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न्यूज क्लिपिंग्स् | समेकित कृषि प्रणाली अपनाएं किसान

समेकित कृषि प्रणाली अपनाएं किसान

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published Published on Dec 20, 2009   modified Modified on Dec 20, 2009

पटना सूबे की आबादी बढ़ रही है, पर जमीन का रकबा नहीं बढ़ाया जा सकता है। परिवार बंटने से जमीन की जोत घट रही है। ऐसी स्थिति में कम जमीन में अधिक पैदावार की तकनीक अपनाने की जरूरत है। इसके लिए एक एकड़ में एक परिवार के जीविकोपार्जन के लिए समेकित कृषि प्रणाली का तरीका निकाला गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को किसानों से भरे श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में आयोजित समारोह में ये सुझाव दिये।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर किसानों को नयी तकनीक अपनाने की सलाह दी और प्रदेश के लिए 3753 किसान पाठशालाओं व समेकित कृषि प्रणाली का शुभारम्भ किया। समारोह में मंत्रियों ने केन्द्र पर बिहार के विकास में असहयोग व सौतेला व्यवहार का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने समेकित खेती के लिए सांकेतिक तौर पर पांच किसानों को दस-दस हजार रुपये अनुदान मद के चेक भी दिए। उन्होंने किसान डायरी, समेकित कृषि प्रणाली मार्गदर्शिका व दियारा क्षेत्र में खेती की तकनीक पत्रिका का विमोचन किया। समारोह की अध्यक्षता कृषि मंत्री रेणु कुमारी कुशवाहा ने की।

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण को कृषि व ग्लोबल वार्मिग तक सीमित रखा। कहा कि अधिक उत्पादन के लिए रासायनिक खाद व कीटनाशक दवाओं के अधाधुंध प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति समाप्त हो जाती है और उपज पर खराब असर पड़ता है। कालान्तर में पानी पर भी असर पड़ता है। उन्होंने किसानों को जैविक खाद के इस्तेमाल व समेकित खेती का सुझाव दिया। समेकित खेती में पशुपालन, मत्स्यपालन व उद्यान भी शामिल है। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी। तापमान में वृद्धि से कृषि पर उत्पन्न खतरे के परिप्रेक्ष्य में कोपेनहेगेन में ग्लोबल वार्मिग पर हुई बैठक की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी विलासितापूर्ण जीवन में कटौती नहीं करना चाहता है, प्रदषूण का उत्सर्जन विकसित देशों ने ही किया है। मुख्यमंत्री के अनुसार बिहार में अपहरण उद्योग ध्वस्त हो गया है। प्रदेश की चर्चा अब बाहर दूसरे कार्यो के लिए होने लगी है। सफलता की कहानी आ रही है। बीज उत्पादन की सफलता का माडल देशभर में लागू हो रहा है। बिहार की विकास दर 10.5 प्रतिशत हो गयी है,जबकि देश की 9.4 प्रतिशत है। कहा कि प्राथमिक कृषि साख समितियों के माध्यम से किसानों को खाद, बीज व उपज को लाभकारी मूल्य दिलाया जा सकता है।

समारोह में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि थोड़े प्रयास से ही कृषि के क्षेत्र में भारी सफलता हासिल हुई है। इनके अनुसार मछली का उत्पादन प्रति हेक्टेयर दोगुना, काम्फेड के माध्यम से दूध संग्रह 7 लाख लीटर से बढ़कर 9.5 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया व आलू ,सब्जी उत्पादन में बिहार का स्थान देश में तीसरा तथा फल में सातवां हो गया है। ऊर्जा मंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा कि केन्द्र के असहयोग के बावजूद बिहार में विकास हो रहा है। खाद्य आपूर्ति मंत्री नरेन्द्र सिंह ने केन्द्र पर साजिश के तहत बिहार को प्रताड़ित करने का आरोप किया। उन्होंने किसानों को उपज का लाभकारी मूल्य तय करने के लिए केन्द्र के खिलाफ आन्दोलन का आह्वान किया। सहकारिता मंत्री गिरिराज सिंह ने भी केन्द्र पर असहयोग का आरोप किया। उन्होंने किसानों को विश्वास दिलाया कि अगले साल खरीफ में पैक्स के माध्यम से खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि रबी में 80 प्रतिशत गेहूं की बुआई समय पर हो गयी है। समारोह में धन्यवाद ज्ञापन बामेती के निदेशक आर.के.सोहाने ने किया।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/bihar/4_4_6039106/
 

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