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न्यूज क्लिपिंग्स् | HIV गर्भवती के इलाज से डॉक्टरों ने भी पीछे किए हाथ

HIV गर्भवती के इलाज से डॉक्टरों ने भी पीछे किए हाथ

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published Published on Apr 24, 2017   modified Modified on Apr 24, 2017

एक एचआईवी संक्रमित महिला को पहले तो परिवार ने छोड़ा। अब डॉक्टर भी इलाज में आनाकानी कर रहे हैं। पीएमसीएच में भर्ती कराई गई महिला की हालत गंभीर है। आरोप है कि महिला के पेट में मृत बच्चे को निकालने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।

महिला को शनिवार शाम चार बजे स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में एक एनजीओ की पहल पर भर्ती कराया गया है। एचआईवी संक्रमित महिला के पेट में बच्चा मर गया है। एनजीओ के पदाधिकारियों का आरोप है कि बच्चे को निकालने का प्रयास नहीं किया जा रहा है, जिससे उसकी हालत गंभीर हो रही है।

एनजीओ संचालक ज्ञानरंजन का कहना है कि महिला को सिर्फ एंटीबायोटिक और गैस की दवा दी गई है जबकि पेट से बच्चा निकालने के लिए वेजाइनल के माध्यम से जरूरी दवाएं देनी होती है। कोई डॉक्टर तैयार नहीं है। कुछ जूनियर डॉक्टरों ने तो महिला के परिजनों के साथ दुव्र्यवहार भी किया है। इसीलिए इसकी शिकायत पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और अधीक्षक से की गई है। इस संबंध में अधीक्षक का कहना है कि उसके पेट में सात माह का बच्चा है लेकिन वह मर चुका है। दवा देकर सामान्य तौर पर पेट से बच्चे को निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसमें दो से तीन दिन लग जाते हैं।

पहले भी उपचार से किया था मना: बता दें कि चार माह पूर्व पीएमसीएच में ही एक एचआईवी पीड़ित गर्भवती महिला का उपचार करने से डॉक्टरों ने इनकार कर दिया था। पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर उसे आईजीआईएमएस में भर्ती किया गया है।

परिवार ने भी छोड़ा
-एचआईवी पीड़िता के पेट में मरा बच्चा, पीएमसीएच में भर्ती महिला की हालत गंभीर
-डॉक्टरों पर उपचार नहीं करने का आरोप, एनजीओ की पहल पर भर्ती हुई महिला

2007 में हुई थी संक्रमित
फतुहा की एक महिला 2007 में ही एचआईवी संक्रमित हुई। इसके बाद पति ने छोड़ दिया। परिजनों ने दूसरी शादी करा दी। उसके पेट में सात माह का बच्चा हुआ तो दूसरे पति ने भी साथ छोड़ दिया। बाद में महिला ने अशोक राजपथ स्थित एक एनजीओ के पदाधिकारियों से उपचार की गुहार लगाई थी।

महिला की सेहत पर नजर रखी जा रही है। डॉक्टरों को उचित उपचार के निर्देश दिए हैं।
- डॉ. लखींद्र प्रसाद, अधीक्षक, पीएमसीएच



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