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न्यूज क्लिपिंग्स् | आवरण कथा: क्या कागजों में उग रहे हैं जंगल?

आवरण कथा: क्या कागजों में उग रहे हैं जंगल?

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published Published on Mar 9, 2022   modified Modified on Mar 18, 2022

-डाउन टू अर्थ,

आवरण कथा की पहली कड़ी में आपने पढ़ा - क्या गायब हो गए हैं 2.59 करोड़ हेक्टेयर में फैले जंगल  । पढ़ें अगली कड़ी - 

सबसे बुरी खबर की बात नहीं हुई। इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021 में कुल 2.587 करोड़ हेक्टेयर रिकॉर्डेड फॉरेस्ट क्षेत्र (राज्य सरकारों के वन विभाग के अधीन वन क्षेत्र) की कहीं बात नहीं है। रिपोर्ट में यह कहीं भी मौजूद नहीं है। इसके कवरेज का विश्लेषण भी रिपोर्ट से नदारद है। ऐसे में सवाल है कि क्या यह भूमि मौजूद भी है? कहीं इस पर अतिक्रमण तो नहीं? और क्या यह भूमि इतनी खराब हो चुकी है कि इसके जंगल की गणना ही नहीं की गई? यह भारत का वन क्षेत्र है। इसकी भूमि वनों के रूप में वर्गीकृत है। गणना से बाहर की गई भूमि पेड़ उगाने के अलावा किसी कार्य में प्रयोग नहीं की जा सकती। क्या इस पर विस्तार से रोशनी नहीं डालनी चाहिए थी? यह हमारे वनों की स्थिति की असली कहानी है। हमें इसे समझना और दुरुस्त करना होगा। मैं इस मसले को समझाती हूं।

दरअसल, रिकॉर्डेड फॉरेस्ट क्षेत्र और वन आवरण में अंतर है। आईएसएफआर 2021 के अनुसार, देश में रिकॉर्डेड फॉरेस्ट क्षेत्र 7.753 करोड़ हेक्टेयर है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 23 प्रतिशत है। लेकिन कुल वन आवरण 7.138 करोड़ हेक्टेयर है। कोई दलील दे सकता है कि 0.6 करोड़ (60 लाख) हेक्टेयर का यह अंतर महत्वपूर्ण नहीं है। लेकिन यह सच्चाई से परे है। यह अंतर 2.587 करोड़ हेक्टेयर तक बढ़ जाता है। यह अंतर उत्तर प्रदेश के आकार से भी बड़ा है और यहीं से लापता वन की कहानी शुरू होती है।

रिकॉर्डेड फॉरेस्ट क्षेत्र कानूनी रूप से विभिन्न श्रेणियों में बंटा है, जैसे आरक्षित, संरक्षित और अवर्गित वन (देखें, कुल संख्या)। पिछले तीन दशकों से यह रिकॉर्डेड फॉरेस्ट क्षेत्र मौटे तौर पर यथावत रहा है। लेकिन वन आवरण वास्तविक क्षेत्र है जहां वन मौजूद हैं। इसे एक हेक्टेयर से अधिक की सभी भूमि के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें 10 प्रतिशत से अधिक वितान घनत्व है। इसमें अति सघन जंगल, मध्यम घने जंगल और खुले जंगल हो सकते हैं। इसके अलावा “स्क्रब” अथवा झाड़ियां हैं। यह वन भूमि है जिसमें वितान घनत्व 10 प्रतिशत से कम है और गैर-वन भूमि है जो उपरोक्त किसी भी वर्ग में शामिल नहीं है। आप सोच रहे होंगे कि वन विभागों के अधीन कुल रिकॉर्डेड फॉरेस्ट क्षेत्र 7.753 करोड़ हेक्टेयर में इन विभिन्न श्रेणियों-अति सघन, मध्यम घने और खुले वन व झाड़ियां शामिल होंगी। लेकिन ऐसा है नहीं।

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


सुनीता नारायण, https://www.downtoearth.org.in/hindistory/wildlife-biodiversity/forest/Cover-Story-Are-the-forests-growing-in-the-papers-81818
 

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