Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | 9 से 18 मीटर तक गिर सकता है झीलों का जल स्तर

9 से 18 मीटर तक गिर सकता है झीलों का जल स्तर

Share this article Share this article
published Published on Dec 31, 2020   modified Modified on Jan 3, 2021

-डाउन टू अर्थ,

लगातार बढ़ते जलवायु संकट के कारण दुनिया भर में समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है और इनके किनारे रहने वाले लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है। यदि अन्य क्षेत्रों की बात करे तो बढ़ता तापमान बिल्कुल विपरीत प्रभाव डाल रहा हैं। जल स्तर गिर रहा है और बड़े पैमाने पर समस्याएं भी पैदा कर रहा है, सभी क्षेत्रों में इसके परिणाम समान रूप से गंभीर हैं। जुस्टिसस लिएबिग यूनिवर्सिटी, गैबेन के शोधकर्ता मैथियास पेंज का मानना है कि जल स्तर में गिरावट पर प्रयाप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

माथियास प्रेंज कहते है कि कैस्पियन सागर को दुनिया की कई अन्य झीलों के द्योतक के रूप में देखा जाता है। कई लोग इस बारे में बहुत कम जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण यह झील नाटकीय रूप से सिकुड़ रही है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इसके सिकुड़ने के सबूत उनके द्वारा उपयोग किए गए मॉडल ने दिए हैं। जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की रिपोर्ट भी झीलों का उल्लेख करने में विफल रही है। जिसके कारण इससे प्रभावित क्षेत्रों के लोग ग्लोबल वार्मिंग के राजनीतिक और आर्थिक परिणामों को भुगतने को मजबूर हैं, शोधकर्ताओं ने कहा कि इसे बदलना होगा।

शोधकर्ता कहते है कि हमें इस क्षेत्र में और अधिक अध्ययन और ग्लोबल वार्मिंग के परिणामों की बेहतर समझ की आवश्यकता है। हमारा उद्देश्य समुद्रों और झीलों के लिए जलवायु परिवर्तन के परिणामों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है ताकि जिन क्षेत्रों में इस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, वहां इससे निपटने के लिए सही दृष्टिकोण सहित उपयुक्त रणनीति विकसित की जा सके।

अपने आकार के कारण कैस्पियन दुनिया की सबसे बड़ी झील है। यहां पानी के लगभग एक फीसदी खारापन होने के कारण, कैस्पियन को एक 'सागर' नाम दिया गया है। जबकि महासागरों में लगभग एक-तिहाई नमक की मात्रा होती है। कैस्पियन का सबसे बड़ा प्रवाह वोल्गा नदी है और इसका सागर से कोई प्राकृतिक संबंध नहीं है। इसका जल स्तर प्रवाह, वर्षा और वाष्पीकरण के आनुपातिक प्रभावों से निर्धारित होता है। ग्लोबल वार्मिंग से वाष्पीकरण बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप जल स्तर में गिरावट आ रही है। यह शोध कम्युनिकेशन्स अर्थ एंड एनवायरनमेंट नामक में पत्रिका प्रकाशित हुआ है।

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


दयानिधि, https://www.downtoearth.org.in/hindistory/climate-change/global-warming/due-to-the-rising-temperature-the-water-level-of-the-lakes-can-fall-from-9-to-18-meters-during-this-century-74832


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close