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न्यूज क्लिपिंग्स् | जेल, क़ैदी और कोरोना

जेल, क़ैदी और कोरोना

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published Published on Mar 27, 2020   modified Modified on Mar 27, 2020

-न्यूजलॉन्ड्री,

24 मार्च को रात आठ बजे देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले 21 दिनों के लिए देशभर में पूर्ण रूप से लॉकडाउन करने का फैसला सुनाया.

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने साफ़ शब्दों में कहा कि इस बीमारी का एकमात्र इलाज लोगों से दूरी बनाकर अपने घरों में रहना है. उन्होंने कहा कि जिन राष्ट्रों में सबसे बेहतर मेडिकल सुविधाएं हैं, वे भी इस वायरस को रोक नहीं सके. इसे कम करने का उपाय केवल सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरी है.

लोग एक जगह एकत्रित न हो इसके लिए भारतीय रेलवे ने ट्रेनों का परिचालन 31 मार्च तक रोक दिया है. दिल्ली सरकार ने मेट्रो, अन्तर्राजीय बस सेवाओं और बाकी प्राइवेट वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दिया है. वहीं धार्मिक स्थलों पर भी हर तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दिया है.

दिल्ली में कर्फ्यू के बावजूद लोग घरों से बाहर निकल जा रहे हैं. ऐसे में दिल्ली पुलिस के जवान गलियों में घूमकर लोगों को घरों में रहने के लिए समझा रहे हैं और कई जगहों पर बल प्रयोग भी कर रहे हैं.

इस सबका एक ही मकसद है कि लोग एक जगह इकठ्ठा न हों. ऐसी तस्वीरें दिल्ली के अलावा अलग-अलग राज्यों से भी आ रही है जहां पुलिस सख्ती करते दिख रही है.

इसी सबके बीच सवाल उठने लगा कि भारत के जेलों में बंद कैदी कितने सुरक्षित हैं? संक्रमण और गंदगी के लिहाज से भारत की जेलें दुनिया की कुछ सबसे खराब जगहों में हैं. एक-एक कमरे चार-चार, पांच-पांच लोग रहते हैं, कई जगहों पर सामूहिक हॉल में उठते-बैठते हैं, इनके शौचालय गंदगी का अंबार हैं. ऐसे में अगर जेलों के अदंर कोरोना पहुंच जाता है स्थितियां भयावह हो सकती हैं.

भारत के जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने बीते साल देश के अलग-अलग जेलों में बंद कैदियों को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया था. रिपोर्ट के अनुसार भारत के जेलों में क्षमता से बहुत ज्यादा कैदी रह रहे हैं. यह सिलिसला लंबे समय से चलता आ रहा है.

आंकड़ों के अनुसार साल 2016 में भारत की1,412 जेलों में कैदियों की क्षमता 3,80,876 थी लेकिन उसमें बंद कैदी 4,33,003 थे. साल 2017 में इस संख्या में ज्यादा अंतर नहीं आया बल्कि बढ़ गया. 2017 में 1,361 जेलों में कैदियों की संख्या 4,50,696 रही जबकि इसकी क्षमता 3,91,574 थी. साल 2018 में यह संख्या और बढ़ गई. 31 दिसंबर 2018 तक 1,339 जेलों में कैदियों की संख्या 4,66,084 रही जबकि इसकी क्षमता 3,92,230 थी.

भारत के जेलों में बंद 4,66,084 कैदियों में से 4,46,842 कैदी पुरुष हैं जबकि 19,242 कैदी महिलाएं हैं.

रिपोर्ट के अनुसार भारत में अभी जेलों की बात करें तो यहां 1,399 जेलों में से 144 सेंट्रल जेल, 628 सब जेल, 404 जिला जेल, 77 ओपन जेल, 41 स्पेशल जेल, 24 महिला जेल और 21 अन्य जेलें हैं.

सबसे ज्यादा कैदी सेंट्रल जेल में हैं. रिपोर्ट के अनुसार सेंट्रल जेल की क्षमता 1,75,820 हैं लेकिन 31 दिसंबर, 2018 तक वहां 2,09,278 कैदी थे. अगर बात जिला जेलों की करें तो देश भर की जिला जेलों की क्षमता 1,55,490 है लेकिन इसमें बंद कैदियों की संख्या 2,06,518 है.

सबसे ज्यादा सेंट्रल जेल दिल्ली में है, जिसकी संख्या 14 है. वहीं सबसे ज्यादा जिला जेल उत्तर प्रदेश में है, जिसकी संख्या 61 है.

किस तरह के कैदी जेलों में बंद

एनसीआरबी द्वारा जारी इस रिपोर्ट के अनुसार जेल में बंद 4,66,084 कैदियों में से 1,39,488 लोगों को सज़ा हो चुकी है. 3,23,537 के मामले अभी कोर्ट में चल रहा है. वहीं 2,384 लोगों को एहतियातन डीटेन करके रखा गया है.

जेल में अंडरट्रायल कैदियों में से 40,217 कैदी एक से दो साल से जेल में हैं. 22,359 कैदी 2 से 3 साल से जेल में बंद हैं. वहीं 14,316 कैदी हैं जो 3 से 5 साल से जेलों में बंद हैं. 5,104 कैदी पिछले पांच साल से जेल में बंद है और उनका मामला चल रहा है. यह सभी आंकड़े 31 दिसंबर, 2018 तक के हैं.

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जेलों में बंद उन कैदियों को फिलहाल छोड़ दिया जाए जो लंबे समय से जेल में बंद है या जिनके मामले कोर्ट में अभी लंबित हैं. उन्हें पेरोल पर दो से तीन महीने के लिए घर भेजा जा सकता है.

पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.


बसंत कुमार, https://www.newslaundry.com/2020/03/26/coronavirus-lockdown-tihar-jail-release-prisoner


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