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न्यूज क्लिपिंग्स् | और तेज करने करने होंगे पानी को बचाने के प्रयास

और तेज करने करने होंगे पानी को बचाने के प्रयास

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published Published on Apr 28, 2023   modified Modified on Apr 28, 2023

डाउन टू अर्थ , 28 अप्रैल

भारत में लगभग 24 लाख जल स्रोत हैं। यह निष्कर्ष देश के पहले जल निकाय गणना (वाटर बॉडी सेंसस) में सामने आया है। इन जल स्रोतों में बारिश और भूजल-पुनर्भरण किए जाने वाले जल स्रोत दोनों ही शामिल हैं।

केन्द्रीय जलशक्ति (जल संसाधन) मंत्रालय के द्वारा की गई इस गणना ने सभी जल स्रोतों की जियो-टैगिंग करते हुए छाया चित्रों और अक्षांश और देशांतर के आधार पर सभी तालाबों, टैंकों, चकबंधों और जल-भंडारों को एक-दूसरे से जोड़ दिया है।
सर्वेक्षण के अनुसार 83 प्रतिशत जल स्रोतों का उपयोग मत्स्य-पालन, सिंचाई, भूजल-पुनर्भरण और पेयजल के लिए किया जाता है। इस रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि आम धारणा के विपरीत इस गणना में केवल 1.6 प्रतिशत जलाशयों पर अतिक्रमण पाया गया है।
इन जलाशयों के कैचमेंट एरिया (जलग्रहण क्षेत्र) की स्थिति के बारे में आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, जिससे यह निर्धारित करने में सहायता मिल पाए कि कितने भूजल को पुनर्भरण (रिचार्ज) किया जा रहा है। लेकिन यह तय है कि यह गणना जलवायु संकट के इस वर्तमान समय में एक महत्वपूर्ण पहल है।
पूरी खबर- डाउन टू अर्थ


डाउन टू अर्थ , 28 अप्रैल https://www.downtoearth.org.in/hindistory/water/water-conservation/efforts-to-save-water-will-have-to-be-intensified-89000
 

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