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न्यूज क्लिपिंग्स् | 33 स्थानों पर नहाने लायक नहीं रहा गंगा का पानी, एनजीटी ने बिहार पर लगाया 4,000 करोड़ का जुर्माना

33 स्थानों पर नहाने लायक नहीं रहा गंगा का पानी, एनजीटी ने बिहार पर लगाया 4,000 करोड़ का जुर्माना

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published Published on Jan 1, 1970   modified Modified on May 8, 2023

डाउन टू अर्थ, 05 मई 

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 5 मई, 2023 को बिहार को 4,000 करोड़ रुपए का मुआवजा भरने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने यह जुर्माना ठोस और तरल कचरे का वैज्ञानिक तरीके से उचित प्रबंधन न कर पाने के लिए लगाया है।

कोर्ट ने कहा है कि इस राशि का उपयोग अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किया जाएगा। साथ ही इस राशि को दो महीनों के भीतर रिंग-फेंस खाते में रखा जाना चाहिए। आदेश में कहा गया है कि इस राशि का उपयोग ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधाओं की स्थापना, पुराने कचरे के उपचार और सीवेज उपचार संयंत्रों और मल कीचड़ उपचार संयंत्रों की स्थापना के लिए किया जाएगा ताकि इनके उत्पादन और निपटान में कोई अंतर न रहे।

एनजीटी ने बिहार के मुख्य सचिव की प्रेजेंटेशन को देखने के बाद कहा कि हानिकारक कचरे के उत्पादन और प्रसंस्करण में अभी भी गैप है जो पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है। इतना ही नहीं जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं वो अधूरे हैं, क्योंकि केवल 26 डंप साइट में वर्षों से जमा कचरे के बारे में ही आंकड़े दिए गए हैं। वहीं सीवेज प्रबंधन में भी 2,000 एमएलडी से अधिक का अंतर है।
पूरी खबर- डाउन टू अर्थ


डाउन टू अर्थ, 05 मई https://www.downtoearth.org.in/hindistory/river/ganga/environment-in-court-5-may-2023-89155
 

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