Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | 200 पार्टियों को चुनाव आयोग ने दिया झटका

200 पार्टियों को चुनाव आयोग ने दिया झटका

Share this article Share this article
published Published on Dec 21, 2016   modified Modified on Dec 21, 2016
चुनाव आयोग 200 राजनैतिक दलों को सूची से बाहर करने वाला है। इस संबंध में जल्‍द ही केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को पत्र लिखकर सूचना दी जाएगी। सूची से हटाई जाने वाली पार्ट‍ियों की डिटेल्‍स से जुड़ी एक लिस्‍ट भी सीबीडीटी को भेजी जाएगी ताकि बोर्ड उनपर ‘कार्रवाई' कर सके। आयोग के अधिकारियों को शक है कि इनमें से ज्‍यादातर राजनैतिक पार्टियां और कुछ नहीं, काले धन को सफेद करने के लिए बनाई गई हैं। इन्‍होंने 2005 से कोई चुनाव नहीं लड़ा और कागज पर ही मौजूद है। एक सूत्र ने कहा, "यह तो बस शुरुआत है। हम सभी अगंभीर पार्टियों को बाहर करने की तैयारी में हैं। इनमें से कइयों ने अभी आयकर रिटर्न भरने की जहमत तक नहीं उठाई, अगर उन्‍होंने भरा भी तो हमें उसकी कॉपी नहीं भेजी।" सीबीडीटी को इनकी सूची भेजने के पीछे चुनाव आयोग को उम्‍मीद है कि बोर्ड इन राजनैतिक पार्टियों के वित्‍तीय मामलों की जांच करेगी क्‍योंकि सूची से बाहर होने के बाद वह पंजीकृत राजनैतिक दलों के फायदों से वंचित हो जाएंगे। सूत्रों ने कहा कि सीबीडीटी इन डि-लिस्‍टेड पार्टियों के वित्‍त पर ‘अच्‍छे से' नजर डालेगा ताकि एक संदेश दिया जा सके कि ‘काले धन को सफेद करने के लिए' राजनैतिक पार्टी बनाना ठीक तरीका नहीं है।

 

सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग ने विभिन्‍न सरकारों को कानून में बदलाव करने के लिए प्रस्‍ताव दिया था ताकि राजनैतिक दलों को मिलने वाले चंदों और उसे खर्च करने के तरीकों में पारदर्शिता लाई जा सके, जो सालों से लटका पड़ा है। कुछ समय पहले चुनाव आयोग ने संविधान के अनुच्‍छेद 324 के तहत मिली शक्तियों को इस्‍तेमाल करने का फैसला किया जो उसे ‘सभी चुनावों की कार्रवाई के नियंत्रण' का अधिकार देता है। इसी शक्ति के तहत आयोग ने 200 राजनैतिक पा‍र्टियों को डि-लिस्‍ट करने का फैसला किया है।
चुनाव आयोग का डाटा दिखाता है कि देश में अभी 7 राष्‍ट्रीय दल, 58 प्रादेशिक पार्टियां और 1786 रजिस्‍टर्ड अपरिचित पार्टियां हैं। वर्तमान कानून के तहत, चुनाव आयोग के पास राजनैतिक दल को रजिस्‍टर करने की शक्ति तो है, मगर किसी पार्टी को अपंजीकृत करने का अधिकार नहीं है जिसे मान्‍यता दी जा चुकी है।

 

चुनाव आयोग ने कई केंद्र सरकारों को पूर्व में "अंगभीर" राजनैतिक दलों को डि-रजिस्‍टर करने की शक्ति देने को कहा था, मगर कुछ नहीं हुआ। पार्टियों को फंडिंग के मुद्दे पर 2004 में, तत्‍कालीन मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त टीएस कृष्‍णमूर्ति ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि राजनैतिक पार्टियों को सभी दानकर्ताओं की जानकारी रखनी चाहिए चाहे चंदे की रकम 20,000 रुपए से कम क्‍यों न हो।

 

वर्तमान कानून के तहत, पार्टियों को अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना होता है। इसमें उन दानकर्ताओं की जानकारी होती है जिन्‍होंने 20,000 रुपए से ज्‍यादा का चंदा दिया है। इस रिपोर्ट की एक कॉपी चुनाव आयोग को भेजी जाती है।
 
हालांकि ज्‍यादातर राजनैतिक दल अपने फंड को अनाम दानकर्ताओं से मिला बताते हैं जिन्‍होंने 20,000 रुपए से कम का चंदा दिया होता है। इससे पार्टियां बिना चंदे का सूत्र बताए बच जाती हैं।

 


http://www.jansatta.com/national/ec-decides-to-delist-200-parties-will-write-to-income-tax-to-take-action/212430/?utm_source=JansattaHP&utm_medium=referral&utm_campaign=slider4referral


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close