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न्यूज क्लिपिंग्स् | केंद्र व छत्तीसगढ़ सरकार के बीच तकरार जारी, कैसे होगी धान की सरकारी खरीद

केंद्र व छत्तीसगढ़ सरकार के बीच तकरार जारी, कैसे होगी धान की सरकारी खरीद

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published Published on Dec 1, 2021   modified Modified on Dec 5, 2021

-डाउन टू अर्थ,

छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर बुधवार से खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस बार लगभग 105 लाख मीट्रिक टन रिकार्ड धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के बीच चावल खरीदी के मुद्दे पर गतिरोध जारी है।

पिछले साल करीब 92 लाख मीट्रिक टन धान राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी थी। राज्य सरकार किसानों से 15 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान खरीदती है।


इस खरीफ वर्ष में लगभग 22.66 लाख पंजीकृत किसानों से 2,399 सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदा जा रहा है, जिसमें 88 धान उपार्जन केंद्र नए बनाए गए हैं। 

लेकिन दो मामले ऐसे हैं, जिनका समाधान नहीं हुआ तो धान खरीद का लक्ष्य हासिल करने में राज्य सरकार को खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है। पहला बारदाना (बोरियों) का इंतजाम और दूसरा उसना चावल की खरीद। 

धान खरीद के लिए कुल 5.25 लाख गठान बारदानों की जरूरत है। केन्द्र सरकार ने राज्य में 2.14 लाख जूट बोरे (बारदानों ) की गठान सप्लाई का भरोसा दिलाया है। लेकिन जूट कमिश्नर के मार्फत अभी तक मात्र 86 हजार जूट के बोरे ही मिल पाए हैं।

बारदानों की कमी को दूर करने के लिए जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) और मिलरों से एक लाख बारदाने की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार के मुताबिक बाजार से लगभग 1.13 लाख गठान एचडीपीई-पीपी बारदाने की व्यवस्था की जा रही है।

राज्य सरकार ने किसानों से भी बोरों की व्यवस्था कर धान खरीद केंद्रों में आने को कहा है। हालांकि इसके बावजूद रायपुर समेत कई जिलों के केंद्रों में हालात यह है कि जल्द ही उचित संख्या में बोरें मुहैया नहीं मिले तो अगले एक हफ्ते से पहले खरीद केंद्रों पर धान की खरीद बंद हो सकती है।

दूसरी बड़ी समस्या है कि केंद्र सरकार ने कहा है कि केन्द्रीय पूल शतप्रतिशत अरवा चावल (61.65 लाख मीट्रिक टन) ही खरीदेगा। इस संदर्भ में राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन भारत सरकार को एक पत्र लिखा है, जिसमें इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि - विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना के तहत केंद्र सरकार के खाद्य विभाग ने एक एमओयू कर रखा है और जिसके तहत वह केंद्रीय पूल के लिए धान खरीद करती है। चूंकि विगत वर्षों में केंद्रीय पूल के तहत राज्य से उसना चावल लिया जाता है अतः उस स्थिति को बरकरार रखते हुए आगे भी लें।

25 नवंबर को राज्य सरकार द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उसना चावल एवं धान खरीदी के मुद्दे पर बन रहे गतिरोध को दूर करने भूपेश बघेल सरकार का पूरा कैबिनेट प्रधानमंत्री से मिलना चाहता है और सभी विवादास्पद मुद्दों को सुलझाना चाहता है। इसके लिए मिलने का समय मांगते हुए राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री कार्यालय को चिट्ठी भी लिखी है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि इस पर फिलहाल कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है।

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


अवधेश मलिक, https://www.downtoearth.org.in/hindistory/agriculture/agri-market/controversy-continues-between-center-and-chhattisgarh-government-over-paddy-procurement-80483


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