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न्यूज क्लिपिंग्स् | CG : दो गांवों में गजब का कचरा प्रबंधन, महिलाओं की हो रही आय

CG : दो गांवों में गजब का कचरा प्रबंधन, महिलाओं की हो रही आय

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published Published on Feb 26, 2018   modified Modified on Feb 26, 2018
अंबिकापुर । राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में सॉलिड एंड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट लागू करने की तैयारियों के बीच सरगुजा के पुहपुटरा ग्राम में अंबिकापुर शहर की तर्ज पर चल रहे एसएलआरएम सेंटर का जायजा लेने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के एमडी भोस्कर बिलासराव संदीपन व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के एमडी दीपक सोनी पहुंचे।

शहर की तरह पुहपुटरा व सांसद आदर्श ग्राम करम्हा में कुछ वर्ष पूर्व डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के साथ एसएलआरएम सेंटर संचालित हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में शुरू इस कचरा प्रबंधन को पूरे प्रदेश के लिए बतौर मॉडल माना जा रहा है।

गौरतलब है कि शहर में तीन वर्ष पूर्व शुरू हुए डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व सॉडिल एंड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट पूरे प्रदेश के लिए मॉडल के तौर पर सामने आया है। इसी तर्ज पर प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में कचरा प्रबंधन का कार्य चल रहा है। प्रदेश ही नहीं देश के कई राज्यों व शहरों ने इसे अपना लिया है।

अंबिकापुर शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसे लागू किया गया है। मॉडल के तौर पर जिले के पुहपुटरा ग्राम पंचायत व सांसद आर्दश ग्राम करम्हा में यह योजना बखूबी संचालित हो रही है। प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में इसे लागू करने की योजना बनाई जा चुकी है।

इसी तारतम्य में राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरपी मंडल के निर्देश पर स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के एमडी संदीपन व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के एमडी दीपक सोनी यहां पहुंचे। इन दोनों अधिकारियों ने पुहपुटरा ग्राम में जाकर एसएलआरएम सेंटर ग्रामीण की व्यवस्था को नजदीक से देखा।

डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने वाली महिलाओं से कचरा प्रबंधन के संबंध में जानकारी प्राप्त की व एसएलआरएम सेंटर से उन्हें किस तरह की आजीविका प्राप्त हुई और क्या वे इससे संतुष्ट हैं, इन सारी चीजों को लेकर बारीकी से चर्चा की। अधिकारियों ने पुहपुटरा में चल रहे ग्रामीण एसएलआरएम सेंटर की पूरी परियोजना को समझा और इसी तर्ज पर प्रदेश के अन्य ग्राम पंचायतों में इसे लागू करने की बात कही है।

इन सेंटरों में सूखा और गीला कचरा कैसे अलग-अलग रखा जा रहा है और कैसे गीले कचरे का निपटान आसानी से किया जा रहा है, इसे भी नजदीक से देखा। ग्रामीण एसएलआरएम सेंटर पुहपुटरा के जायजा लेने व ग्रामीणों से चर्चा के दौरान एनआरएलएम के प्रबंधक प्रमोद शुक्ला, जनपद सीइओ एसएस रात्रे सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

एसएलआरएम सेंटर में गाय व बकरी पालन

ग्रामीण एसएलआरएम सेंटर में सूखे और गीले कचरे का प्रबंधन कर रही महिलाएं आजीविका मिशन के तहत गाय और बकरी पालन कर रही हैं। बकरी पालन से उन्हें काफी लाभ मिल रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि गांव में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन से जो गीला कचरा जिनमें साग-सब्जियां व अन्य खाद्य पदार्थ प्राप्त होते हैं उसे बकरी और गाय को खिलाने का काम किया जा रहा है। बकरी और गाय के लिए अलग से चारे का खर्च इन महिलाओं को नहीं करना पड़ रहा है। कुछ ऐसा भी गीला कचरा सेंटर में पहुंचता है जो गाय और बकरी के उपयोग में नहीं आ रहा है उसे पारंपरिक तौर कंपोस्ट खाद बना रहे हैं।

यहां सूखा कचरा है परेशानी

शहर में जहां सूखा कचरा जिसे कबाड़ के रूप में बेचकर महिलाएं लाखों कमा रही हैं वहीं ग्रामीण एसएलआरएम सेंटर में यह सूखा कचरा महिलाओं के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है। यह सूखा कचरा पुहपुटरा एसएलआरएम सेंटर में लगभग चार ट्रक सूखा कचरा कबाड़ के रूप में जमा है। यहां जायजा लेने पहुंचे स्वच्छ भारत मिशन व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के एमडी ने तत्काल अंबिकापुर की तर्ज पर इसे बिक्री कराए जाने के निर्देश दिए हैं। अंबिकापुर के कुछ कबाड़ व्यवसायियों से निगम के अधिकारियों ने चर्चा भी की और सूखे कचरे को क्रय करने कहा है।

शहर के सेनेटरी पार्क को देख रह गए दंग

पुहपुटरा के ग्रामीण एसएलआरएम सेंटर का जायजा लेने पहुंचे दोनों आईएएस अधिकारी जब शहर के सांड़बार स्थित सेनेटरी पार्क पहुंचे तो यहां की व्यवस्था देख दंग रह गए। सेनेटरी पार्क में गारबेज सिस्टम व सेप्टेज मैनेजमेंट के साथ डेढ़ सौ से अधिक प्रकार के सूखे कचरे को रखने के अलग-अलग कंटेनरों और सिस्टम को देख आश्चर्य व्यक्त किया। दोनों अधिकारियों ने सेनेटरी पार्क के संबंध में निगम आयुक्त सूर्यकिरण तिवारी अग्रवाल व रितेश सैनी से जानकारी ली।


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