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चर्चा में..... | महिलाओं पर हिंसा की घटनाओं में अभूतपूर्व बढ़ोतरी

महिलाओं पर हिंसा की घटनाओं में अभूतपूर्व बढ़ोतरी

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published Published on Dec 20, 2009   modified Modified on Dec 20, 2009

नागरिक संगठन प्रज्ञा द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में महिलाओं पर हिंसाचार की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। जेंडर वॉयलेंस इन इंडिया नामक इस रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं पर हुए हिंसाचार की कुल घटनाओं में से 13.3 फीसदी सिर्फ एक राज्य आंध्रप्रदेश से बावस्ता हैं।(देखें नीचे दी गई लिंक)।

प्रज्ञा द्वारा जारी रिपोर्ट में नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरों के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है। रिपोर्ट का दावा है कि इज्जत और शान के नाम पर महिलाओं को मारने की घटनाएं हमारी मौजूदा विधिक प्रणाली की खामियों के कारण जातिगत हिंसा या फिर प्रताड़ना मानकर दर्ज की जाती हैं। रिपोर्ट में महिलाओं पर हो रहे हिंसाचार और अपराध को नए सिरे से देखने के लिए आंकड़ों का एक समग्र समुच्चय प्रदान किया गया है।

रिपोर्ट में महिलाओं पर होने वाले हिंसाचार को छह कोटियों में बांटा गया है। ये हैं- प्रसव पूर्व भ्रूण परीक्षण और हत्या, बाल विवाह और जबरिया विवाह, सामुदायिक इज्जत के नाम पर महिला की हत्या, दहेज हत्या, घरेलू हिंसा और बलात्कार।

रिपोर्ट के मुताबिक मादा भ्रूण हत्या के कारण पिछले दो दशकों में कम से कम 1 करोड़ महिलायें जन्म से पहले मार दी गईं हैं। अल्ट्रासाऊंड और भ्रूण के लिंग निर्धारण की तकनीक भारत में दो दशक पहले सुलभ हुई और इसने हजार बरस पुराने लैंगिक पुर्वाग्रह के साथ विचित्र तालमेल कायम किया। रिपोर्ट में ध्यान दिलाया गया है कि भारत में आज भी महिलाओं का ब्याह व्यवसायिक हितों को बढ़ाने, दो परिवारों के बीच रिश्ता कायम करने या फिर इज्जत-अफजाई के नाम पर किया जाता है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2006 के बाद से देश में दहेज ह्त्याओं में 6.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कुल दहेज हत्याओं में 25.7 फीसदी (2076) उत्तरप्रदेश और 14.5 फीसदी(1172) बिहार में दर्ज की गईं।

रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों से जाहिर होता है कि हिन्दुस्तान में महिलाओं पर घरेलू हिंसा का आम चलन है।देश में साल 2007 में घरेलू हिंसा से संबंधित 75930 घटनायें प्रकाश में आईं । यह आंकड़े साल 2006 के आंकड़े से 20 फीसदी और पिछले पाँच वर्षों में महिलाओं पर हुई घरेलू हिंसा की घटनाओं की तादाद के औसत से 35 फीसदी ज्यादा है।

मध्यप्रदेश में बालात्कार की सर्वाधिक(3010) घटनायें दर्ज की गईं। बलात्कार की कुल घटनाओं में 14.5 फीसदी सिर्फ मध्यप्रदेश से बावस्ता हैं। बलात्कार की शिकार महिलाओं में 9.6 फीसदी(1972) की उम्र 15 साल से कम थी जबकि 15.2 फीसदी की उम्र 15-18 साल के बीच थी।। बलात्कार की शिकार महिलाओं में दो तिहाई की उम्र 18-30 साल की थी। रिपोर्ट में नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरों के 2007 के आंकड़ों के हवाले से कहा गया है कि बलात्कार के अधिकांश मामलो(92 फीसदी)  में देखा गया कि बलात्कारी महिला का रिश्तेदार या फिर परिचिय के दायरे में से ही कोई है।

इस विषय पर विस्तार के लिए देखें निम्नलिखित लिंक-

Gender Violence in India by Prajnya (2009), http://www.prajnya.in/gvr09.pdf

http://www.facebook.com/notes.php?id=35914915772

http://www.prajnya.in/16days.htm

An anniversary of violence by Kalpana Sharma, The Hindu, 13 December, 2009, 

http://www.hindu.com/mag/2009/12/13/stories/2009121350100300.htm

 

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