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न्यूज क्लिपिंग्स् | कमीशन के लिए बिना जरूरत खरीदे करोड़ों के पाइप

कमीशन के लिए बिना जरूरत खरीदे करोड़ों के पाइप

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published Published on Dec 11, 2015   modified Modified on Dec 11, 2015
हरीश दिवेकर, भोपाल। सूखा प्रभावित किसानों को राहत राशि देने राज्य सरकार ने एक ओर विभाग के बजट में कटौती कर गैर जरूरी खर्चों पर रोक लगाई है, वहीं पीएचई विभाग के अफसरों ने कमीशन के फेर में बगैर जरूरत के करीब 100 करोड़ की पाइप खरीदी कर ली है। विभाग के दूसरे बजट से इसका भुगतान भी करवा दिया गया। अब मैदानी अधिकारियों को रोजमर्रा के खर्चों के लिए पैसों का संकट गहरा रहा है।

 

अकेले इंदौर के मैकेनिकल डिवीजन में सवा करोड़ की खरीदी का खुलासा हुआ है, जबकि सिविल डिवीजन के मुकाबले मैकेनिकल में नलकूप खनन का 30 प्रतिशत ही काम होता है। प्रदेशभर में 51 सिविल डिवीजन और 7 मैकेनिकल डिवीजन हैं। पूरे प्रदेश में हालात ये है कि 14 सौ से ज्यादा नल-जल योजनाएं अधूरी पड़ी हैं लेकिन कमीशन के फेर में खरीदी पूरी कर ली गई है। ये खुलासा हुआ है विभाग के ही एक कार्यपालन यंत्री के पत्र से, जो उन्होंने सरकार को लिखा है।
पत्र की प्रति नईदुनिया के पास मौजूद है। पीएचई इंदौर के कार्यपालन यंत्री चैतन्य रघुवंशी ने प्रमुख सचिव अश्विनी राय और ईएनसी जीएस डामोर को पत्र लिखकर कहा है कि मुख्यालय के अधिकारियों ने नलकूप खनन के नाम पर बगैर जरूरत के करोड़ों स्र्पए के हैंडपंप और पाइप की खरीदी कर ली है। इसके लिए मैदानी अध्ािकारियों से मांग पत्र भी नहीं लिया गया है।
रघुवंशी ने कहा है कि उनके कार्यक्षेत्र वाले जिलों इंदौर, खंडवा, धार, झाबुआ, खरगोन और बड़वानी के लिए मुख्यालय के अधिकारियों ने आवश्यकता न होने पर भी 1 करोड़ 23 लाख की खरीदी की है। उनका आरोप है कि दबाव बनाकर इसका भुगतान भी तत्काल करवाया गया। ऐसी स्थिति में मैदानी इंजीनियरों के पास रोजमर्रा के खर्चों के लिए पैसों का संकट हो गया है।
भुगतान न होने से नलकूप खनन की मशीनों को डीजल देने से पेट्रोल पंप संचालकों ने भी इंकार कर दिया है। साथ ही बकाए का भुगतान मय ब्याज मांग रहे हैं। रघुवंशी ने प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में अनावश्यक खरीदी की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि मैदानी इंजीनियरों के बगैर मांग पत्र के ऐसी खरीदी पर अंकुश लगाया जाए।
इस मामले में जब प्रदेश के अन्य जिलों से जानकारी ली गई तो कई कार्यपालन यंत्रियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पीएचई मुख्यालय में बैठे वरिष्ठ अफसर कमीशन के फेर में बगैर जरूरत के खरीदी कर रहे हैं। इसके चलते उनके सामने ऐसी सामग्री को सुरक्षित भंडारण करने की समस्या खड़ी हो गई है।
वहीं इस खरीदी के भुगतान के बाद रोज के खर्चों का संकट भी बन गया है। इस मामले में जब पीएचई मंत्री कुसुम महदेले ने कहा कि वे इस मामले की जानकारी लेकर जांच कराएंगी ।
सीधी बात : जीएस डामोर, ईएनसी पीएचई
सवाल - पूरे प्रदेश में बगैर जरूरत 100 करोड़ की नलकूप सामग्री खरीदी गई है।
जवाब - मेरी जानकारी में ऐसा कुछ नहीं है। आपको किसी ने गलत बताया होगा।
सवाल - इंदौर के कार्यपालन यंत्री ने आपको और प्रमुख सचिव दोनों को पत्र लिखकर पूरी वस्तुस्थिति बताई है।
जवाब - मुझे अब तक पत्र नहीं मिला है। उसे देखने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा।
सवाल - नईदुनिया के पास पत्र है। इसमें लिखा है कि मुख्यालय के अधिकारियों ने बगैर जरूरत के 122 करोड़ की खरीदी की है।
जवाब- मैं इसका अभी कोई जवाब नहीं दे सकता। पता करने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा।
बगैर मांग के खरीद कर भेज दिए पाइप
हमने न तो पीएचई मुख्यालय न ही सरकार को नलकूप खनन के लिए पाइप खरीदी कोई मांग नहीं भेजी थी, इसके बावजूद सवा करोड़ की सामग्री अनावश्यक रूप से खरीद कर भेज दी। इसका भुगतान भी हमारे बजट से करवा दिया। इससे जहां इंदौर डिवीजन में पाइप के भंडारण की समस्या आ रही है। वहीं डिवीजन में रोजाना के खर्च के लिए पैसों का संकट बन गया है। इस मामले में मैंने पीएचई मंत्री, प्रमुख सचिव और ईएनसी को पत्र लिखकर भविष्य में इस तरह की खरीदी पर रोक लगाने का आग्रह किया है।
-चैतन्य रघुवंशी, कार्यपालन यंत्री पीएचई इंदौर संभाग

 


http://naidunia.jagran.com/madhya-pradesh/bhopal-for-commission-without-the-need-to-purchase-billions-pipe-600571


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