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न्यूज क्लिपिंग्स् | कृषि मंत्रालय ने रबी फसलों का क्षेत्र मार्च में बढऩे के बजाय घटाया - आर एस राणा

कृषि मंत्रालय ने रबी फसलों का क्षेत्र मार्च में बढऩे के बजाय घटाया - आर एस राणा

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published Published on Apr 1, 2014   modified Modified on Apr 1, 2014

कमाल : जब बुवाई प्रगति पर है तो फरवरी के बाद रकबा कैसे घटेगा

उलटा
मंत्रालय ने मार्च में रकबा घटाकर आंकड़ों में गड़बड़ी की
पुलटा
या फिर फरवरी के रकबा में हुई गलती सुधारी मार्च में

परिणाम
खाद्यान्न का उत्पादन 26.32 करोड़ टन होने की उम्मीद धूमिल
पैदावार घटने के आसार से दलहन व खाद्य तेलों में तेजी का रुख

यह कमाल कृषि मंत्रालय ही कर सकता है। रबी सीजन की बुवाई प्रगति पर है। फरवरी के बाद मार्च में रबी फसलों की बुवाई का रकबा बढऩा चाहिए था। लेकिन हैरत की बात है कि बुवाई का रकबा बढऩे के बजाय मार्च में कम हो गया है। मंत्रालय के बुवाई के फरवरी वाले आंकड़े सही थे, तो मार्च का आंकड़ा ऊपर जाना चाहिए था। रकबा घटने से लगता है कि मार्च के आंकड़ों को दुरुस्त किया गया है।

इस तरह फरवरी के आंकड़े सटीक नहीं थे। खैर, मार्च का रकबा घटने से देश में फसल वर्ष 2013-14 के दौरान खाद्यान्न का उत्पादन 26.32 करोड़ टन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीद धूमिल होती दिख रही है। मंत्रालय ने पहले यही उम्मीद जताई थी।

कृषि मंत्रालय किस आधार पर फसलों के बुवाई आंकड़े जारी करता है, इस पर ही संदेह होने लगा है। आमतौर पर सप्ताह-दर-सप्ताह फसलों के बुवाई आंकड़ों में बढ़ोतरी होती है।

कृषि मंत्रालय द्वारा जारी रबी फसलों के बुवाई आंकड़ों में भी फरवरी महीने तक तो हर सप्ताह बढ़ोतरी हो रही थी लेकिन 21 मार्च को हुई बैठक में अधिकारियों ने गेहूं, चना, सरसों और अन्य फसलों के बुवाई के रकबा कमी कर दी। इससे रबी में खाद्यान्न का उत्पादन 26.32 करोड़ टन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीद पर संदेह होने लगा है।

मंत्रालय द्वारा 14 फरवरी 2014 को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देशभर में गेहूं की बुवाई 315.32 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी लेकिन मंत्रालय द्वारा 21 मार्च 2014 को जारी आंकड़ों के अनुसार बुवाई का रकबा 306.11 लाख हैक्टेयर रहा। इस तरह गेहूं का रकबा अधिकारियों ने घटा दिया।

इसी तरह चना के बुवाई आंकड़ों को भी 102.12 लाख हैक्टेयर से घटाकर 96.57 लाख हैक्टेयर और सरसों के बुवाई क्षेत्र को 71.30 लाख हैक्टेयर से घटाकर 66.29 लाख हैक्टेयर कर दिया। इससे कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन 956 लाख टन, चना के रिकॉर्ड उत्पादन अनुमान 97.9 लाख टन और सरसों के उत्पादन अनुमान 82.51 लाख टन में भी कमी आ सकती है।

मंत्रालय ने रबी दलहन की अन्य फसलों उड़द और मूंग के साथ ही मोटे अनाजों मक्का और जौ के बुवाई आंकड़ों में भी कमी कर दी हैं।
रबी में दलहन के कुल बुलाई आंकड़े भी मंत्रालय के अधिकारियों ने घटा दिए है। मंत्रालय ने 14 फरवरी 2014 को जो आंकड़े जारी किए थे, उसके अनुसार दलहन की कुल बुवाई 161.90 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी लेकिन 21 मार्च को दलहन के कुल बुवाई आंकड़ों को घटकर 146.61 लाख हैक्टेयर कर दिया।

इसी तरह तिलहनों के कुल आंकड़ों को भी 90.51 लाख हैक्टेयर से घटाकर 86.34 लाख हैक्टेयर कर दिया। इसका असर दालों के साथ ही खाद्य तेलों की पैदावार और इनकी कीमतों पर भी पड़ा है। चालू महीने में दलहन की थोक कीमतों में करीब 1,000 रुपये और खाद्य तेलों की कीमतों में 500-600 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है।


http://business.bhaskar.com/article/BIZ-in-march-the-ministry-of-agriculture-to-increase-rather-than-decrease-the-area-o-4566232-NOR.html


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