर 1999-2000 से 2008-09 कर दिया जाएगा तो सकल घरेलू उत्पाद की औसत सालाना वृद्धि का आंकड़ा 24.44 फीसदी पर आ टिकेगा।

इसमें ध्यान देने की बात यह है कि सालों साल बिहार के सकल घरेलू उत्पाद में बैंकिंग और बीमा क्षेत्र का योगदान स्थिर रहा है। सभी जानते हैं कि यह क्षेत्र उद्योग-क्षेत्र की बढ़त में बड़ी निर्णायक भूमिका निभाता है। आंकड़ों के विश्लेषण से हमें इस बात की भी जानकारी मिलती है कि बिहार के सकल घरेलू उत्पाद में पंजीकृत विनिर्माण क्षेत्र का योगदान साल 1999-2000 के 2.3 फीसदी से घटकर साल 2008-09 में 0.7 फीसदी हो गया है। इस क्षेत्र की औसत सालाना वृद्धि (2004-05 से 2008-09) महज 4.06 फीसदी के दर से हुई है और इसी अवधि में हुए कृषि क्षेत्र की औसत सालाना वृद्धि(7.29 फीसदी) से यह कहीं कम है। इस वजह से हम यह भी नहीं कह सकते कि उद्योग के क्षेत्र में संरचनागत महत्व की कोई खास प्रगति बिहार में हो पायी है।

2001 में योजना आयोग ने नेशनल ह्यूमन डेवलेपमेंट रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार का ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स 0.367 है और अखिल भारतीय स्तर पर पंद्रह राज्यों के बीच बिहार का दर्जा मानव विकास सूचकांक पर सबसे नीचे यानी 15 वें पादान पर है। इस रिपोर्ट को देखें तो पता चलेगा कि मानव विकास सूचकांक के आधार पर बिहार मध्यप्रदेश(12 वीं पादान, सूचकांक -0.394), उड़ीसा (11 वीं पादान, सूचकांक- 0.404) और राजस्थान(9 वीं पादान, सूचकांक- 0.424) से पीछे है जबकि इन सभी सूबों का मानव विकास सूचकांक राष्ट्रीय औसत (0.472) से काफी नीचे था।




विस्तृत जानकारी के लिए देखें निम्नलिखित लिंक्स-

GSDP data of various states of India,
http://www.mospi.nic.in/State-wise_SDP_1999-2000_20nov09.pdf

Economic Survey of Bihar 2008-09, Government of Bihar
http://www.indiaenvironmentportal.org.in/files/ESR-2008-09-EN.pdf

National Human Development Report 2001, Planning Commission,
http://www.im4change.org/docs/nhd2001.pdf
 
Bihar’s miracle: growth rate at 11.03 p.c., The Hindu, 3 January, 2010,
http://beta.thehindu.com/news/states/other-states/article7
4958.ece

Road to development, The Business Standard, 6 January, 2010, http://www.business-standard.com/india/news/road-to-develo
pment/381731/

 
Hope for poor states, The Economic Times, 5 January, 2010,
http://economictimes.indiatimes.com/opinion/editorial/Hope
-for-poor-states/articleshow/5411079.cms
 
 
New miracle economies: Bihar, poor states by SA Aiyar, The Times of India, 3 Jauary, 2010,
http://blogs.timesofindia.indiatimes.com/Swaminomics/entry
/new-miracle-economies-bihar-poor
 
 
Bihar grew by 11.03%, next only to Gujarat, The Times of India, 3 January, 2010,

http://timesofindia.indiatimes.com/biz/india-business/Biha
r-grew-by-1103-next-only-to-Gujarat/articleshow/5405973.cm
s
 

Mind The Shadows by Lola Nayar, Outlook India,
http://www.outlookindia.com/article.aspx?263643
 
Bihar, a growth story by Raj Kumar, The Times of India, 11 January, 2010,

http://timesofindia.indiatimes.com/home/sunday-toi/special
-report/Bihar-a-growth-story/articleshow/5428960.cms
 
 
How Bihar can rise as a developed state by Kailash Nautiyal, Rediff.com,

http://business.rediff.com/slide-show/2010/jan/04/slide-sh
ow-1-how-bihar-can-rise-as-a-developed-state.htm#contentTo
p
 
 

 

 

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