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न्यूज क्लिपिंग्स् | 150 सालों में भारत से रूठ जाएगा मानसून!

150 सालों में भारत से रूठ जाएगा मानसून!

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published Published on Sep 8, 2009   modified Modified on Sep 8, 2009

गर्मी के दौरान देश भर में बारिश का दौर लाने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले 150 वर्षों में अपना अस्तित्व खो सकता है। पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटियोरोलॉजी द्वारा किए गए नए अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि पृथ्वी के तापमान में आ रही गर्मी के कारण अरब सागर के तापमान में वृद्धि हो रही है।

इस तापमान वृद्धि के कारण भूमि और सागर के बीच के तापमान के अंतर टीजी में कमी आ रही है, जो बारिश को आकर्षित करने के लिए उत्तरदायी है।

संस्थान के वैज्ञानिक और मुख्य शोधकर्ता एसएम बाविस्कर ने कहा कि जलवायु विज्ञान के तहत 30 सालों के अंतर को देखा जा सकता है। टीजी में कमी आना बहुत अहम है और अगले लगभग 150 सालों में यह शून्य हो सकता है।

बाविस्कर ने कहा कि टीजी के एक बार शून्य होने पर मानसूनी हवाओं की जगह शुष्क हवाएं ले लेंगी, जिससे दक्षिण-पश्चिम मानसून का प्रवाह प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि 1948-77 के दौरान अरब सागर के ऊपर का तापमान 18.77 डिग्री सेल्सियस था, जो 1979-2008 के दौरान बढ़ कर 19.64 डिग्री से हो गया।

जर्नल ऑफ अर्थ सिस्टम साइंस में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि समुद्र के ऊपर के तापमान में परिवर्तन की दर भूमि के तापमान के परिवर्तन की दर से कहीं ज्यादा है। इस वर्ष बारिश के मौसम के दौरान बारिश की मात्रा में कमी भी अरब सागर के ऊपर के तापमान में परिवर्तन का संकेत है।

मौसम विभाग ने इस बार बारिश में 23 फीसदी की कमी दर्ज की है। बाविस्कर ने कहा टीजी में कमी आने के साथ अरब सागर के ऊपर का मानसून कमजोर होता जाएगा। इसके चलते भारतीय प्रायद्वीप में बारिश की गतिविधि में कमी आती जएगी। शोध के मुताबिक पृथ्वी के तापमान में आ रही तेजी के कारण ही अरब सागर के उपर के तापमान में भी तेजी आ रही है।

http://www.livehindustan.com/news/lifestyle/jeevenjizyasa/
50-51-70842.html

 

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