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न्यूज क्लिपिंग्स् | सरकारों द्वारा होने वाली आर्थिक हिंसा की तरह है बढ़ती असमानता- ऑक्सफ़ैम रिपोर्ट

सरकारों द्वारा होने वाली आर्थिक हिंसा की तरह है बढ़ती असमानता- ऑक्सफ़ैम रिपोर्ट

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published Published on Jan 20, 2022   modified Modified on Jan 21, 2022

-न्यूजक्लिक,

ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने सोमवार, 17 जनवरी को असमानता पर अपनी 2022 की रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट में संगठन ने दुनियाभर की सरकारों की असमानता को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ने देने के लिए आलोचना की है। रिपोर्ट कहती है कि सरकारों ने "ऐसी स्थितियां बनने दीं, जिसमें कोविड-19 वायरस, अरबपतियों की संपदा वाले नए वेरिएंट में बदल गया।" रिपोर्ट कहती है कि हर चार सेकेंड में असमानता एक व्यक्ति को मारती है। 

रिपोर्ट का दावा है कि दुनिया ने अरबपतियों की संपदा में अभूतपूर्व वृद्धि को देखा। जब से कोविड-19 चालू हुआ है, तबसे हर 26 घंटे में एक अरबपति पैदा होता है। रिपोर्ट में खोजे गए तथ्यों के मुताबिक़, दुनिया के 10 सबसे अमीर पुरुषों ने उस दौरा में अपनी संपत्ति दोगुनी कर ली, जब मार्च, 2020 से नवंबर, 2021 के बीच, दुनिया के कम से कम 16 करोड़ लोग गरीबी में धकेल दिए गए। 

ऑक्सफैम की यह रिपोर्ट हर साल स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यू ई एफ- वर्ल्ड इक्नॉमिक फोरम) की बैठक से पहले जारी की जाती है। दुनिया में बढ़ती असमानता के लिए ज़िम्मेदार नवउदारवादी आर्थिक नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए विश्व आर्थिक मंच अहम रहा है।

रिपोर्ट कहती है कि दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों ने 2020 मार्च में महामारी की शुरुआत के बाद से अब तक अपनी संपत्ति में दोगुनी वृद्धि कर ली है। इसी अवधि में दुनिया की 99 फ़ीसदी आबादी की आय कम हुई है। रिपोर्ट बताती है कि इस उछाल के चलते, इन 10 लोगों की संपत्ति दुनिया के 3।1 अरब सबसे कम आय वाले लोगों के बराबर है। 

रिपोर्ट में बताया गया है कि महामारी के दौरान ऐतिहासिक सामाजिक असमानताएं भी भयावह तरीके से बढ़ी हैं। आज, 252 पुरुषों के पास इतनी संपत्ति है, जितनी सारी महिलाओं और लड़कियों के पास है। इन लोगों के पास इतनी संपत्ति है, जितनी अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों के एक अरब लोगों के पास है। 

रिपोर्ट दावा करती है कि वैश्विक असमानता में वृद्धि और संपदा का केंद्रीयकरण, पूरे नवउदारवादी दौर का मुख्य तथ्य रहा है। इसके मुताबिक़, 1995 से वैश्विक आबादी के शुरुआती एक फ़ीसदी ने "दुनिया के सबसे कम संपत्ति वाले 50 फ़ीसदी लोगों की तुलना में 20 गुना ज़्यादा संपत्ति अर्जित की है।"

बढ़ती असमानता: ढांचागत नीतियों में चुने गए विकल्पों का नतीज़ा

रिपोर्ट में बड़े पैमाने की इस असमानता को आर्थिक हिंसा करार दिया गया है, "जो तब होती है, जब सबसे अमीर और ताकतवर लोगों के लिए सहूलियत वाली ढांचागत नीतियां बनाई जाती हैं।" अमीर लोगों पर जरूरी कर लगाने में सरकारों द्वारा की जाने वाली आनाकानी के चलते उनका मुनाफ़ा अधिकतम हुआ है, जबकि इसके लिए बड़े पैमाने पर दूसरे लोगों को दुख भोगने को मजबूर होना पड़ा है। रिपोर्ट बताती है कि कैसे कुछ सरकारों ने सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य और शिक्षा पर सार्वजनिक खर्च की नीतियों पर तब भी कटौती की, जब महामारी जारी थी, जिसके चलते जरूरी चीजों में महंगाई बेइंतहां बढ़ रही थी। 

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


अब्दुल रहमान, https://hindi.newsclick.in/Growing-inequality-is-like-economic-violence-by-governments-Oxfam-report


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