Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | सड़कों से समुद्रों तक पहुंच रहा है हर साल 140,000 टन माइक्रोप्लास्टिक: रिपोर्ट

सड़कों से समुद्रों तक पहुंच रहा है हर साल 140,000 टन माइक्रोप्लास्टिक: रिपोर्ट

Share this article Share this article
published Published on Jul 15, 2020   modified Modified on Jul 15, 2020

-डाउन टू अर्थ,

हर साल सड़क पर दौड़ रहे वाहनों से उत्सर्जित होने वाला करीब 140,000 टन माइक्रोप्लास्टिक्स हवा के जरिए समुद्रों तक पहुंच जाता है। जोकि इकोसिस्टम और मानव स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है। यह जानकारी कल (14 जुलाई 2020) प्रकाशित एक नए शोध से सामने आई है। जोकि अंतराष्ट्रीय जर्नल नेचर कम्युनिकेशन्स में प्रकाशित हुआ है। इस शोध में यह जानने की कोशिश की गई है कि किस मात्रा में और कैसे वाहनों से निकलने वाला माइक्रोप्लास्टिक समुद्रों तक पहुंच जाता है। यहां तक कि वो आर्कटिक जैसे निर्जन स्थानों तक भी पहुंच चुका है। जिसकी वजह से आर्कटिक में बर्फ के पिघलने की गति में भी वृद्धि हो रही है। इनमें से ज्यादातर माइक्रोप्लास्टिक टायरों के घिसने और ब्रेक पेडल आदि से निकलता है।

यदि 2018 के आंकड़ों पर गौर करें तो हर साल करीब 35.9 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन हो रहा है। जिसका करीब 1.8 फीसदी टायरों से माइक्रोप्लास्टिक के रूप में उत्सर्जित हो रहा है। इस नए शोध के अनुसार, हवा के जरिए भी माइक्रोप्लास्टिक उसी दर से समुद्रों तक पहुंच रहा है, जिस दर से नदियों के जरिए माइक्रोप्लास्टिक महासागरों में प्रवेश कर रहा है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि टायरों से उत्सर्जित होने वाला करीब 34 फीसदी माइक्रोप्लास्टिक (करीब 100 किलोटन) और ब्रेकिंग सिस्टम से उत्सर्जित होने वाला 30 फीसदी (40 किलोटन) माइक्रोप्लास्टिक हर साल समुद्रों तक पहुंच जाता है।

क्या होता है माइक्रोप्लास्टिक
गौरतलब है कि जब प्लास्टिक के बड़े टुकड़े टूटकर छोटे कणों में बदल जाते हैं, तो उसे माइक्रोप्लास्टिक कहते हैं। इसके साथ ही कपड़ों और अन्य वस्तुओं के माइक्रोफाइबर के टूटने पर भी माइक्रोप्लास्टिक्स बनते हैं।  प्लास्टिक के 1 माइक्रोमीटर से 5 मिलीमीटर के टुकड़े को माइक्रोप्लास्टिक कहा जाता है। जिस तरह से दुनिया में प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ रहा है, उसका पर्यावरण पर क्या असर होगा, इसे अब तक बहुत कम करके आंका गया है। जबकि माइक्रोप्लास्टिक्स  के बारे में तो बहुत कम जानकारी उपलब्ध है।

शोध से पता चला है कि प्लास्टिक के बड़े कण जो भारी होते हैं वो अपने वजन के अपने स्रोत के पास ही जमा हो जाते हैं। जबकि माइक्रोप्लास्टिक्स जो 2.5 माइक्रोमीटर और उससे भी छोटे होते हैं, वो उड़कर और नदियों के जरिये दूर-दर्ज के क्षेत्रों तक पहुंच जाते हैं। अनुमान है कि हर साल वाहनों से उत्सर्जित होने वाला करीब 140,000 टन माइक्रोप्लास्टिक हवा के जरिए समुद्रों में मिल जाता है। जबकि करीब 48,000 टन माइक्रोप्लास्टिक दूर-दर्ज के निर्जन बर्फ से ढंके क्षेत्रों तक पहुंच जाता है।

एशिया और उत्तरी अमेरिका के वाहन कर रहे हैं सबसे ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक का उत्सर्जन
अनुमान है कि वैश्विक रूप से टायरों से हर साल करीब 2,907 किलोटन माइक्रोप्लास्टिक्स का उत्सर्जन होता है। जबकि ब्रेक से करीब 175 किलोटन का उत्सर्जन होता है। इन माइक्रोप्लास्टिक का ज्यादातर हिस्सा पूर्वी अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी चीन, भारत, मध्य पूर्व और दक्षिण अमेरिका के बड़े शहरों से उत्सर्जित हो रहा है जहां भारी संख्या में वाहनों का आवागमन होता है।

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


ललित मौर्य, https://www.downtoearth.org.in/hindistory/pollution/water-pollution/140-000-tonnes-per-year-of-road-microplastics-end-up-in-the-worlds-oceans-72300


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close