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न्यूज क्लिपिंग्स् | लॉकडाउन की वजह से 40 फीसद लोग गंभीर चिंता या अवसाद की गिरफ्त में

लॉकडाउन की वजह से 40 फीसद लोग गंभीर चिंता या अवसाद की गिरफ्त में

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published Published on May 20, 2020   modified Modified on May 20, 2020

-इंडिया टूडे,

देशव्यापी लॉकडाउन के बीच लोग जहां-तहां फंसे हैं. प्रवासी मजदूरों का कामधंधा पूरी तरह से ठप है तो दूसरी तरफ ऐसे लोग भी हैं जिनके पास वर्तमान में तो नौकरी है लेकिन नौकरी जाने की आशंका उन्हें रोज डराती है. संक्रमण के खतरे के बीच अकेलापन लगातार हावी होता जा रहा है. 15 मई को नांदेड़ जिले के 40 वर्षीय राजू बाबुलकर ने बेरोजगारी के कारण तंग आकर अपनी जान दे दी तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में एक फैक्ट्री में काम करने वाले बिहार के एक 32 वर्षीय युवक इरशाद ने घर न जा पाने की वजह से अपनी जान दे दी. लॉकडाउन जैसे-जैसे बढ़ रहा है रोजाना आत्महत्या की खबरें सुनने को मिल रही हैं. मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिकों की मानें तो कोरोना संकट और फिर लॉकडाउन की वजह से लोग लगातार तनाव, चिंता, अवसाद का शिकार हो रहे हैं.

फोर्टिस एस्कॉर्ट में मेंटल हेल्थ ऐंड बिहेवियरल साइंसेज विभाग के विशेषज्ञ मनु तिवारी कहते हैं, '' कोरना संकट की वजह से लोगों की लाइफस्टाइल में अचानक बहुत बड़ा बदलाव आ गया है. लोग लगभग घरों में कैद हैं. कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की मजबूरी लोगों के भीतर असुरक्षा की भावना और अकेलापन भर रही है. नतीजतन, तनाव, चिंता और अवासदग्रस्त लोगों के भीतर आत्महत्या जैसे खतरनाक ख्याल तेजी से पनप रहे हैं.'' मनु तिवारी की मानें तो अगर बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य का जल्द ही उपचार नहीं किया गया तो लॉकडाउन खुलने के बाद मानसिक समस्याओं से जूझते लोगों की बाढ़ आ जाएगी. परिणास्वरूप आत्महत्या जैसे मामले तेजी पकड़ेंगे.

क्या वाकई लोगों की मानसिक सेहत पर पड़ रहा है लॉकडाउन का असर?

कोरोना संकट के बीच उपजे खौफ और खस्ताहाल आर्थिक स्थिति की वजह से लोगों की मानसिक स्थिति खराब होने की बात लगातार मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक कह रहे हैं. लेकिन इंडियन साइकियाट्री सोसाइटी (Indian psychiatry society-IPS) ने लॉकडाउन के बीच एक ऑनलाइन सर्वे किया. इस सर्वे में 15 मई तक 1,871 लोग भाग ले चुके हैं. आइपीएस के वाइस चेयरमैन मनोचिकित्सक डॉ. गौतम साह के मुताबिक, ''सर्वे के दौरान आई लोगों की प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण करने वाली टीम के सामने जो नतीजे आए हैं, वे लॉकडाउन के प्रभाव का मानसिक स्थिति पर लंबे समय तक असर रहने की तरफ इशारा करते हैं.'' वे कहते हैं कि ये नतीजे चिंताजनक हैं.

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


संध्या दिवेदी, https://aajtak.intoday.in/story/amid-corona-crisis-40-peoples-are-struggling-with-anxiety-and-depression-survey-sdit-1-1192057.html


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