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न्यूज क्लिपिंग्स् | पर्यावरण मुआवजे को दूसरे उद्देश्यों के लिए क्यों किया गया खर्च, एनजीटी ने सीपीसीबी को लिया आड़े हाथों

पर्यावरण मुआवजे को दूसरे उद्देश्यों के लिए क्यों किया गया खर्च, एनजीटी ने सीपीसीबी को लिया आड़े हाथों

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published Published on Dec 20, 2023   modified Modified on Dec 22, 2023

डाउन टू अर्थ, 20 दिसम्बर 

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने निर्देश दिया है कि पर्यावरण मुआवजे के रूप में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के पास जमा की गई धनराशि को डायवर्ट नहीं किया जाना चाहिए। न ही उसमें किसी प्रकार की कोई वित्तीय अनियमितता होनी चाहिए।

एनजीटी के अनुसार, इस तरह की कार्रवाइयों को सीपीसीबी द्वारा धन का दुरुपयोग माना जाएगा। साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यह भी कहा है कि यह सीपीसीबी के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।

पूरा मामला वायु प्रदूषण से संबंधित है। अदालत को पता चला है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ईपीसी फंड के तहत सड़क निर्माण/मरम्मत और मैकेनिकल रोड स्वीपर जैसे कार्यों के लिए दिल्ली-एनसीआर में शहरी स्थानीय निकायों को धन प्रदान कर रहा है।

वहीं स्पष्ट कारण बताए बिना इसी तरह की फंडिंग गाजियाबाद नगर निगम और अन्य स्थानीय निकायों को भी दी जा रही है। इस तरह, यह स्पष्ट हो जाता है कि "सीपीसीबी के पास जमा की गई पर्यावरणीय मुआवजे की राशि को अनधिकृत उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।"

ऐसे में एनजीटी ने सीपीसीबी को उसके पास जमा पर्यावरण मुआवजे की कुल राशि का पूरा विवरण देने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त, सीपीसीबी को इस बात का भी खुलासा करना होगा कि 30 नवंबर, 2023 तक इन फंडों के किसी भी हिस्से को कैसे खर्च या उपयोग किया गया है।

अदालत ने सीपीसीबी की ओर से पेश वकील से यह भी सवाल किया है कि सीपीसीबी सड़कों के निर्माण या मरम्मत को लेकर क्यों चिंतित है, जो "स्थानीय निकायों की वैधानिक जिम्मेवारी है। अदालत ने इस बात पर जोर दिया है कि पर्यावरणीय मुआवजे के धन को ऐसी गतिविधियों पर नहीं लगाया जा सकता, जिन्हें करने की अनुमति नहीं है।

पूरी रपट- डाउन टू अर्थ


डाउन टू अर्थ, 20 दिसम्बर https://www.downtoearth.org.in/hindistory/pollution/air-pollution/why-was-environmental-compensation-spent-for-other-purposes-ngt-comes-down-heavily-on-cpcb-93492
 

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