Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | हरियाणा में कोरोना के नाम पर मुसलमानों पर बढ़ रहे हमले, पहलवान बबीता फोगाट सहित बीजेपी के कई नेता फैला रहे अफवाह

हरियाणा में कोरोना के नाम पर मुसलमानों पर बढ़ रहे हमले, पहलवान बबीता फोगाट सहित बीजेपी के कई नेता फैला रहे अफवाह

Share this article Share this article
published Published on Apr 16, 2020   modified Modified on Apr 16, 2020

-कारवां,

7 अप्रैल को रात के लगभग 11 बजे हरियाणा के कैथल जिले के क्योड़क गांव के 60 साल के गयूर हसन घर पर सो रहे थे. बाहर से आ रहे शोर से उनकी नींद टूटी ही थी कि उन्हें उनके बेटे एहसान ने खबर दी कि उनकी दुकान को आग लगा दी गई है. जब तक हसन दुकान पहुंचे काफी सामान जल चुका था. हसन ने मुझे बताया, “मेरा घर मेरी दुकान से 200-250 मीटर दूर है. मेरा लोहे और वैल्डिंग का पुश्तैनी काम है.”

हसन और उनके पड़ोसियों  ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया लेकिन तब तक बहुत कुछ खाक हो चुका था. हसन ने बताया, “अफवाहों में आकर गांव की ही नई नस्ल ने मेरी दुकान को आग लगा दी. मैंने अपनी जिंदगी में गांव में ऐसा होते नहीं देखा था. ऐसा नहीं है कि गांव के लोग मेरे साथ नहीं खड़े हैं. सभी लोग अब मेरे साथ खड़े हैं. जिस नई पीढ़ी ने आग लगाई थी उनके मां-बाप मुझसे मिलकर माफी भी मांगकर गए हैं और उन्हें दुख है कि उनके बच्चे नफरत की चपेट में आ गए हैं.”

हसन गांव-देहात के भाईचारे में यकीन रखने वाले इनसान हैं और जब मैंने उनसे बात की, तो वह अपनी उम्र के लोगों से मिल रहे समर्थन से संतुष्ट लग रहे हैं. मुझसे बात करते वक्त बार-बार गांव के लोगों पर यकीन रखने की बात ऐसे दोहरा रहे थे मानो उस रात की घटना पर यकीन नहीं करना चाहते हों. उन्होंने कहा, “आजकल इस फोन और खबरों से फैलने वाली नफरत की चपेट में बच्चे आ जाते हैं और इसका शिकार हो जाते हैं. इस नई नस्ल की मुझे फ्रिक होती है. हमारी नस्ल फिर भी समझदार है और उन्हीं के सहारे अब गांव में टिके हुए हैं.”

दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तबलीगी जमात के धार्मिक सम्मेलन की खबरों के बाद से ही हरियाणा में मुस्लिम समुदाय पर लगातार हमले हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घर की बत्ती बुझ कर दिया जलाने की अपील का “पालन” न करने पर, राज्य के जींद जिले के ठाठरथ गांव में हिंदुओं ने अपने चार मुसलमान पड़ोसियों पर हथियारों से हमला कर दिया. इस हमले में बशीर खान और उनके तीन भाई- सादिक खान, नजीर खान और संदीप खान- बुरी तरह जख्मी हो गए. चारों पीड़ितों को इलाज के लिए जींद के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया. तीन भाइयों को इलाज के बाद छुट्टी मिल गई है लेकिन सबसे छोटे भाई संदीप को गम्भीर रूप से जख्मी होने के कारण पीजीआईएमएस रोहतक में भर्ती करवाया गया था. फिलहाल संदीप को भी छुट्टी मिल गई है. बड़े भाई बशीर ने मुझे बताया, "5 तारीख की रात को हमने भी अपनी छत पर दिये जलाए थे लेकिन हमारे घर के बाहर हमेशा जलने वाली बत्ती जल रही थी. जिसका बहाना बनाकर सुबह हमारे पड़ोसियों ने यह कहते हुए हमला कर दिया कि पूरे गांव की बत्तियां बंद थीं लेकिन इन “गाड़ों”  का बल्ब जल रहा था.

जब बशीर मुझसे बात कर रहे थे तो वह लगातार यह कह रहे थे कि पहले कभी “हमें गांव में किसी ने गाड़ा नहीं कहा था.” उन्होंने बताया, “जो हुआ सो हुआ. गांव ने इकट्ठा होकर हमें आश्वासन दिया है कि जिंदगी में दोबारा ऐसा नहीं होगा. हमारे ऊपर हमला करने वालों ने भी भरी पंचायत में माफी मांग ली है और हमने भी उन्हें माफ कर दिया है. गांव का मामला है दुश्मनी मोल लेकर जिंदगी नहीं चलती. वैसे भी हम तो राज मिस्त्री (घरों में चिनाई का काम करने वाले) हैं. हमारा सारा कुछ गांव से ही तो चलता है इसलिए गांव की सलाह पर हमने सुलह कर ली है."

हरियाणा में हो रहे सांप्रदायिक हमलों को रोकने के प्रयास में जुटे संगठन जमींदारा लीग के सामाजिक कार्यकर्ता मीत मान ने मुझे बताया, "हरियाणा में लोगों को कोरोना का डर दिखाने की बजाय मुसलमानों का डर दिखाया जा रहा है, जिसकी वजह से मुसलमानों पर लगातार हमलों की घटनाएं सामने आ रही हैं. हरियाणा के लोगों को यह समझना चाहिए कि जिनके ऊपर हम सांप्रदायिक नफरत से हमला कर रहे हैं उन्हें विभाजन के दौरान हमारे पूर्वजों ने अपनी गरज के लिए रोका था.” मान ने बताया, “सन 1947 में जब ये (मुस्लिम) लोग पाकिस्तान जाने लगे तो हमारे बुजुर्गों ने हाथ जोड़कर इन्हें यहीं रुकने के लिए कहा था ताकि गांव का सामाजिक और आर्थिक तानाबाना न टूटे.”

1947 में जिन्हें रोका गया था वे हाथ का काम जानने वाले हुनरमंद कामगार मुस्लिम थे, जिनकी जरुरत हर गांव में रहती है. खेती के औजारों से लेकर रसोई का सामान तक, हर जरूरी समान इनके हाथों से बनकर गांव के घर-घर और खेत-खेत पहुंचता था. मान कहते हैं, “आज हमारे गांवों में जो एक-दो घर मुसलमानों के बचे हैं, वे सब हमारे बुजुर्गों के कहने पर ही रुके थे. उनमें ज्यादातर लोहार, धोबी, जुलाहे और तेली जैसी कामगार जातियां हैं जो पूरे गांव को फसल काटने के औजार बनाकर देने, राज मिस्त्री, कपड़ों को रंगने, धोने और अन्य तरह के काम करते हैं. लेकिन अब अफवाहों में पड़कर हम उन्हें उजाड़ने में तुले हैं."

पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.


मनदीप पुनिया, https://hindi.caravanmagazine.in/politics/haryana-covid-communal-propaganda-hurts-muslims


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close