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न्यूज क्लिपिंग्स् | अच्छी हो या बुरी लेकिन बिटक्वाइन, ब्लॉकचेन और डिजिटाइजेशन के साथ एक अलग तरह की दुनिया उभर रही है

अच्छी हो या बुरी लेकिन बिटक्वाइन, ब्लॉकचेन और डिजिटाइजेशन के साथ एक अलग तरह की दुनिया उभर रही है

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published Published on Mar 21, 2021   modified Modified on Mar 24, 2021

-द प्रिंट,

कल्पना कीजिए कि खनन (पता नहीं किस चीज के) और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (इसे भी समझना होगा) से जुड़ी आपकी मुद्रा ‘क्रिप्टो’ यानी गुप्त हो गई. अगर यह सब आपको नहीं समझ में आ रहा है या आप यह भी नहीं समझ पा रहे हैं कि टेस्ला अरबों बिटक्वाइन क्यों खरीद रही है या यह नहीं समझ पा रहे हैं कि चीन यह क्यों सोच रहा है कि उसका ई-यूवान बुरे कर्जों से निपट लेगा, तो इस दुनिया में जन्म लेकर भी भला आप क्या कर पाएंगे?

1970 वाले दशक के शुरू में आल्विन टॉफ्लर ने अपनी बेस्ट सेलर किताब ‘फ्यूचर शॉक ’ में लिखा था कि लोगों को कम समय में बहुत ज्यादा बदलावों से गुजरने में किस तरह दिक्कत होती है. बाद की अपनी पुस्तकों में भी ‘भविष्यद्रष्टा’ टॉफ्लर ने इस विषय पर अपने और विचार रखे, जो आज भी हमें तब याद आते हैं जब हम तेजी से बदलती दुनिया के क्षितिज पर नज़र डालते हैं. टॉफ्लर ने इसे समय से पहले आ धमका भविष्य कहा है.

अगर आपको नियमित तौर पर आने वाले उन ई-मेल से निपटना पड़ता है जिसमें आपको अपने सिस्टम को अपग्रेड करने की हिदायत दी जाती है, तो यह भी जान लीजिए कि स्वतः चलने वाली कारों के सॉफ्टवेयर भी समय-समय पर अपग्रेड होता रहेगा, रिमोट कंट्रोल से. बिजली की ग्रिड की तरह, आधुनिक अर्थव्यवस्था के नेटवर्क में घुसपैठ करने के लिए हैकरों की फौजों के जरिए लड़ाइयां लड़ी जाएंगी. यह सब आपको कितना असहाय महसूस कराता है?

इन बदलावों से कोई भी कारोबार अछूता नहीं रहेगा. ऊर्जा के स्रोत अब फोसिल्स की जगह अक्षय ऊर्जा होते जा रहे हैं, और इसका भू-राजनीति पर क्या असर पड़ेगा इसकी कल्पना कीजिए. वाहनों में आंतरिक कंबश्चन इंजिन की जगह बैटरियां ले रही हैं, जैसे पहले घोड़ों को हटना पड़ा था. उड्डयन में एयरबस हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने की सोच रहा है, तो बोइंग जैविक ईंधनों को निशान बना रहा है. इस्पात उद्योग में भी ताप पर आधारित प्रक्रियाओं में गैस के उत्सर्जन को शून्य करने की कोशिश की जा रही है. बैंकों को डिजिटल युग के लिए खुद को नया बनाना पड़ेगा, क्योंकि उनके मौजूदा बिजनेस मॉडल को चुनौती मिल रही है. नये युग के व्यवसाय यूनिकोर्न आदि माध्यमों से संपदा का निर्माण करेंगे और कई तरह की मौजूदा संपदा इस उथल-पुथल में नष्ट हो जाएगी. उत्पादन करने वाले घाटे में रहेंगे, ‘एग्रीगेटर’ फायदे में.

फिर भी, जैसा कि अर्थशास्त्री रॉबर्ट गॉर्डन ने कुछ साल पहले कहा था, आज के जो तकनीकी आविष्कार हैं वे उत्पादकता के लिहाज से 19वीं सदी के आविष्कारों (बिजली, लिफ्ट, जल आपूर्ति या रोगाणु सिद्धांत आदि) से कमतर हैं. इसलिए, टॉफ्लर को जहां ‘बढ़ती गति की लहर और अभूतपूर्व टक्कर’ दिखी थी, गॉर्डन उत्पादकता में गिरावट देख रहे हैं. लेकिन इस उथल-पुथल को मापने के लिए उत्पादकता एक गलत पैमाना साबित हो सकता है.

पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


टी एन नायनन, https://hindi.theprint.in/opinion/a-future-with-bitcoin-block-chain-digitisation-looks-dystopian-but-there-is-a-positive-too/207250/


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